धार,
खेती-किसानी करना बड़ा ही धैर्य का काम है. कभी बाढ़-बारिश, तूफान तो कभी फसलों में लगने वाले रोगों की वजह से किसान नुकसान झेलना पड़ता है. किसान हर साल इसी उम्मीद से फसल लगाता है कि इस बार बढ़िया मुनाफा मिलेगा और उसकी परेशानियां दूर हो जाएंगी. लेकिन उसका यह इंतजार बढ़ता जाता है.
इस वजह से नष्ट कर दिया फसल
धार जिले के बदनावर तहसील के नागदा गांव में सोयाबीन की फसल मे येलो मोजेक बीमारी लगने की वजह से किसान धर्मेंद्र चौहान ने अपनी 9 बीघा में खड़ी फसल पर ट्रैक्टर द्वारा रोटावेटर चला कर के नष्ट कर दिया. फिलहाल, 6 बीघा फसल और बची हुई है, इसपर भी धर्मेंद्र चौहान ने रोटावेटर चलाने का मन बना लिया है.
किसान ने क्या कहा?
किसान धर्मेंद्र चौहान कहते हैं कि येलो मोजेक बीमारी लगने की वजह से एक्स्ट्रा खर्च करना पड़ रहा है. पटवारी और ग्राम सेवक को भी परिस्थितियों से अवगत करवा दिया है. मैंने मांग की है कि मेरी फसल की सर्वे रिपोर्ट तैयार कर प्रशासन को अवगत करवाएं ताकि हमें उचित मुआवजा एवं बीमा क्लेम दिलवाया जाए. वह बताते हैं कि नागदा क्षेत्र में लगभग 1000 बीघा सोयाबीन फसल पीला मोजेक से ग्रसित है.
राज्य में बड़े पैमाने पर होती है सोयाबीन की खेती
बता दें कि मध्य प्रदेश में सोयाबीन की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. इस फसल को यहां के लोग काला सोना भी कहते हैं. हालांकि, पिछले कई सालों में प्रदेश में सोयाबीन के उत्पादन में गिरावट आई है. मौसम के साथ-साथ फसलों में लगने वाले रोग भी इसके पीछे एक बड़ी वजह रहे हैं.
सरकार से है ये मांग
धर्मेंद्र चौहान बताते हैं 9 बीघा फसल को नष्ट कर चुका हूं. 6 बीघा और बाकी है. क्षेत्र में काफी समस्या है फसलों में यह बीमारी बढ़ती जा रही है. प्रशासन से मांग है कि इसका उचित सर्वे कर मुआवजा दिया जाए ताकि हम किसानों के जीवनयापन पर संकट ना आए.