नई दिल्ली
अठारहवें ओवर की तीसरी गेंद थी वो। बॉलर थे रवि बिश्नोई और सामने थे आसिफ अली। ऑफ स्टंप के बाहर तेज लेग स्पिन गेंद को आसिफ अली मिड विकेट और डीप स्क्वायर लेग के बीच कहीं मारना चाहते थे। उन्होंने जोर से स्लॉग स्वीप लगाया, लेकिन गेंद गई ऑफ साइड पर। शॉर्ट थर्ड मैन पर खड़े अर्शदीप सिंह के पास गेंद के नीचे पहुंचने के लिए काफी समय था। वे कैच लेने की पॉजिशन में आ गए। गेंद उनके हाथ में आई और छिटक गई। मिड ऑफ पर खड़े कप्तान रोहित शर्मा झल्ला उठे। स्टेडियम में बैठे भारतीय समर्थकों के चेहरे पर निराशा स्पष्ट नजर आ रही थी। दर्शक क्या, कमेंटेटर भी कहने लगे कि अर्शदीप के हाथ से कैच नहीं, मैच छिटक गया। अनिश्तिताओं से भरे इस खेल में अंतिम रन बनने और अंतिम विकेट गिरने से पहले कुछ दावा नहीं किया जा सकता, लेकिन सच्चाई यह है कि मैच इससे पहले ही भारतीय टीम के हाथों से निकल चुका था। मोहम्मद रिजवान और मोहम्मद नवाज की सूझबूझ भरी साझेदारी के चलते पाकिस्तान इस हालत में पहुंच चुका था कि हारने के लिए उसे अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारनी थी।
15वें ओवर में भारत के हाथ से निकला मैच
अब थोड़ा पीछे चलते हैं। 15वें ओवर में। इससे पहले तीन ओवरों में रिजवान और नवाज 33 रन बना चुके थे। रवि बिश्नोई, हार्दिक पांड्या और अर्शदीप सिंह की गेंदबाजी बेअसर रही थी। दोनों पाकिस्तानी बल्लेबाज समझदारी से खेल रहे थे। वे हर ओवर में एक बाउंड्री लगाते और एक-एक, दो-दो रन लेकर रिस्क फ्री क्रिकेट खेल रहे थे। रोहित शर्मा को समझ आ गया कि मैच में वापसी करने के लिए टीम इंडिया को तत्काल एक विकेट की जरूरत है। उस समय तक पाकिस्तान को छह ओवर में 63 रनों की जरूरत थी। वे अपने ट्रंप कार्ड यजुवेंद्र चहल को लेकर आए। चहल अक्सर ऐसे हालात में विपक्षी बल्लेबाजों को अपनी फिरकी के जाल में फंसा लेते हैं। चहल की पहली गेंद को नवाज ने डीप स्क्वायर लेग बाउंड्री के पार पहुंचा दिया। अगली गेंद फ्लाइटेड थी, लेकिन लेग स्टंप के बाहर गिरी। नवाज ने एक बार फिर स्वीप लगाया और गेंद फाइन लेग बाउंड्री के बाहर चली गई। अगली गेंद पर सिंगल लेकर नवाज दूसरे छोर पर चले गए। चौथी गेंद पर रिजवान ने प्वॉइंड बाउंड्री के बाहर चौका लगाकर रही-सही कसर पूरी कर दी। इस ओवर में कुल 16 रन बने और पाक टीम के लिए चहल का खतरा खत्म हो चुका था। अब पांच ओवर में पाकिस्तान को केवल 47 रनों की जरूरत थी यानी प्रति ओवर 10 रन से कम और उसके आठ विकेट बाकी थे। टी-20 क्रिकेट में ऐसी हालत में पहुंचने के बाद 10 में से नौ बार बैटिंग टीम की जीत तय होती है।
पाक ने खेला रोहित वाला दांव
दरअसल, एशिया कप के इस मुकाबले में पाकिस्तानी टीम ने भारत के खिलाफ वही दांव चल दिया जो दोनों टीमों के बीच पहले मैच में रोहित शर्मा के लिए मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ था। एक सप्ताह पहले जब भारतीय टीम पीछा करने के लिए उतरी थी तो रोहित ने रविंद्र जडेजा को चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेज दिया था। जडेजा की मौजूदगी से पाकिस्तानी टीम का बॉलिंग प्लान गड्डमगड्ड होकर रह गया था। इस मैच में पाकिस्तानी कप्तान बाबर आजम ने वही दांव आजमाया। मोहम्मद रिजवान आम तौर पर सातवें या आठवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आते हैं। उन्हें भारतीय टीम के स्पिनर्स के खिलाफ बड़े शॉट्स खेलने के लिए जल्दी भेजा गया और वे अपने कप्तान के भरोसे पर खरे उतरे।
नवाज ने 20 गेंद पर बना दिए 42 रन
नवाज जब बल्लेबाजी के लिए आए थे, तब पाकिस्तान को 11.2 ओवर्स में 119 रनों की दरकार थी। लक्ष्य बड़ा था और पाक टीम का मिड्ल ऑर्डर उतना भरोसेमंद भी नहीं, लेकिन नवाज ने ऐसी पारी खेली कि बाकी बल्लेबाजों के लिए करने को कुछ खास बचा ही नहीं। उन्होंने रिजवान के साथ 6.5 ओवर्स में 73 रन बना डाले। इनमें से 42 रन नवाज के बल्ले से निकले थे। वो भी केवल 20 गेंदों में। 16वें ओवर में जब वे आउट हुए तब पाकिस्तान को जीत के लिए 4.3 ओवर में 46 रनों की दरकार रह गई थी। लक्ष्य नजदीक आ गया था और उसके बिग हिटर्स अभी भी सुरक्षित थे। आसिफ अली और खुशदिल शाह ने यही किया और एक गेंद रहते टीम को जीत दिला दी।
आउट ऑफ सिलेबस साबित हुए नवाज
सच्चाई तो यह है कि नवाज की बिग हिटिंग के सामने भारतीय टीम की गेंदबाजी बिखर सी गई। स्पष्ट नजर आ रहा था कि टीम इंडिया ने नवाज के लिए कोई प्लानिंग नहीं की थी। उन्हें आउट करने के लिए रणनीति का अभाव दिखा। दरअसल, टीम इंडिया ने इफ्तिखार, आसिफ और खुशदिल के लिए तैयारी की थी, लेकिन नवाज आउट ऑफ सिलेबस साबित हुए। भारतीय टीम की हार के लिए अर्शदीप को दोषी मानने वाले तो केवल वे लोग हैं जो अंतिम गेंद तक किसी चमत्कार की उम्मीद कर रहे थे।