वाराणसी में खतरे के निशान पर पहुंची गंगा नदी, PM मोदी ने तलब की रिपोर्ट

वाराणसी

राजस्थान और मध्य प्रदेश में भारी बारिश का असर अब उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में दिखने लगा है। यमुना समेत सभी सहायक नदियों के जलस्तर ने गंगा को रौद्र स्वरूप में ला दिया है। बीते 2 दिनों के भीतर गंगा का जलस्तर काफी तेजी से ऊपर आया है। 2 दिनों पहले गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु से नीचे बह रहा था और स्थिरता बनी हुई थी। लेकिन आज शाम 6 बजे के मुताबिक गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु से आगे निकलता हुआ 70.44 मीटर तक पहुंच गया।

काशी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र में आई इस विपदा को लेकर चिंतित हैं। बाढ़ के हालात पर उनकी सीधी नजर है। दोपहर बाद उन्होंने वाराणसी के कमिश्नर और जिला अधिकारी से फोन कर हालात का जायजा लिया साथ ही हर संभव मदद के लिए सीधा संपर्क करने को भी कहा है। पीएम नरेंद्र मोदी बाढ़ से विस्थापित लोगो को लेकर खासे चिंतित दिखे।

आपात स्थिति में सीधा पीएमओ से संपर्क करें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बढ़ते गंगा के जलस्तर पर वाराणसी के आयुक्त दीपक अग्रवाल और जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा से फोन पर जानकारी ली। हालांकि जिस वक्त पीएम ने फोन किया उस वक्त मंडलायुक्त और जिलाधिकारी शहर में बाढ़ राहत शिविरों का व्यवस्था देख रहे थे। प्रधानमंत्री ने मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल और जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा से गंगा और यमुना नदी के बढ़ते जल स्तर से लोगों के विस्थापन पर चिंता जताई। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि किसी भी आपात स्थिति में वो सीधा पीएमओ से संपर्क कर सकते हैं।

खतरे के निशान को पार कर जाएगी गंगा
डीडीएमए प्रभारी संजीव सिंह ने एनबीटी ऑनलाइन को बताया कि आज गंगा का जलस्तर दोपहर 1:00 बजे चेतावनी बिंदु को पार कर गया शाम 6:00 बजे तक गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु 70.26 से आगे 70.44 मीटर तक पहुंच चुका है फिलहाल गंगा के जलस्तर में 3 सेंटीमीटर प्रति घंटे की बढ़त लगातार जारी है । अगर यही हालात रहे तो कल दोपहर बाद गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 71.26 को पार कर जाएगा। अब तक सबसे उच्चतम गंगा का जलस्तर 73.32 मीटर रहा है।

प्रशासन की तैयारी पूरी
बिगड़ते हालात को देखते हुए जिला प्रशासन ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली है। शहरी इलाके में कुल 9 बाढ़ चौकी स्थापित की गई है। वहीं ग्रामीण इलाकों के लिए दो बाढ़ चौकी लगाई गई है। इन बाढ़ राहत शिविरों में विस्थापित हुए लोगों के लिए खाने-पीने और चिकित्सा की सुविधा मुहैया कराई जा रही है। साथ ही बाढ़ ग्रस्त इलाकों में रात की पेट्रोलिंग पर भी नजर रखी जा रही है ताकि किसी तरह की चोरी से विस्थापित लोगों के संपत्ति को बचाया जा सके।

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