क्या बीजेपी ज्वाइन करेंगे आनंद शर्मा? नड्डा बोले- हमारे पास ‘साझा संभावनाएं’

नई दिल्ली,

कांग्रेस के सीनियर लीडर आनंद शर्मा ने हिमाचल प्रदेश की चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. ऐसे में लोग कयास लगा रहे हैं कि क्या वो बीजेपी ज्वॉइन करने जा रहे हैं? हालांकि आनंद शर्मा ने साफ किया है कि वो बीजेपी में नहीं जा रहे हैं और पार्टी के प्रत्याशियों के लिए प्रचार करते रहेंगे. लेकिन राजनीति में ‘ ना कहने ‘ के भी कई अर्थ होते हैं. इस बीच जेपी नड्डा ने आजतक से खास बातचीत में इस पूरे घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

बीजेपी के नेशनल प्रेसिडेंट जे. पी. नड्डा का कहना है कि आनंद शर्मा और वो निजी जीवन में दोस्त हैं. उन्होंने कहा था कि वो इस कार्यक्रम (हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रों का सम्मेलन) में नहीं आ सकते. मैंने ही आयोजकों से कहा था कि उन्हें सभी पार्टियों के नेताओं को बुलाना चाहिए. कांग्रेस की हिमाचल प्रदेश चुनाव संचालन समिति से आनंद शर्मा का इस्तीफा, उनका निजी फैसला है. मेरा उनसे जुड़ाव हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र के तौर पर ही है.

जे. पी. नड्डा ने कहा कि आनंद शर्मा ने उनसे पार्टी (BJP) ज्वॉइन करने के बारे में कोई बात नहीं की है. लेकिन निजी तौर पर हम एक-दूसरे को जानते हैं, हमारे पास ‘साझा संभावनाएं’ हैं.अपने कॉलेज के वक्त को याद करते हुए जेपी नड्डा ने कहा- मेरे जवानी के दिनों की यादें ताजा हो गईं. मैं राजनीतिक तौर पर सक्रिय था. मेरी पोस्ट ग्रेजुएशन यहीं हुई और मैंने राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा लिया. हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में हम सहमत और असहमत दोनों होते थे.

पिछले महीने भी जब आनंद शर्मा और जेपी नड्डा की मुलाकात हुई थी, तब भी राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं होने लगी थीं. ऐसे में उनका चुनावी राज्य हिमाचल प्रदेश में पार्टी के अहम पद से इस्तीफा देना कई सवाल पैदा करता है. हिमाचल प्रदेश में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं. बीजेपी यहां अभी सत्ता में है, जबकि आम आदमी पार्टी भी चुनाव के लिए जोर-आजमाइश कर रही है.

आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया पर सीबीआई की कार्रवाई को लेकर भी जे. पी. नड्डा ने अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होने कहा कि आम आदमी पार्टी कार चेहरा अब सामने आ गया है. कानून अपना काम करेगा, इसका राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने भी SIT का सामना किया, लेकिन उन्होंने कभी भी इसकी आलोचना नहीं की. अगर वो इतने (मनीष सिसोदिया) इतने ही ईमानदार हैं, तो अदालत जाएं. ED के पास जाएं और जवाब दें. उन्होंने भाजपा के हिमाचल प्रदेश में सत्ता में वापस लौटने की भी बात कही.

आनंद शर्मा ने हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने इसकी वजह लगातार हो रहे अपमान और बहिष्कार को बताया है. कहा जा रहा है कि सोनिया गांधी को भेजे अपने इस्तीफे में भी उन्होंने अपनी उपेक्षा का आरोप लगाया था. आनंद शर्मा ने अपने इस्तीफे में बैठकों में न बुलाए जाने के साथ ही कई बातों का जिक्र किया है.

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