यूपी में फिर मानवता शर्मसार: दो साल के भाई का शव हाथ में लेकर सैकड़ों मीटर चला मासूम

बागपत,

यूपी में एक बार फिर मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। बेरहम मां की करतूत से हुई मासूम की मौत पर सरकारी मशीनरी ने भी मुंह मोड़ लिया। अपनों से मिले जख्मों पर सरकारी मशीनरी ने मरहम की जगह नमक लगाने का काम किया। पोस्टमार्टम के बाद डॉक्टरों ने पिता और दस साल के भाई को मासूम का शव थमा दिया, लेकिन शव वाहन उपलब्ध नहीं करवाया। पिता और बेटे दोनों ने शव वाहन के लिए गुहार लगाई लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही निकला। थक-हारकर पिता प्रवीण मासूम के शव को उठाकर चला।

सैंकडों मीटर की दूरी तय की करने के बाद जब थक गया तो उसने बेटे शिवम को मासूम का शव पकड़ा दिया। भाई मासूम का शव लेकर लेकर पैदल ही जिला अस्पताल से बाहर हाईवे के किनारे तक आ गया। करीब 300 मीटर का फांसला तय करने के बाद शव वाहन पीछे से उनके पास पहुंचा और फिर पिता-पुत्र के साथ मासूम के शव को उनके निवास शामली के खेडी लिलोन गांव तक पहुंचाया। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है।

घटना शुक्रवार की है। खेडी लिलोन शामली निवासी महिला सीता अपने दो साल के बेटे काला और छह साल की बेटी कोको के साथ बागपत पहुंची थी जहां मासूम बेटे के लगातार रोने पर गुस्से में उसने काला को हाईवे पर फैंक दिया था और कार से कुचलकर बच्चे की मौत हो गई थी। पुलिस ने महिला को गिरफ्तार करके शव पोस्टर्माटम के लिए भेज दिया था। शाम के समय मृतक बच्चे के पिता प्रवीण व उसका भाई शिवम जिला अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों ने बच्चे का शव उन्हें थमा दिया और तमाम गुहार के बाद भी शव वाहन उपलब्ध नहीं कराया था।

प्राइवेट एम्बुलेंस के लिए पैसे ही नहीं थे: प्रवीण
मृतक बच्चे के पिता प्रवीण ने बताया कि वह राजस्थान में था जब उसे पत्नी की करतूत और बेटे की मौत का पता चला था तभी वह अपने बेटे के साथ वहां से रवाना हो गया था और शाम के समय बागपत में जिला अस्पताल पहुंचा था। यहां पोस्टमार्टम के बाद बेटे का शव उन्हें सौंप दिया गया मगर काफी मिन्न्तों के बाद भी उसे शव वाहन या सरकारी ऐबुलेंस नहीं उपलब्ध कराई गई। उसके पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वे प्राइवेट एबुलेंस कर लेते। इसके बाद हम बाप-बेटे ने मासूम के शव को हाथों में लेकर ही पैदल चलने का फैंसला लिया। करीब एक घंटे बाद शव वाहन उनके पास आया और हम देर रात तक गांव में पहुंच पाए।

बागपत सीएमओ डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया, परिवार को कुछ देर रुकने के लिए कहा गया था मगर वे हाथों में ही बच्चे का शव लेकर अस्पताल से रवाना हो गए। सीएमएस को जैसे ही इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने तत्काल शव वाहन की व्यवस्था करके उनके पास तक पहुंचाया। शव वाहन के मिलने में देरी कैसे हुई इसके कारणों का पता लगाया जा रहा है।

About bheldn

Check Also

BJP वाले कैसे हरियाणा और महाराष्ट्र जीते… 2 दिन बाद पर्दाफाश करूंगा, केजरीवाल ने विधानसभा में कर दिया बड़ा दावा

नई दिल्ली दिल्ली के पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने …