सागर,
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 170 किलोमीटर की दूर पर बसा है छोटा सा शहर सागर. वैसे तो ये शहर अपनी कुदरती खूबसूरती और पढने-पढाने के माहौल के लिए पूरे राज्य में मशहूर है. लेकिन पिछले चार महीने से यहां एक-एक कर, एक ही तरीके से एक ही जैसे लोगों की हत्या की जा रही है. इसी बात ने सागर को अचानक सुर्खियों में ला दिया है. इनमें भी पिछले तीन कत्ल तो लगातार तीन दिनों के दरम्यान हुए हैं. अब जाकर ये कातिल पुलिस के हाथ आया है.
2-3 मई 2022, रात का वक्त
सागर के मकरोनिया थाना इलाके में रेलवे के ओवर ब्रिज के नीचे इस रात को एक भयानक वारदात हुई. अंडर कंस्ट्रक्शन ओवरब्रिज की देखभाल के लिए यहां तैनात एक चौकीदार का किसी ने खौफनाक तरीके से सिर पर डंडों से वार कर कत्ल कर दिया था. सुबह जब लोगों की नजर इस चौकीदार की लाश पर पड़ी तो पूरे इलाके में सनसनी फैल गई. आनन-फानन में मकरोनिया पुलिस मौका-ए-वारदात पर पहुंची. लाश को बरामद कर पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया. तफ्तीश शुरू हो गई. लेकिन एक-एक कर चार महीने गुज़र गए, मगर क़ातिल का कोई पता नहीं चला.
27-28 अगस्त 2022, रात का वक्त
पिछली वारदात को लोग धीरे-धीरे भुलाने लगे थे. लेकिन करीब 16 हफ्तों के बाद कातिल ने एक बार फिर दस्तक दी. इस बार वारदात कैंट इलाके के भैंसा गांव में हुई थी. यहां ट्रकों के एक गैरेज में चौकीदार का काम करनेवाले एक शख्स का ठीक उसी तरीके से सिर कुचल कर कत्ल किया गया था, जिस तरह चार महीने पहले मकरोनिया में सोते हुए चौकीदार का हुआ था. फर्क बस इतना था कि वहां कातिल ने हथियार के तौर पर डंडे का इस्तेमाल किया था और यहां चौकीदार का कत्ल बडे से हथौडे से सिर कुचल कर किया गया था. और ये हथौडा भी कातिल ने उसी गैरेज से उठा लिया था, जहां चौकीदार तैनात था और जहां उसकी हत्या हुई थी.
29-30 अगस्त 2022, रात का वक्त
चार महीने के बाद शहर में एकाएक एक ही तरीके से हुए दूसरे कत्ल की वारदात ने पुलिस महकमे में हलचल पैदा कर दी थी. हालांकि शहर के लोग अभी भी कत्ल के किसी खास पैटर्न से अंजान थे. लेकिन अगले ही दिन शहर में फिर से एक ऐसी वारदात हुई, जिसने सागर में रहनेवाले आम लोगों को भी खौफ से भर दिया. 29 और 30 अगस्त की दरम्यानी रात को शहर के आर्ट एंड कॉमर्स कॉलेज परिसर में तैनात चौकीदार का कत्ल हो चुका था. चौकीदार कॉलेज परिसर में बनी कैंटिन में सो रहा था और कातिल ने उसे ठीक पहले दो कत्ल की तरह सोए हुए हालत में ही निशाना बनाया था.
हथियार के बिना कत्ल
एक खास बात ये थी कि इस बार कातिल ने अपने साथ लाए गए किसी हथियार से उसकी जान नहीं ली थी, बल्कि उसका कत्ल एक भारी पत्थर से कुचल कर किया गया था. आधी रात को ही जब कॉलेज में तैनात दूसरे चौकीदार की नजर अपने साथी की लाश पर पडी तो उसके होश फाख्ता हो गए. उसने फौरन आस-पास के लोगों को जगाया और पुलिस को फोन किया. पुलिस भी मुंह अंधेरे मौका-ए-वारदात पर पहुंची और लाश को बरामद कर पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया गया. लेकिन जिस तरह से कातिल ने इस शख्स की जान ली थी, वो दिमाग़ घुमाने वाला था. लाश की हालत इतनी बुरी थी कि उसे देखने के लिए भी कलेजा चाहिए था. यानी अब चार महीने में तीन और पिछले दो दिनों में दो चौकीदारों का कत्ल किया जा चुका था.
