गुरुग्राम
क्या वो अब दुनिया से नजरें मिला सकेगी? क्या वो ऑफिस की उस कुर्सी की तरफ झांक भी सकेगी, जहां वो कभी बैठा करता था? वो खुद को कैसे समझा सकेगी कि अब वो दुनिया में नहीं रहा? उसने आरोप तो लगा दिया, लेकिन शायद ही समझी होगी कि इसका इतना भयावह परिणाम होगा। शायद उसे अपनी गलती का अहसास हो और पश्चाताप के तौर पर दूसरों को भी बताए कि किसी के चरित्र पर उंगली उठाने से पहले हजार नहीं, दो-चार बार नहीं, बार-बार सोचना चाहिए। आखिर इज्जत तो लड़के की भी होती है ना? शर्म तो उसे भी आती है ना? दाग से उसे भी डर लगता है ना? अगर लड़के की इज्जत नहीं होती, उसे शर्म नहीं आती, उसे दाग से डर नहीं लगता तो आज वो जिंदा होता। आखिर उसने एक आरोप मात्र से जिंदगी त्याग दी। इतना आहत, इतना दुखी, इतना शर्मिंदा…
आरोप से इतना आहत कि दे दी जान
वो एक प्राइवेट कंपनी में असिस्टेंट मैनेजर था। उम्र बस 41 वर्ष। काफी दुनिया देखनी थी उसे। लेकिन मंगलवार सुबह घर में लटकती उसकी लाश मिली। उसने फांसी लगाकर जान दे दी। क्यों? क्योंकि ऑफिस की ही एक महिला सहकर्मी ने उसके चरित्र पर सवाल उठा दिया। वो अत्यंत आहत था, बेहद भावुक। जांच-पड़ताल की आड़ में उसे प्रताड़ित किया गया। ऑफिस मीटिंग में उसे जलील होना पड़ा। उसने सुसाइड नोट में लिखा, ’13 वर्ष की नौकरी में कभी किसी ने मेरे चरित्र पर सवाल नहीं उठाया और आज अचानक ऐसा आरोप!’ वह इस बात से दुखी था कि उसने कभी किसी को बुरी नजर से नहीं देखा, फिर भी…
अपने कमरे में ही लगा ली फांसी
वह शादीशुदा था। उसकी पत्नी ने पुलिस को वह भयावह मंजर बताया जब उसके पास पति के ऑफिस के ही किसी व्यक्ति की कॉल आई। उसने कहा कि अपने पति को जाकर देखिए। उसका मेसेज आया है कि वह आत्महत्या कर रहा है। पत्नी ने पुलिस को बताया, ‘मैं तुरंत उनके कमरे में गई। देखा, मेरे पति पंखे से झूल रहे हैं। उन्हें तुरंत उतारकर अस्पताल ले गई, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। डॉक्टर ने कहा, अब वो जिंदा नहीं हैं।’ पत्नी को पता चला कि उसके पति ने ऑफिस के कई साथियों को मेसेज किया था कि वह अब और बर्दाश्त नहीं कर सकता है, इसलिए मरने जा रहा है।
पुलिस ने दर्ज किया केस
पुलिस भी सुसाइड नोट पढ़कर समझ चुकी है कि माजरा क्या है। इसलिए उसने आरोप लगाने वाली उस महिला और कंपनी मैनेजमेंट के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने बताया कि चार पन्नों के सुसाइड नोट में उसने साफ-साफ लिखा कि वो अपनी एक महिला सहकर्मी के आरोपों के कारण जान दे रहा है। बकौल पुलिस सुसाइड नोट में उसने लिखा, ‘मैं जो भी कर रहा हूं, उसकी वजह ऑफिस में मेरे ऊपर लगे आरोप हैं। आज मैं प्रताड़ित महसूस कर रहा हूं… मीटिंग में मेरे ऊपर आरोपों की बौछार कर दी गई।’
कजन ने बताई पूरी बात
उसके कजन ने कहा, ‘नाइट शिफ्ट करके वह सुबह में घर लौटे, जैसा उनका रुटीन था। वह अपने कमरे में गए। जब उनके ऑफिस के किसी शख्स ने मेरी भाभी को कॉल किया तो दौड़ा-दौड़ा उनके कमरे में पहुंचा और वहां जो देखा, उससे तो जान हलक में आ गई। उन्होंने आत्महत्या कर ली!’ उन्होंने आगे बताया, ‘मेरे भाई ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है। उसी सुसाइड नोट को उन्होंने ऑफिस मैनेजमेंट के किसी व्यक्ति के फोन पर भेजा, लेकिन परिवार के किसी सदस्य को नहीं भेजा।’ मृतक के कजन ने कहा कि भाई अपने ऊपर लगे आरोप से बहुत आहत थे। उन्होंने हाल ही में यह ऑफिस जॉइन की थी। हमें इन सबके बारे में पता नहीं था। पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज कर ली है, लेकिन किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। प्रक्रिया के तहत पहले सुसाइड नोट में कही गई बातों की पुष्टि की जाएगी और बात सही निकली तो गिरफ्तारियां भी होंगी।