भेल ने किया 5 माह में 935 करोड़ का उत्पादन, टारगेट 5012 करोड़ का

– हाईड्रो के एक कस्टमर का आर्डर होल्ड पर, कम हो सकता है टारगेट, कैश कलेक्शन 1145 करोड़

भोपाल

भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड भेल भोपाल कारखाने में उत्पादन लक्ष्य पाने जी तोड़ कोशिश की जारी है । वर्ष 2022-23 के लिये भेल दिल्ली कॉरपोरेट ने इस कारखाने को 5012 करोड़ का टारगेट दिया है । अप्रैल से लेकर जुलाई 2022 तक करीब 832 करोड़ का उत्पादन किया जा चुका है । वहीं अगस्त माह में करीब 103 करोड़ का होना बताया जा रहा है इस हिसाब से इस यूनिट का उत्पादन 5 माह में 935 करोड़ का हो चुका है । रही बात कैश कलेक् शन की तो करीब 1145 करोड़ का कैश कलेक् शन का भी रिकार्ड बन रहा है ।

यूं तो दिल्ली कॉरपोरेट ने 5000 करोड़ से ज्यादा का लक्ष्य देकर मुश्किलें खड़ी कर दी हैं । एसटीएम जैसे विभाग के पास तो आर्डरों की भारी कमी है । नये आर्डर मिलने की उम्मीद जारी है । रही बात हाईड्रो ग्रुप की तो इसके पास आर्डरों की भरमार तो थी लेकिन कुछ खास कारणों से एक बड़ी प्राइवेट कंपनी के आर्डर पर होल्ड लग जाने से करीब 1000 करोड़ के उत्पादन पर ग्रहण लग सकता है ।

टीसीबी और टे्रक्शन मोटर जैसे विभाग पूरी रफ्तार से प्रोडक्शन बढ़ाने की कोशिश में लगे हैं । कंपनी में आर्डरों की पोजिशन काफी हद तक ठीक है लेकिन समय पर मटेरियल मुहैया कराना जरूरी है । हालही में प्रतिनिधि यूनियन के चुनाव के बाद काफी हद तक धरना प्रदर्शन व जन्म दिन मनाने के कार्यक्रम ने भी काफी हद तक प्रभावित किया है । इसके विरूद्ध प्रबंधन द्वारा जारी फरमान के बाद कमी आई है । प्लांट कमेटी की बैठक शनिवार को आयोजित की गई है उत्पादन से जुड़े मुद्दों के अलावा भेल के कस्तूरबा अस्पताल और भेल उद्योग नगरी की समस्याओं के मुद्दों पर चर्चा होगी ।

प्रबंधन उत्पादन की स्थिति की जानकारी भी देगा । इस बैठक को लेकर काफी विवाद की स्थिति बनी हुई है । बीएमएस यूनियन ने अपने सदस्यों के नाम प्लांट कमेटी में दे दिये हैं जबकि ऐबू,एचएमएस और सीटू ने सदस्यों के नाम नहीं दिये हैं बल्कि कर्मचारियों की पुरानी मांगों को लेकर बहिष्कार कर दिया । इस संबंध में एचएमएस के महामंत्री अमर सिंह राठौर का कहना है कि अगस्त तक कारखाने मेें उत्पादन 935 करोड़ हुआ है वहीं कस्तूरबा अस्पताल में सीनियर सिटीजन क्लीनिक और सुपर स्पेशलिस्ट क्लीनिक खोलन के प्रस्ताव दिये गये हैं ।

रही बात भेल उद्योग नगरी की तो उसके पास कोई कार्य योजना ही नहीं है क्योंकि भेल दिल्ली कॉरपोरेट नगर प्रशासन विभाग को फंड ही नहीं भेज रहा है । यही सब प्लांट कमेटी की बैठक में बताया जायेगा । उन्होंने कहा कि भेल प्रशासन को पहले कर्मचारियों की मांगों का निपटारा करना होगा फिर प्लांट कमेटी की बैठक का आयोजन । इसलिये चुनी हुई अन्य प्रतिनिधि यूनियनों ने प्लांट कमेटी का बहिष्कार किया है ।

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