30-31 अगस्त 2022, रात का वक्त
अभी तफ्तीश चालू थी. पुलिस चौकीदारों की जान लेनेवाले कातिल की तलाश में जर्रा-जर्रा छानना शुरू कर चुकी थी. लेकिन कातिल को अभी और घात करना था और ये घात हुआ अगले ही दिन यानी 30 और 31 अगस्त की रात को. इस बार वारदात शहर के बिल्कुल एक दूसरे कोने में हुई थी. मगर रात के अंधेरे में इस बार भी कत्ल एक चौकीदार का ही हुआ था. कातिल ने शहर के मोतीनगर थान इलाके के रतौना गांव में एक चौकीदार को अपना शिकार बनाया था. ये चौकीदार रतौना में बन रही एक अंडर कंस्टक्शन बिलडिंग में तैनात था और जब उस पर हमला किया गया, वो गहरी नींद में सो रहा था.
नहीं बच सकी जान
चौंकानेवाली बात ये थी कि कातिल ने उसे भी अपने साथ लाए गए किसी खास हथियार से निशाना नहीं बनाया था, बल्कि उस पर मौका-ए-वारदात पर पड़े एक फावड़े से हमला किया गया था. हालांकि दूसरों मामलों से अलग इस केस में कातिल के वार से फौरन इस चौकीदार जान नहीं गई, बल्कि सिर पर हुए जानलेवा हमले से उसकी नींद खुल गई और वो किसी तरह उठ खड़ा हुआ. उसे देख कर हमलावर तो भाग निकला और जख्मी चौकीदार ने किसी तरह लोगों से मदद मांगी. चौकीदार को अस्पताल ले जाया गया. चूंकि हालत नाजुक थी, सागर के अस्पताल से उसे राजधानी भोपाल रेफर किया गया, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी.
मरनेवालों के बीच कॉमन एलिमेंट
इस तरह पिछले तीन दिनों में तीन और चार महीने में कुल चार चौकीदारों का रहस्यमयी तरीके से कत्ल हो चुका था. मरनेवालों में 60 साल का उत्तम रजक, 60 साल का ही कल्याण लोधी, 55 साल का शंभू शरण शर्मा और 46 साल का मंगल अहिरवार शामिल था. वैसे तो मरनेवाले इन चारों लोगों का एक दूसरे से कोई रिश्ता नहीं था और ना ही इनके घर परिवार वाले एक-दूसरे को जानते थे लेकिन जो चीज़ इन इन तमाम वारदातों को एक दूसरे से जोड़ रही थी. वो थी इन चार के चार कत्ल में बिलकुल एक जैसी कई बातों का होना. यानी कॉमन एलिमेंट और इन्हीं कॉमन एलिमेंट ने इन कत्ल को एक बेहद अजीब, चौंकानेवाले और डरावने सिलसिले में तब्दील कर दिया था.
ये कॉमन फैक्टर ही इस बात की तरफ इशारा कर रहे थे कि इन कत्ल के पीछे शायद किसी एक ही शख्स का हाथ है. यानी कत्ल की इन वारदातों को कोई सीरियल किलर अंजाम दे रहा है-
कॉमन एलिमेंट नंबर- 1
कातिल का शिकार बननेवाले सभी के सभी लोग चौकीदार का काम करते थे.
कॉमन एलिमेंट नंबर- 2
कातिल ने अपने हर शिकार को तभी निशाना बनाया जब वो ड्यूटी पर थे और सो रहे थे यानी सभी के सभी कत्ल रात के वक्त में ही हुए थे.
