देहरादून,
उत्तराखंड सेवा चयन आयोग के बाद अब विधानसभा में नियुक्तियों का मुद्दा गरमा गया है. मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर धामी एक्शन में दिख रहे हैं. सीएम धामी ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी को पत्र लिखकर निवेदन किया है कि विधानसभा में हुईं नियुक्तियां की जांच हो और उन्हें गलत पाए जाने पर तुरंत रद्द किया जाए.
सीएम धामी ने मामले में उच्चस्तरीय जांच के लिए कहा है और दोषियों पर कठोर कार्रवाई के लिए अनुरोध किया है. बता दें कि जब मामला सामने आया तो सीएम ने तुरंत इसकी जांच STF विजिलेंस को दिए जाने के आदेश दिए. इस मामले में अब तक 28 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने पत्र में ये भी कहा है कि आगे की नियुक्तियों के लिए पारदर्शिता लाई जाए. इसके बाद अब सबकी निगाहें विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी पर टिकी हैं कि वो क्या एक्शन लेती हैं. इससे पहले सीएम धामी ने 2015 में पुलिस सब इंस्पेक्टर भर्ती पर भी विजलेंस की जांच बिठा दी है.
जानिए सीएम ने पत्र में क्या लिखा है…
आपको अवगत कराना है कि सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया आदि में विधानसभा सचिवालय में कतिपय नियुक्तियों में अनियमितता के आरोप विगत कुछ दिनों से चर्चा में हैं. विधानसभा एक गरिमामय स्वायत्तशायी संवैधानिक संस्था है और इस संस्था की गरिमा को बनाए रखना हम सभी की सर्वोच्च प्राथमिकता है.
आप भी सहमत होंगी कि विधानसभा की गरिमा और शुचिता तथा उत्तराखंड के युवा अभ्यर्थियों की भावनाओं को ध्यान में रखकर निम्न बिंदुओं पर विचार किया जाना उचित होगा….
1. विधानसभा सचिवालय में की गई नियुक्तियों के संबंध में विवाद उत्पन्न हुआ है. उसके लिए उच्च स्तरीय जांच कराया जाना और जांच में कोई अनियमितता पाई जाती है तो ऐसी सभी अनियमित नियुक्तियों को निरस्त किया जाना.
2. विधानसभा सचिवालय में भविष्य में निष्पक्ष एवं पारदर्शी नियुक्तियों के लिए प्रावधान किया जाना.
राज्य सरकार द्वारा अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से की गई नियुक्तियों में अनियमितताओं के आरोपों की गहनता से जांच कराने और दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई किए जाने के संबंध में कदम उठाए जा रहे हैं. इस क्रम में मेरा आपसे अनुरोध है कि विधानसभा सचिवालय में नियुक्तियों को लेकर चल रहे विवाद के दृष्टिगत कृपया उपरोक्त बिंदुओं पर विचार करने का कष्ट करेंगी.
यह है मामला
दरअसल, उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने 4 और 5 दिसंबर 2021 को लिखित भर्ती परीक्षा आयोजित की थी. 854 रिक्त पदों के लिए आयोग की यह सबसे बड़ी परीक्षा थी, जिसमें कई विभागों से 13 कैटेगरी की पोस्टिंग भरी जानी थी. परीक्षा में कथित हेराफेरी के मामले में देहरादून पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. शुरुआती जांच के बाद मामला STF को सौंप दिया गया था. उत्तराखंड में सबसे बड़े परीक्षा घोटालों की जांच के दायरे में अब राज्य की विधान सभा और पुलिस विभाग की भर्तियां भी आ गई हैं.
तीन दिन पहले उत्तराखंड लोक सेवा आयोग भर्ती परीक्षा के उम्मीदवारों ने पेपर लीक मामले में न्याय की मांग करते हुए सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया था. दूरदराज से आये अभ्यर्थियों ने राजधानी देहरादून में न्याय की मांग करते हुए नारे लगाए. अभ्यर्थियों ने मांग की थी कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लिखित आश्वासन दें कि ईमानदारी से परीक्षा पास कर नियुक्तियों का इंतजार कर रहे छात्रों के साथ अन्याय नहीं होगा और उन्हें नियुक्ति दी जाएगी.