नोएडा
नोएडा में हुई त्यागी महापंचायत में हिस्सा लेने के लिए हजारों-हजार की संख्या में लोग जुट गए। यहां आए लोग कुछ दिनों पहले तक श्रीकांत त्यागी को जानते तक नहीं थे। लोग महिला के साथ किए गए व्यवहार से असहमत भी दिखे। लेकिन इस मामले की आड़ में त्यागी समाज की बदनामी और श्रीकांत की पत्नी और बच्चों की प्रताड़ना के खिलाफ एक सुर से विरोध हुआ।
धोती-कुर्ता पहने बुजुर्गों से लेकर स्मार्टफोन लिए हुए नौजवान तक त्यागी महापंचायत में शामिल होने के लिए पहुंचे। बुलंदशहर जिले के खुर्जा से करीब 80 किलोमीटर की दूरी तय करके पहुंचे 21 साल के यश त्यागी ने बताया, ‘मेरे गांव में हर कोई श्रीकांत त्यागी केस की चर्चा ही कर रहा है। इस मामले के बाद हमारी बिरादरी की बदनामी पर बात हो रही है। हमारे बारे में बहुत सारी गलतफहमी फैलाई गई है।’ महिला के साथ अभद्रता के मामले में कार्रवाई को एक समाज से जोड़कर पूरे मामले को गरमा दिया गया है।
बागपत से चलकर यहां आए 24 साल के शशांक त्यागी को फेसबुक के जरिए महापंचायत के बारे में जानकारी मिली थी। उन्होंने बताया, ‘सोशल मीडिया पर ही मुझे महापंचायत के बारे में जानकारी मिली। गांव के लोगों से चर्चा हुई और हमने चलने का फैसला किया। हम 70-80 बसें, 300-400 कारें और 30 बाइक जुटाकर नोएडा में आए हैं।’ इस पूरे मामले में भाजपा के गौतमबुद्धनगर सांसद डॉ. महेश शर्मा को निशाने पर ले लिया गया है। उनके खिलाफ लगातार बयानबाजी हुई। श्रीकांत त्यागी को राजनीतिक षड्यंत्र के तहत फंसाए जाने का आरोप लगा।
श्रीकांत से जुड़े विवाद को लेकर उन्होंने कहा कि त्यागी समाज पढ़ा-लिखा है और असामाजिक गतिविधियों में शामिल नहीं होते हैं। वीडियो में श्रीकांत एक महिला के साथ गाली-गलौच करते नजर आ रहे हैं क्योंकि उसने सोसाइटी के कॉमन एरिया में पेड़ लगाए जाने का विरोध किया था। हम श्रीकांत के व्यवहार का समर्थन नहीं करते हैं लेकिन घर पर बुलडोजर भेजना और पत्नी को प्रताड़ित किया जाना गलत है। कार्यक्रम में भाग ले रहे केशव त्यागी ने कहा कि हम सांसद डॉ. महेश शर्मा को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने हमारे समाज को एक कर दिया।
नोएडा में हुई महापंचायत में कई राज्यों से लोग हिस्सा लेने पहुंचे। राजस्थान के किठूर से आए विक्रम त्यागी ने कहा कि वह न्याय की उम्मीद में यहां तक आए हैं। उन्होंने कहा, ‘या तो हमारी मांगें पूरी करो नहीं तो विरोध का सामना करो। प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री से हमारा कोई विरोध नहीं है लेकिन हम न्याय मिलने का भरोसा चाहते हैं। एक नेता खुलेआम हमारे समाज को गाली दे रहा है। यह अपराध है। इस पर अभी तक कोई ऐक्शन क्यों नहीं लिया गया?’
महापंचायत में शामिल होने बिहार से आए एक शख्स ने गांव से करीब 70 लोगों के शामिल होने का दावा किया। शिव त्यागी ने बताया, ‘इस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और जिस किसी की भी गलती हो, उसे सजा मिलनी चाहिए। लेकिन किसी एक समाज को बदनाम करना और हैशटैग चलाना गलत है। पुलिस और मीडिया को उचित तरीके से काम करना चाहिए।’
नोएडा के भंगेल निवासी 62 साल के गजेंद्र त्यागी ने रविवार को महापंचायत जुटान को राजनीतिक संदेश भी बताया। उन्होंने कहा, ‘यह बात केवल हम त्यागियों के बारे में ही नहीं है। यहां आम जनता इकट्ठा हुई है। यहां पर ब्राह्मण, राजपूत, गुर्जर सहित अन्य बिरादरी की तरफ से पूरा समर्थन मिला है।’ महापंचायत में भाजपा नेताओं के एंट्री बैन से संबंधित पोस्टर भी दिखे। इस जुटान के जरिए एक चेतावनी देने की कोशिश की गई।
महापंचायत के बाद त्यागी समाज के लोगों ने गौतमबुद्धनगर के डीएम से मुलाकात की। उन्हें अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा। इसमें श्रीकांत त्यागी की रिहाई की मांग की गई। ज्ञापन में श्रीकांत की पत्नी अनु त्यागी को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने वाले पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की भी मांग की गई है। इसके अलावा अनु त्यागी से मुलाकात करने पहुंचे श्रीकांत के साथियों की गिरफ्तारी और केस को रद्द करने की भी मांग की गई। श्रीकांत त्यागी पर लगे गैंगस्टर ऐक्ट को भी रद्द करने की मांग की गई है।
चौबली गांव के प्रधान नितिन त्यागी ने इस मामले में कहा कि श्रीकांत की पत्नी अनु त्यागी को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। इस मामले में आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ हम मामला दर्ज कराएंगे। साथ ही, उन्होंने श्रीकांत त्यागी पर लगाए गए गैंगस्टर ऐक्ट को हटाने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि हमारी बहन अनु त्यागी को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। परेशान करने की कोशिश की गई। पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की। इसलिए, हम उनके खिलाफ ऐक्शन लेंगे।