नई दिल्ली,
रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी के बुरे दिन समाप्त होने का नाम नहीं ले रहे हैं. अब अनिल अंबानी के ऊपर काला धन कानून का शिकंजा कस रहा है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अनिल अंबानी के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने की मांग की है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने यह मांग दो स्विस बैंक खातों में 814 करोड़ रुपये से ज्यादा की अघोषित संपत्ति पर 420 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी को लेकर यह मांग की है.
हो सकती है 10 साल तक की कैद
न्यूज एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आरोप लगाया है कि अनिल अंबानी ने जानबूझकर टैक्स की चोरी की है. डिपार्टमेंट के अनुसार, अंबानी ने सोची-समझी रणनीति के तहत विदेशी बैंक अकाउंट में जमा रकम की जानकारी भारतीय टैक्स अथॉरिटीज को नहीं दी. इस संबंध में अनिल अंबानी को अगस्त महीने की शुरुआत में कारण बताओ नोटिस भी जारी की गई थी. डिपार्टमेंट का कहना है कि अनिल अंबानी के खिलाफ ब्लैक मनी (अनडिस्क्लोज्ड फॉरेन इनकम एंड एसेट्स) इम्पोजिशन ऑफ टैक्स एक्ट 2015 के सेक्शन 50 व 51 के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है, जिसमें जुर्माने के साथ अधिकतम 10 साल की कैद की सजा का प्रावधान है.
जानबूझकर विदेशी संपत्ति छिपाने का आरोप
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अनिल अंबानी को जारी नोटिस में उन्हें 31 अगस्त तक जवाब देने को कहा है. पीटीआई ने जब इस बारे में अनिल अंबानी के ऑफिस से संपर्क किया तो कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई. अंबानी के ऊपर असेसमेंट ईयर 2012-13 (AY13) से लेकर 2019-20 (AY20) तक विदेश में रखी अघोषित संपत्ति पर टैक्स की चोरी करने का आरोप है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नोटिस के अनुसार, अधिकारियों ने पाया कि अंबानी बहामास (Bahamas) बेस्ड कंपनी डायमंड ट्रस्ट (Daimond Trust) और नॉदर्न अटलांटिक ट्रेडिंग अनलिमिटेड (Northern Atlantic Trading Unlimited) के इकोनॉमिक कंट्रीब्यूटर और बेनेफिशियल ऑनर हैं. नॉदर्न अटलांटिक ट्रेडिंग अनलिमिटेड को ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड (British Virgin Islands) में रजिस्टर कराया गया है, जिसे टैक्स चोरी के लिए स्वर्ग माना जाता है.
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को मिले ये डिटेल्स
बहामास बेस्ड ट्रस्ट के मामले में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पाया कि यह ड्रीमवर्क होल्डिंग्स इंक नाम से एक कंपनी चलाता है. इस कंपनी ने स्विस बैंक में एक खाता खुलवाया हुआ है, जिसमें 31 दिसंबर 2017 को 32,095,600 डॉलर जमा थे. नोटिस के अनुसार, ट्रस्ट को 25,040,422 डॉलर की इनिशियल फंडिंग मिली थी. डिपार्टमेंट का कहना है कि यह फंडिंग अनिल अंबानी के पर्सनल अकाउंट से भेजी गई थी. अंबानी ने 2006 में ट्रस्ट को खोलने के लिए केवाईसी के दौरान अपना पासपोर्ट दिया था. इस ट्रस्ट के लाभार्थियों में उनके परिवार के लोग भी शामिल हैं.
अनिल अंबानी को देने होंगे करोड़ों के टैक्स
वहीं ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में जुलाई 2010 में रजिस्टर हुई कंपनी ने भी ज्यूरिख (Zurich) के बैंक ऑफ साइप्रस (Bank of Cyprus) में अकाउंट खुलवाया था. डिपार्टमेंट का कहना है कि अनिल अंबानी ही इस कंपनी और कंपनी के फंड के अल्टीमेट बेनेफिशियल ऑनर हैं. इस कंपनी को साल 2012 में बहामास में रजिस्टर्ड एक कंपनी PUSA से 10 करोड़ डॉलर मिले थे. अनिल अंबानी ने ही उस फंड को सेटल किया था और उसके लाभार्थी थे. कर अधिकारियों के अनुसार, दोनों स्विस बैंक खातों में कुल जमा रकम 814 करोड़ रुपये है और इसके ऊपर 420 करोड़ रुपये की टैक्स देनदारी बनती है.