सरकार ‘भारत’ ब्रांड के तहत बेचेगी सभी सब्सिडी वाले उर्वरक, छपा आएगा PMBJP का लोगो

नई दिल्ली

यूरिया और डीएपी जैसे सब्सिडी वाले सभी उर्वरक अब आपको बाजार में ‘भारत’ ब्रैंड नेम के साथ मिलेंगे। इन उर्वरकों की बिक्री सरकार अक्टूबर से ‘भारत’ नाम के एकल ब्रांड के तहत करेगी। उर्वरकों को समय पर किसानों को उपलब्ध कराने और मालढुलाई सब्सिडी की लागत घटाने के लिए सरकार ऐसा करने जा रही है। केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने प्रधानमंत्री भारतीय जनउर्वरक परियोजना के तहत ‘एक राष्ट्र एक उर्वरक’ पहल की शुरुआत भी की। मांडविया ने कहा कि अक्टूबर से सब्सिडी वाले सभी उर्वरकों को ‘भारत’ ब्रांड के तहत ही बेचा जा सकेगा।

बोरी पर लगेगा पीएमबीजेपी का लोगो
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उर्वरक कंपनियां बोरी के एक-तिहाई हिस्से पर अपना नाम, ब्रांड, लोगो और अन्य जरूरी सूचनाएं दे सकेंगी। लेकिन उर्वरक की बोरी के दो-तिहाई हिस्से पर भारत ब्रांड (Bharat) और पीएमबीजेपी का लोगो लगाना होगा। भले ही यह व्यवस्था अक्टूबर से शुरू हो जाएगी, लेकिन उर्वरक कंपनियों को अपना मौजूदा स्टॉक बेचने के लिए दिसंबर के अंत तक का समय दिया गया है।

बीते साल सरकार ने दी 1.62 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी
सरकार ने पिछले वित्त वर्ष (2021-22) में 1.62 लाख करोड़ रुपये की उर्वरक सब्सिडी दी थी। पिछले पांच महीनों में उर्वरकों के दाम वैश्विक स्तर पर बढ़ने से चालू वित्त वर्ष में सरकार पर उर्वरक सब्सिडी का बोझ बढ़कर 2.25 लाख करोड़ रुपये हो जाने की आशंका जताई गई है।

यूरिया की कीमत में होती है 80 फीसदी सब्सिडी
मांडविया ने भारत ब्रांड के तहत सभी सब्सिडी वाले उर्वरकों की बिक्री किए जाने के पीछे की वजह बताते हुए कहा, ‘‘सरकार यूरिया के खुदरा मूल्य के 80 फीसदी की सब्सिडी देती है। इसी तरह डीएपी की कीमत का 65 फीसदी, एनपीके की कीमत का 55 फीसदी और पोटाश की कीमत का 31 फीसदी सरकार सब्सिडी के तौर पर देती है। इसके अलावा उर्वरकों की ढुलाई पर भी सालाना 6,000-9,000 करोड़ रुपये लग जाते हैं।’’

अभी अलग-अलग नाम से बिकता है उर्वरक
उन्होंने कहा कि फिलहाल कंपनियां अलग-अलग नाम से ये उर्वरक बेचती हैं, लेकिन इन्हें एक से दूसरे राज्य में भेजने पर न सिर्फ ढुलाई लागत बढ़ती है, बल्कि किसानों को समय पर उपलब्ध कराने में भी समस्या आती है। इसी परेशानी को दूर करने के लिए अब एक ब्रांड के तहत सब्सिडी वाली उर्वरक बनाई जाएगी।

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