नामीबिया से आ रहे 8 चीतों को ‘बचाएगा’ कमांडो कुत्ता, चंडीगढ़ में चल रही ट्रेनिंग

भानू (चंडीगढ़),

नामीबिया से 17 सितंबर 2022 को आठ चीते आएंगे. इन्हें मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा जाएगा. हैरानी की बात ये है कि इन चीतों की सुरक्षा के लिए एक कुत्ते को प्रशिक्षित किया जा रहा है. इन चीतों को नेशनल पार्क के एक खाड़ बंद बाड़े में रखा जाएगा. ये बाड़ा काफी बड़े इलाके में फैला होगा. चीतों को शिकारियों से बचाने के लिए एक अल्सीसियन कुतिया को ‘कमांडो’ बनाया जा रहा है. ट्रेनिंग चंड़ीगढ़ से 22 किलोमीटर दूर भानू में स्थित ITBP के नेशनल ट्रेनिंग सेंटर में हो रही है.

पांच महीने की इस कुतिया का नाम इलू (ILU) है. इसके साथ और भी कुत्तों को ट्रेनिंग दी जा रही है. इन कुत्तों को बिहार के वाल्मिकी टाइगर रिजर्व, बांदीपुर टाइगर रिजर्व, नागरहोल टाइगर रिजर्व, भद्रा टाइगर रिजर्व, कर्नाटक के काली टाइगर रिजर्व में तैनात किया जाएगा. लेकिन सबसे बड़ी जिम्मेदारी इलू के पास है. उसे मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में चीतों की सुरक्षा के लिए तैनात किया जाएगा. इन सभी कुत्तों की ट्रेनिंग 7 महीने चलेगी. इन्हें अलग-अलग जानवरों के खालों को पहचानना सिखाया जाएगा. सात महीने के बाद ये कुत्ते ट्रेनिंग सेंटर से वाइल्डलाइफ कमांडो बनकर निकलेंगे.

ITBP देश की कई राज्य पुलिस और सीएपीएफ यानी अर्धसैनिक बलों के कुत्तों को ट्रेनिंग देती है. हो सकता है कि आपको यह सुनकर हैरानी हो कि एक चीते की सुरक्षा कुत्ता कैसे करेगा. कुत्तों के ट्रेनर और पहले फॉरेस्ट गार्ड रह चुके संजीव सिंह और उनके साथी मोहम्मद रशीद कहते हैं कि हमने स्मगलर और शिकारियों को कई सालों तक देखा है. प्रशिक्षित कुत्तों की मदद से हम शिकारियों को भगा सकते हैं. जंगल में जहां देखना मुश्किल होता है, वहां पर कुत्ते शिकारियों को सूंघ लेंगे. इसलिए हम इन कुत्तों को अलग-अलग जानवरों की खालों को सुंघा रहे हैं. शिकारी जिन जानवरों का शिकार करते हैं, उन्हें अपने साथ लेकर जाते हैं. जैसे ही जानवर की बू कुत्ते को लगेगी, वो तुरंत अलर्ट कर देगा.

पूरी दुनिया में अवैध शिकार की वजह से जंगली प्रजातियों का खात्मा हो रहा है. मंगूज के बाल, सांप की स्किन, गैंडे के सींग और खाल, बाघ और तेंदुए के शरीर के हिस्से, हाथी के दांत, पैंगोलिन की खाल आदि. वन विभाग के अधिकारियों के लिए कई बार ये मुसीबत हो जाती है कि इतने बड़े जंगल में वो शिकारियों और स्मगलर से कैसे जानवरों को बचाएं. इसलिए जंगल में ऐसे प्रशिक्षित कुत्ते बहुत काम आते हैं. ये कुत्ते वन विभाग में सुरक्षा को लेकर बेहद जरूरी साबित होंगे.

ITBP के आईजी ईश्वर सिंह दुहान कूनो नेशनल पार्क होकर आए हैं. वो कहते हैं कि ये आईटीबीपी और उसके डॉग ट्रेनर्स के लिए खास दिन होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जंगल में चीतों को छोड़ेंगे. इस पार्क की भौगोलिक स्थिति नामीबिया जैसी ही है. पर्याप्त मात्रा में खाना मौजूद है. हम कुत्तों को इस तरह से ट्रेनिंग दे रहे हैं कि वह किसी भी तरह के शिकारी को पहचान सके. चीता लंबी घास में छिप तो सकता है लेकिन शिकारियों के बीच चीता की खाल और हड्डियां भारी मांग में रहती हैं. भविष्य में कूनो नेशनल पार्क के लिए और भी कुत्तों को प्रशिक्षित करेंगे.

ट्रैफिक इंडिया के सीनियर कम्यूनिकेशन मैनेजर दिलप्रीत छाबड़ा कहते हैं कि हमने यह प्रोग्राम साल 2008 में शुरू किया था. ट्रैफिक इंडिया, WWF और ITBP ने मिलकर 88 कुत्तों को प्रशिक्षित किया था. इस समय 6 और कुत्तों को ट्रेनिंग दी जा रही है. इस प्रोग्राम में 21 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश भाग ले चुके हैं. हम जंगल में अपराध रोकने के लिए कुत्तों को प्रशिक्षित कर रहे हैं. इसका फायदा जरूर होगा. फिलहाल इलू को चीतों के बाड़े के आसपास रखा जाएगा. साथ में ट्रेनर भी रहेगा.

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