बेंगलुरु
नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण मामले में चित्रदुर्ग स्थित मुरुगा मठ के महंत शिवमूर्ति मुरुगा शरणारू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। महंत की गिरफ्तारी के एक दिन बाद मैगसेसे पुरस्कार विजेता पी साईनाथ ने शुक्रवार को शरणारू की ओर से 2017 में उन्हें दिए गए ‘बसवाश्री पुरस्कार’ को वापस कर दिया है। साईनाथ वर्तमान में पीपुल्स आर्काइव ऑफ रूरल इंडिया के संस्थापक संपादक हैं। उन्होंने शुक्रवार को मीडिया को जारी अपने बयान में कहा कि मैं चित्रदुर्ग में मुरुगा मठ के पुजारी से जुड़े भयावह घटनाक्रम को जानकर सबसे ज्यादा परेशान हूं। दरअसल शिवमूर्ति मुरुगा शरणारू बच्चों खासतौर से हाई स्कूल की लड़कियों के कथित यौन शोषण के लिए गिरफ्तार किए गए हैं। अब उन्हें POCSO और SC/ST अधिनियम के तहत और आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। साईनाथ ने कहा कि बच्चों के खिलाफ इस तरह के किसी भी अपराध की निंदा करने के लिए कोई शब्द पर्याप्त मजबूत नहीं हैं।
आगे बताते हुए पी साईनाथ ने घोषणा कि मैं मठ की ओर से 2017 में मुझे दिए गए ‘बसवाश्री पुरस्कार’ और इसके साथ आए 5 लाख रुपये की पुरस्कार राशि चेक के साथ लौटाता हूं। उन्होंने एनजीओ-ओडानाडी की तारीफ की, जिसने बच्चों को परामर्श और कानूनी सहायता मुहैया कराई थी। साईनाथ ने कहा कि मैं मैसूर स्थित एनजीओ के प्रयासों की सराहना करना चाहता हूं ताकि भयानक घटनाओं को सबके सामने लाया जा सके। सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ उनकी दशकों पुरानी लड़ाई है। उन्होंने कहा कि मैं कर्नाटक सरकार से अपील करता हूं कि वह इस तरह के मामलों की जांच को सख्ती से आगे बढ़ाए और किसी भी आधार पर समझौता नहीं होने दें।
कब से दे रहे पुरस्कार
दरअसल दुनिया भर में समुदायों और समाजों के निर्माण में योगदान देने वाले व्यक्तियों और संगठनों के कार्यों का सम्मान करते हुए मुरुघा मठ ने 1997 में ‘बसवाश्री पुरस्कार’ का गठन किया। इस पुरस्कार में 5 लाख रुपये नकद पुरस्कार और एक प्रशस्ति पत्र शामिल था।
इन्हें मिला था पुरस्कार
यह पुरस्कार महिला शिक्षा के लिए पाकिस्तान मूल की वैश्विक कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई, स्वतंत्रता सेनानी अन्ना हजारे, तिब्बती नेता दलाई लामा, सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर, स्वामी अग्निवेश, क्रांतिकारी कवि गद्दार, विद्वान और शोधकर्ता डॉ एमएम कलबुर्गी, वरिष्ठ बीजेपी नेता सहित कुल 19 प्रमुख हस्तियां शामिल हैं। इसके अलावा पूर्व पुलिस अधिकारी किरण बेदी, अंतर्राष्ट्रीय एथलीट पीटी उषा, इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति और इंफोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन सुधा मूर्ति, चंदन अभिनेता दिवंगत पुनीत राजकुमार को भी यह पुरस्कार मिला है।