नई दिल्ली,
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष का चेहरा बनने की ओर अग्रसर हैं. नीतीश को कांग्रेस के समर्थन से पहले पूरे देश से क्षेत्रीय दलों का समर्थन मिलने लगा है. ताजा मामला तेलंगाना के मुख्यमंत्री का बिहार दौरा है.
तेलंगाना सीएम केसीआर नीतीश कुमार से मुलाकात करेंगे. कल यानी 31 अगस्त को चंद्रशेखर राव बिहार दौरे पर रहेंगे. बुधवार को वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ एक कार्यक्रम में शामिल होंगे और इसी दौरान दोनों नेताओं के बीच सियासी मुद्दों पर चर्चा भी होगी और लगे हाथों चंद्रशेखर राव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से 2024 को लेकर भी अपनी बात रखेंगे.
तेलंगाना प्रशासन की ओर से केसीआर के बिहार पहुंचने की जानकारी बिहार सरकार के अधिकारियों तक पहुंच चुकी है. विस्तारपूर्वक कार्यक्रम का विवरण भी अधिकारियों को भेजा जाएगा. बुधवार सुबह को हैदराबाद एयरपोर्ट से केसीआर बिहार के लिए रवाना होंगे.
केसीआर तेलंगाना सरकार की ओर से गलवान घाटी में शहीद हुए बिहार के सैनिकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद देंगे. उसके साथ ही तेलंगाना के सिकंदराबाद में मजदूरी को दौरान 12 मजदूरों की मौत को लेकर बिहार के उन मजदूरों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की सहायता केसीआर प्रदान करेंगे.
JDU की ओर से मिली जानकारी और JDU के संसदीय महासचिव उपेंद्र कुशवाहा कि मानें तो सीएम चंद्रशेखर नीतीश कुमार के साथ भोजन करेंगे. दोपहर का भोजन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ करने के साथ दोनों नेता कई राजनीतिक मुद्दों और देश के ताजा हालात के साथ 2024 के चुनावी मुद्दों को लेकर चर्चा करेंगे.
इधर, ये भी चर्चा है कि तेलंगाना में सक्रिय बीजेपी केसीआर से नीतीश की मुलाकात के मायने तलाशने में जुट गई है. पार्टी के कई नेताओं को इस काम पर लगा दिया गया है कि आखिर केसीआर से नीतीश की मुलाकात किन मुद्दों पर होती है और क्या चर्चा होती है.
सियासी जानकारों के मुताबिक नीतीश कुमार 2024 को लेकर आर-पार के मूड में हैं. कांग्रेस उधर राष्ट्रीय अध्यक्ष के मुद्दे को लेकर आपसी विवाद में उलझी है. इधर पूरे देश में नीतीश कुमार की छवि एक बार फिर महागठबंधन के साथ जाने के बाद अलग तरह की बनी है.
बंगाल में ममता बनर्जी के साथ ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के अलावा देश के अन्य क्षेत्रीय दलों से नीतीश कुमार की पार्टी संपर्क साधने में जुटी है. नीतीश कुमार को विपक्षी दलों को एकजुट करने का जिम्मा भी दिया गया है. केसीआर से मुलाकात के बाद दोनों नेता विपक्ष एकजुटता में एक कदम और आगे बढ़ सकते हैं.