नई दिल्ली
बिहार में सीबीआई की छापेमारी के बाद राज्य के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बुधवार को कहा कि कई आरजेडी नेताओं के यहां छापे मारे जा रहे हैं और मेरा नाम मामले में घसीटा जा रहा है। साथ ही उनकी ओर से कई दावे भी किए गए। वहीं सीबीआई के शीर्ष सूत्रों ने बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के दावों को खारिज कर दिया है और कहा है कि जांच एजेंसी की ओर से छापेमारी को लेकर कोई गलती नहीं हुई है। आरजेडी के तीन वरिष्ठ नेताओं और अन्य स्थानों पर केंद्रीय जांच ब्यूरो ने नौकरियों के बदले जमीन मामले में छापेमारी की, जिसमें यूपीए 1 सरकार में रेल मंत्री के रूप में पार्टी के संरक्षक लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल के दौरान अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था।
सर्च ऑपरेशन को दिल्ली, गुरुग्राम, पटना, कटिहार और मधुबनी में विभिन्न स्थानों पर अंजाम दिया गया। तेजस्वी यादव ने कहा कि बिना किसी आधार के कहा गया कि गुरुग्राम में एक मॉल पर सीबीआई ने छापा मारा है, वह मॉल उनका (तेजस्वी) है। तेजस्वी यादव ने कहा कि मीडिया को कुछ पड़ताल करनी चाहिए। यह (मॉल) हरियाणा के किसी व्यक्ति का है और इसका उद्घाटन भाजपा के सांसद ने किया था।
वहीं सीबीआई के सूत्रों ने कहा कि जिन जगहों पर छापे मारे गए थे, वे अच्छी तरह से वेरिफाई थे और एजेंसी द्वारा कोई गलती नहीं की गई। सीबीआई सूत्रों की ओर से कहा गया है कि लगभग 200 प्रॉपर्टी की सेल डीड मिली है। सीबीआई को हालांकि छापे से पहले केवल तीन सेल डीडी के बारे में ही पता था। आय से अधिक संपत्ति का पता चला है और यह सब संभवत: जमीन के बदले रोजगार के मामले से जुड़ा हो।
आरोप है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए नौकरी के बदले कथित जमीन घोटाला हुआ और सीबीआई ने इस मामले में जांच तेज कर दी है। यह आरोप लगाया गया है कि लालू और उनके परिवार के सदस्यों को रेलवे की नौकरी देने के लिए रिश्वत के रूप में जमीन और संपत्ति मिली।
छापेमारी को लेकर तेजस्वी यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी राजनीतिक विरोधियों से बदला लेने के लिए तीन जमाई (ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग) का इस्तेमाल कर रही है। तेजस्वी ने कहा कि पूरा देश हमें उम्मीद की नजर से देख रहा है। उन्हें अधिक से अधिक छापेमारी करने दें। 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए टोन सेट कर दिया गया है।