झारखंड का नंबर गेम भी समझ लीजिए, आखिर हेमंत सोरेन इतने कॉन्फिडेंट क्यों हैं?

रांची

झारखंड में सियासी उथल-पुथल मचा हुआ है। अटकलें लगाई जा रही है कि सीएम हेमंत सोरेन को चुनाव आयोग अपनी रिपोर्ट में विधायक पद के लिए अयोग्य ठहरा सकता है। हालांकि राजभवन से अब तक कोई कन्फॉर्मेशन नहीं है। इन सबके बीच हेमंत सोरेन कॉन्फिडेंट हैं। उनके लगता है कि तमाम परेशानियों के बीच वो अपनी सरकार बचा ले जाएंगे। इसकी वजह नंबर गेम है, जो उनके पक्ष में दिख रहा है। ऐसे में मैजिक नंबर को जानना भी बहुत जरूरी है।

झारखंड का नंबर गेम
झारखंड विधानसभा की कुल सीटें 81 हैं। इस हिसाब से मैजिक नंबर 42 का होता है। जेएमएम के 30 और कांग्रेस 18 (प्रदीप यादव समेत- JVM-P के टिकट पर चुनाव जीते थे) विधायक बहुमत के आंकड़े को पार कर जाते हैं। इसके अलावे आरजेडी के एक विधायक हैं। जो 49 तक जाता है। वहीं, बीजेपी के पास 26 (बाबूलाल मरांडी समेत- JVM-P के टिकट पर चुनाव जीते थे), एजेएसयू के दो, एनसीपी के एक, सीपीआईएमएल के एक विधायक हैं। दो विधायक निर्दलीय (सरयू यादव और अमित यादव) चुनाव जीते हैं। बीजेपी अगर सरकार बनाना चाह भी रही होगी तो उसे काफी मशक्कत करनी होगी। दो-दो बार आरोप लगा कि वो कांग्रेस के विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर चुकी है।

कैसे फंस गए हेमंत?
झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस से बीजेपी के नेताओं ने शिकायत की थी कि हेमंत सोरेन खनन-पट्टे के मालिक हैं। इसलिए उन पर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट (लाभ का पद) का मामला बनता है। राजभवन से ये मामला चुनाव आयोग तक पहुंचा। चार महीने की सुनवाई के बाद हेमंत सोरेन की कुर्सी फंस गई। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 9ए के तहत विधानसभा सदस्यता उलझ गई। 28 मार्च को हेमंत सोरेन के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास की शिकायत के आधार पर चुनाव आयोग को एक डोजियर भेजा गया था। अब चुनाव आयोग से राजभवन को फाइनल रिपोर्ट मिल गई है। राजभवन के एक अधिकारी ने कहा कि इस मामले पर फैसला राज्यपाल जल्द ही कानूनी विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा करने के बाद घोषित करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट की भी तैयारी
पूरे मामले पर झामुमो ने कहा कि अगर सीएम सोरेन को विधायक के रूप में अयोग्य घोषित किया गया तो वो सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे। मुख्य प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य के मुताबिक 81 सदस्यीय विधानसभा में झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन के पास 49 का पूर्ण बहुमत होने के कारण सरकार को तत्काल कोई खतरा नहीं है। 30 विधायकों के साथ झामुमो अब तक का सबसे मजबूत घटक बना हुआ है। हेमंत सोरेन के चुनाव लड़ने पर रोक लगने की स्थिति में आखिरी फैसला भी उन्हीं का होगा। कांग्रेस के पास 18 विधायक हैं, जिनमें से तीन बागी हैं। जिन्हें बंगाल के हावड़ा में कथित तौर पर सरकार को अस्थिर करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली नकदी के साथ गिरफ्तार किया गया था।

About bheldn

Check Also

महाराष्ट्र में BJP ने क्यों नहीं लागू रखा बिहार वाला फॉर्मूला, देवेंद्र फडणवीस को ही क्यों सौंपी कमान?

मुंबई महाराष्ट्र में महायुति की जीत के बाद देवेंद्र फडणवीस बीजेपी की तरफ से इकलौते …