कॉमन एलिमेंट नंबर- 3
सभी के सभी कत्ल सिर पर वार कर या सिर कुचल कर किए गए थे.
कॉमन एलिमेंट नंबर- 4
क़ातिल अपने साथ लाए किसी हथियार की जगह मौके पर पडी चीज़ों को ही हथियार बना रहा था.
कॉमन एलिमेंट नंबर- 5
मरनेवाले सभी लोगों की उम्र 50 साल के आस-पास या उससे ज़्यादा थी.
कॉमन एलिमेंट नंबर-6
और कत्ल के सभी के सभी मौका ए वारदात यानी कत्ल वाली जगहों से सौ मीटर के फासले पर कोई ना कोई पेट्रोल पंप जरूर था.
सीरियल किलर का स्केच बना कर तलाश जारी
अब जाहिर है इतनी सारी एक जैसी बातें महज इत्तेफाक तो नहीं हो सकती थी. और यही वजह है कि पुलिस के साथ-साथ शहर के लोग भी अब इन वारदातों को एक दूसरे से जोड़ कर देख रहे थे. यानी किसी सीरियल किलर की करतूत मान रहे थे. लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत ये थी कि शहर की खुली जगहों पर एक के बाद एक इतने सारे कत्ल हो जाने के बावजूद अब तक पुलिस के पास इस कातिल का कोई पुख्ता सुराग नहीं था. सिवाय एक-आध धुंधली सीसीटीवी तस्वीरों के. और इन्हीं तस्वीरों की बिनाह पर अब सागर की पुलिस इस संदिग्ध सीरियल किलर का स्केच बना कर उसकी तलाश शुरू कर चुकी थी. लेकिन अभी पुलिस को इस रहस्यमयी कातिल के बारे में बहुत कुछ जानना बाकी था और ये बातें भी कम चौंकानेवाली नहीं थी.
आखिर क्यों हो रहा था चौकीदारों का कत्ल?
एक के बाद चौकीदारों के कत्ल की वारदात ने पूरे सागर शहर को सकते में डाल दिया है. चौकीदारों की तो खैर सांसें ही अटक गई हैं. लोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर कातिल ऐसा क्यों कर रहा है. आखिर उसकी चौकीदारों से ऐसी क्या दुश्मनी है. अगर उसे चौकीदारों के सोने से ही नाराज़गी है, तो फिर इस मामूली से जुर्म पर वो चौकीदारों की जान क्यों ले रहा है या फिर वो कोई ऐसा साइकोकिलर है, जिसका चौकीदार या चौकीदारी से कोई रिश्ता है.
पुलिस के पास सुराग के नाम पर नहीं था कुछ
फिलहाल सागर के इस सीरियल किलर को लेकर जितनी मुंह उतनी बातें हैं. और पुलिस के पास चंद धुंधली सीसीटीवी फुटेज के सिवाय सुराग के नाम पर कुछ भी नहीं है. पुलिस सूत्रों की मानें तो उसे जो सीसीटीवी फुटेज मिले हैं, उसमें रात के अंधेरे में एक शख्स बेसाख्ता भागता हुआ दिख रहा है. इस शख्स ने सफेद शर्ट और हाफ पैंट पहन रखी है और इसी सीसीटीवी फुटेज और दूसरी जानकारियों की बदौलत पुलिस ने इस संदिग्ध सीरियल किलर का स्केच बनवाया है, जिसे आधार बना कर पुलिस फिलहाल उसकी तलाश कर रही है.
पूरे सागर जिले में जारी किया गया था अलर्ट
लेकिन ये कोई नहीं जानता था कि वो कब पकड़ा जाएगा. पकड़ा जाएगा भी या नहीं या फिर कहीं पकड़े जाने से पहले ही वो किसी और की जान तो नहीं ले लेगा. यही वजह है कि पुलिस ने अपने महकमे और मुखबिरों को अलर्ट करने के साथ-साथ पूरे सागर जिले में जनजागरण अभियान की शुरुआत कर दी थी, ताकि कातिल के बारे में कोई भी सुराग मिलने पर वो फौरन पुलिस तक पहुंचे और उसे पकड़ा जा सके.
