बीजिंग
भारत और अमेरिका के बीच 30 घातक रीपर ड्रोन खरीदने को लेकर डील अब अपने अंतिम चरण में है। खबरों के मुताबिक भारत 3 अरब डॉलर में तीनों ही सेनाओं के लिए ये 30 MQ-9B ड्रोन खरीदने जा रहा है। अमेरिका का यह अत्याधुनिक ड्रोन विमान लंबे समय तक हवा में रह सकता है और निगरानी से लेकर दुश्मन का शिकार तक करने का काम कर सकता है। कहा जाता है कि इसी ड्रोन के एक और संस्करण MQ-9 रीपर ड्रोन की मदद से ही अमेरिका ने अलकायदा सरगना अयमान अल जवाहिरी को काबुल में मार गिराया था। भारत के इस बेहद सफल ड्रोन के खरीदने की खबर पर चीन का सरकारी मीडिया लाल हो गया है और उसने तंज कसा है कि अमेरिका ठग रहा है।
ग्लोबल टाइम्स के पूर्व एडिटर हू शिजिन ट्वीट करके कहा, ‘3 अरब डॉलर (MQ-9B ड्रोन) जैसे कम से कम 300 ड्रोन खरीदने के लिए पर्याप्त होने चाहिए। अमेरिकी भारत को ठग रहे हैं, जैसे कि यह बेवकूफी से भरा पैसा हो।’ हू शिजिन के इस ट्वीट पर भारतीयों ने उन्हें करारा जवाब भी दे दिया। सुब्रमण्यन ने लिखा, ‘आपका यह ट्वीट ही बता रहा है कि हम एकदम सही फैसला ले रहे हैं।’ हू शिजिन जिस तरह के ड्रोन का इशारा कर रहे हैं, वह चीन में बने ड्रोन हैं जो दुनियाभर में जंग के मैदान में बेकार साबित हो रहे हैं।
जंग के मैदान में फेल साबित हो रहे हैं चीन के ड्रोन
पिछले साल ही हूती विद्रोहियों ने चीन में बने रेनबो CH-4B ड्रोन को अपने एयर डिफेंस सिस्टम से मार गिराया था। यही नहीं लीबिया की सेना ने भी चीन के सबसे शक्तिशाली ड्रोन में शामिल विंग लूंग 2 ड्रोन को मार गिराया था। दरअसल, चीन के ग्लोबल टाइम्स के मिर्ची लगने की वजह यह है कि इस ड्रोन की मदद से भारत हिमालयी क्षेत्र में चीन के अंदर तक आसानी से न केवल हमले कर पाएगा बल्कि सटीक हवाई हमले करने की ताकत को भी हासिल कर लेगा। यही नहीं चीन की नौसेना अब हिंद महासागर में तेजी से घुसपैठ कर रही है, ऐसे में भारत इस ड्रोन की मदद से ड्रैगन की पनडुब्बियों का न केवल पता लगा सकेगा बल्कि उनका शिकार भी कर सकेगा।
इस ड्रोन को खरीदने के भारत और अमेरिका की बातचीत अंतिम चरण में पहुंच गई है। MQ-9B ड्रोन विमान MQ-9 रीपर ड्रोन का ही एक संस्करण है जिसके बारे में कहा जाता है कि उसने ही काबुल में घुसकर जवाहिरी की मिसाइल हमला करके हत्या कर दी थी। सूत्रों के मुताबिक भारत और अमेरिका के बीच सरकार से सरकार के स्तर पर खरीद के लिए बातचीत चल रही है। इस ड्रोन को अमेरिका की दिग्गज कंपनी जनरल एटामिक्स बनाती है। कंपनी के भारतीय मूल के सीईओ डॉक्टर विवेक लाल ने बताया कि दोनों ही पक्षों के बीच बातचीत अब आखिरी चरण में पहुंच गई है।