नई दिल्ली,
हफ्ते में चार दिन काम और तीन दिन छुट्टी के फॉर्मूले पर पूरी दुनिया में बहस शुरू हो चुकी है. भारत में केंद्र सरकार ने इस नियम को लागू करने के लिए नए लेबर कोड बना दिए हैं, लेकिन अभी इसे लागू नहीं किया गया है. केंद्र सरकार चाहती है कि सभी राज्य नए लेबर कोड को एक साथ लागू करें. लोगों की पर्सनल लाइफ और काम के बीच में बैलैंस के लिए इस कॉन्सेप्ट को लाया जा रहा है. भारत के अलावा कई और देश भी चार दिन काम और तीन दिन आराम के फॉर्मूले को शुरू करने वाले हैं. हाल ही में ब्रिटेन में इसे लेकर एक स्टडी शुरू की गई है. कई सेक्टर्स की कंपनियों ने 4 डे वर्किंग पायलट प्रोग्राम में हिस्सा लिया है. इसे छह महीने के लिए शुरू किया गया है.
ब्रिटेन में हो रही है स्टडी
जून 2022 में ब्रिटेन में शुरू हुए इस पायलट प्रोजेक्ट का आधा समय यानी तीन महीना बीत चुका है. स्टडी में शामिल कंपनियों का मानना है कि हफ्ते में 4 डे वर्किंग का कॉन्सेप्ट पॉजिटिव है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कंटेट और डिजिटल मार्केटिंग कंपनी के को-फाउंडर गैड्सबी पीट के मुताबिक चार दिन काम और तीन दिन छुट्टी के कॉन्सेप्ट में कुछ नेगिटव प्वाइंट्स हैं, लेकिन पॉजिटिव अधिक हैं. गैड्सबी पीट के अनुसार, हफ्ते में चार दिन काम से प्रोडक्शन में 5 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. लेकिन कर्माचारियों की खुशी 50 फीसदी बढ़ गई है और इस वजह से उनका बेहतरीन टैलेंट बाहर आया है.
तीन दिन छुट्टी का फायदा
बिजनेस लीडर्स और रणनीतिकारों के एक समूह ‘द 4-डे वीक ग्लोबल’ की बेवसाइट पर एक सर्वे के आधार पर बड़ा दावा किया गया है. बेवसाइट के अनुसार, जिन कंपनियों का सर्वे किया गया, उनमें से 63 फीसदी का मानना है कि चार दिन काम और तीन दिन छुट्टी के कॉन्सेप्ट से बेहतरीन टैलेंट देखने को मिला है. वहीं, दूसरी ओर 78 फीसदी कर्मचारी भी इस कॉन्सेप्ट से कम तनाव में दिखे.
कई देशों में शुरू होना वाला है ट्रायल
ब्रिटेन के बाद 4 डे विर्किंग और तीन ऑफ के कॉन्सेप्ट का ट्रायल कनाडा और अमेरिका के साथ यूरोप के कई देशों में भी शुरू होने वाला है. हालांकि, भारत में अभी एक्सपर्ट्स इसको लेकर कुछ खास पॉजिटिव नजर नहीं आए हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारतीय मार्केट अभी यूरोप और अमेरिका इतना परिपक्व नहीं है. इस वजह से इसे सभी सेक्टर्स में लागू नहीं किया जा सकता है.
भारत में कब होगा लागू?
पिछले काफी समय से नए लेबर कोड (New Labour Code) पर काम चल रहा है. इसे लागू करने की बात भी कही जा रही है. हालांकि कई डेडलाइन बीतने के बावजूद ये लागू नहीं हो सका है. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी वकालत करते हुए कहा था कि वर्क फ्रॉम होम इकोसिस्टम, फ्लेक्सिबल वर्क प्लेसेज और फ्लेक्सिबल वर्किंग घंटे भविष्य की जरूरतें हैं. नए लेबर कोड के मुताबिक कर्मचारियों को हफ्ते में 3 दिन वीकली ऑफ देने का प्रावधान है. लेकिन बाकी के 4 दिन उन्हें 12-12 घंटे काम करना होगा. भारत में इसे लागू करने के लिए अभी कोई डेडलाइन तय नहीं की गई है.
चार नए कोड
नए लेबर कोड वेज (Wage), सोशल सिक्योरिटी (Social Security), इंडस्ट्रियल रिलेशंस (Industrial Relations) और ऑक्यूपेशनल सेफ्टी (Occupational Safety) से जुड़े हैं. भूपेंद्र यादव ने बताया कि नए लेबर कोड के तहत ऑक्यूपेशनल सेफ्टी को लागू करने के लिए कानून बनाए गए हैं.