कातिल साथ ले गया मृतको के मोबाइल
अब तक की तफ्तीश में जो कुछ खास बातें सामने आई हैं, उनमें कत्ल का एक जैसा पैटर्न तो है ही, ये भी साफ हुआ है कि कातिल ये सारे के सारे कत्ल कोई लूटपाट के इरादे से नहीं कर रहा है. क्योंकि मौका-ए-वारदात पर पुलिस को ऐसा कोई सुराग नहीं मिला है. एक आध मामलों में मकतूल के मोबाइल फोन के गायब होने की बात सामने आई है, लेकिन वो भी कत्ल का मोटिव नहीं लग रहा.
चौकीदार की लाश के पास मिला था मोबाइल
असल में सोमवार की रात आर्ट्स एण्ड कॉमर्स कॉलेज के कैंटीन में चौकीदार शंभू शरण शर्मा की लाश के पास ही पुलिस को एक मोबाइल फोन भी पड़ा हुआ मिला था. जिसे देख कर पुलिस को लगा कि शायत ये मोबाइल फोन मकतूल चौकीदार शंभू शरण का ही होगा. लेकिन पुलिस तब हैरान रह गई, जब उसे पता चला कि ये मोबाइल उसका नहीं बल्कि उससे एक रोज़ पहले मारे गए चौकीदार कल्याण लोधी का है, जिसका कैंट थाना इलाके के भैंस गांव में कत्ल किया गया गया था. यानी एक बात साफ हो गई कि कत्ल की इस वारदात के पीछे किसी एक ही कातिल का हाथ था. जिसने एक मकतूल का मोबाइल फोन चुरा और उसे अपना शिकार बननेवाले दूसरे चौकीदार की लाश के पास फेंक कर चला गया. पुलिस ने उस मोबाइल के नंबर को सर्विलांस पर लगा दिया था और पुलिस उसे ट्रेस भी कर रही थी.
कत्ल का कोई खास मोटिव नहीं
अब तक की तफ्तीश की ये सारी बातें इस बात की तरफ इशारा करती हैं कि इन सभी के सभी कत्ल का कोई खास मोटिव नहीं है. यानी कातिल की ना तो मरनेवाले चौकीदारों से किसी दुश्मनी की बात समझ में आती है और ना ही कत्ल के पीछे लूटपाट या किसी फायदे का मकसद ही समझ में आता है. ऐसे में बहुत ज़्यादा चांस इसी बात के हैं कि हो ना हो कातिल कोई मानसिक रोगी यानी साइकोपैथ हो, जो रात के अंधेरे में एक ही तरीके से चौकीदारों का कत्ल कर खुश हो रहा हो.
ऐसे पकड़ा गया कातिल
मगर कोई भी शातिर अपराधी ज्यादा समय तक पुलिस की गिरफ्त से दूर नहीं भाग सकता. इस मामले में भी ऐसा ही हुआ. जिस सीरियल किलर की पहेली को सुलझाना सागर पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया था, वो आखिर पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया. दरअसल, पुलिस एक मृतक चौकीदार के मोबाइल की लोकेशन ट्रेस करते हुए राजधानी भोपाली जा पहुंची और वहीं से कातिल पुलिस के हत्थे चढ़ गया. आरोपी का नाम शिवप्रसाद है. वह सागर ज़िले के ही केसली का रहने वाला है. असल में शिवप्रसाद ने जिस तीसरे चौकीदार का मर्डर किया था, वो उसी का फोन अपने साथ लेकर घूम रहा था. जिसे ट्रेस करते हुए पुलिस उस तक जा पहुंची और वो पकड़ा गया. अब पुलिस उससे पूछताछ करने की तैयारी में है..