नई दिल्ली,
असम में एक मदरसे को ढहाए जाने के बाद राजनीति तेज हो गई है. एआईयूडीएफ प्रमुख बदरुद्दीन अजमल फिलहाल सरकार को घेर रहे हैं. इस बीच असम के सीएम हिमंत बिस्वा शर्मा का बयान आया है. उन्होंने कहा कि अगर मदरसे में देश विरोधी गतिविधियां हुईं तो उनको ढहा दिया जाएगा. यह राजनीतिक बयानबाजी बोंगाईगांव जिले में मदरसे को गिराए जाने के बाद तेज हुई है. इस मदरसे पर जिहादी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप था. इसको प्रशासन ने बुधवार को गिरा दिया. मदरसे पर यह कार्रवाई भवन नियमों का उल्लंघन करने पर हुई थी.
सीएम के बयान से पहले बदरुद्दीन अजमल ने असम सरकार पर बेहद संगीन आरोप लगाया. बदरुद्दीन अजमल का कहना है कि मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा असम में ठीक वही तरीका अपना रहे हैं, जो योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में कर चुके हैं. असम सरकार पर मदरसों से छात्रों को निष्कासित करने का आरोप है. अजमल ने जिहादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में एक शिक्षक को गिरफ्तार करने के बाद 31 अगस्त को दो मदरसों से छात्रों को निष्कासित करने की निंदा की.इस संबंध में अजमल की अगुवाई में एआईयूडीएफ का एक प्रतिनिधिमंडल आज शाम 7.30 बजे मुख्यमंत्री से मुलाकात करेगा. इस दौरान मदरसों को ढहाए जाने के संबंध में ज्ञापन भी सौंपा जाएगा.
‘2024 में वोट पाने के लिए मदरसों पर हमले बढ़ रहे’
एआईयूडीएफ अध्यक्ष मौलाना बदरुद्दीन अजमल का कहना है कि मुस्लिमों व मदरसों पर हमले इसलिए बढ़ गए हैं, क्योंकि भाजपा 2024 के चुनाव में उन्हें डरा कर वोट लेना चाहती है और सत्ता में बनी रहना चाहती है.
अजमल का कहना है कि 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले मुस्लिमों और मदरसों पर हमले बढ़ गए हैं. भाजपा को 2024 में सत्ता में बने रहने के लिए मुस्लिमों के वोटों की जरूरत है. मुस्लिमों पर उनके हमले बढ़ रहे हैं ताकि डरे हुए मुस्लिम उन्हें वोट कर सकें.
‘मदरसों का इस्तेमाल राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के लिए नहीं हो’
इस पूरे मामले पर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का कहना है कि अगर सरकार को यह जानकारी मिलेगी कि मदरसों का इस्तेमाल राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के लिए किया जा रहा है तो इस तरह के संस्थानों को ढहाया जाएगा. बता दें कि असम के बोंगाईगांव जिले के एक मदरसे में प्रशासन ने बुधवार को कथित तौर पर जिहादी गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप लगाते हुए ढहा दिया था.
हिमंत बिस्वा ने कहा, हमारी मदरसों को ढहाए जाने की कोई मंशा नहीं है. हमारी मंशा सिर्फ यही है कि इन मदरसों का इस्तेमाल जिहादी तत्वों के लिए नहीं हो. अगर हमें ऐसी कोई जानकारी मिलेगी कि मदरसों की आड़ में राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के लिए इनका इस्तेमाल किया जा रहा है तो इन्हें ढहाया जाएगा. बता दें कि इससे पहले बारपेटा जिले के एक मदरसे को भी इसी तरह ढहाया गया था.