मोदी के जन्मदिन पर जानिए अगला एक साल इनके लिए कैसा रहेगा, क्या कहती है इनकी कुंडली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना 72 वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस अवसर पर इन्हें जन्मदिन की खूब बधाई साथ ही ज्योतिषीय दृष्टि से जानते हैं कि इनके लिए अगला एक साल कैसा रहने वाला है। ज्योतिषशास्त्री सचिन मल्होंत्रा की गणना बताती है कि, 17 सितंबर को जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना 72वां जन्मदिवस मना रहे होंगे तो भृगु ज्योतिष पद्धति के अनुसार वह अपने जीवन के एक बड़े परिवर्तनकारी समय में प्रवेश करेंगे।

भृगु ज्योतिष पद्धति में 30 , 36 ,48 , 60 तथा 72 वर्ष की आयु के समय को जीवन में बड़ा परिवर्तनकारी माना जाता है l 72 वर्ष की आयु के समय गुरु अपनी जन्मकालीन स्थिति के 6 चक्र (12 x 6 = 72 ) पूरे कर चुका होता है तथा राहु -केतु अपने 4 चक्र (18 x 4 =72 ) जन्मकालीन राशि से लगा गए होते हैं l ऐसे में 72 वर्ष की आयु के आस-पास जातक के जीवन में उनके स्वस्थ्य और वैचारिक स्थिति में बड़े आमूलचूल परिवर्तनों के होने की संभावना बनती है।

17 सितंबर 1950 को दोपहर के समय वडनगर, मेहसाणा गुजरात में पैदा हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जन्म कुंडली वृश्चिक लग्न की है जिसमें बन रहा चंद्रमा और मंगल का ‘लक्ष्मी योग’ उनको पिछले दो दशकों से, पहले गुजरात और फिर दिल्ली में सत्ता सदन का सुख और लोकप्रियता दे रहा है।

स्वास्थ्य संबंधी परेशानी की आशंका
वर्तमान में मंगल में गुरु की विंशोत्तरी दशा अप्रैल 2022 से मई 2023 तक है। मंगल लग्न और छठे भाव के अधिपति हैं तथा गुरु दूसरे (धन) तथा पंचम (नीतिगत निर्णय और मंत्रणा) भाव के स्वामी होकर आगामी कुछ महीनों में उनके द्वारा देश में नयी आर्थिक नीति लागू करने, बैंकिंग सेक्टर में बड़े बदलाव, आर्थिक अनियमिताओं और धन संबंधी भ्रष्टाचार के विरुद्ध बड़ी कार्यवाही का ज्योतिषीय संकेत दे रहे हैं। लेकिन अंतर्दशानाथ गुरु वक्री हैं तथा पाप ग्रह मंगल के नक्षत्र में होकर मंगल और शनि दोनों की दृष्टि से पीड़ित है अतः स्वस्थ्य संबंधी कुछ परेशानी तथा अनहोनी घटनाओं की आशंका भी बनी रहेगी।

नरेंद्र मोदी की वर्ष कुंडली दे रही है यह संकेत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वर्ष कुंडली वृषभ लग्न की है जिसमें चंद्रमा और मंगल का योग बन रहा है l मुंथा इस वर्ष कुंडली में सप्तम भाव में होकर उनके द्वारा देश की विदेश नीति में नयी आक्रामकता और चुनौतियों का सामना करने का ज्योतिषीय संकेत दे रही है। हाल ही में चीन के लद्दाख में अपनी सेना को पीछे हटाने की भारत की शर्त मान लेने के बाद अब अरुणाचल प्रदेश में चीन यदि कोई सैन्य हस्तक्षेप कर दे तो इस पर कोई हैरत नहीं होगी। प्रधानमंत्री मोदी की वर्ष कुंडली में सप्तम भाव में स्थित मुंथा पर पड़ रही मंगल की दृष्टि विदेशनीति में नई चुनौतियों का स्पष्ट संकेत है।

वर्षकुण्डली में पंचम भाव में धनेश और पंचमेश बुध का चतुर्थ भाव के स्वामी सूर्य के साथ बड़ा राजयोग बन रहा है जिसपर लाभ भाव से पड़ रही गुरु की दृष्टि आर्थिक नीति में बड़े सुधारों, कारोबार की सुगमता बढ़ाने की नयी नीति तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के विनिवेश से धन जुटाने के प्रधामंत्री मोदी के प्रयासों का ज्योतिषीय संकेत है।

सचिन मल्होत्रा/ज्योतिषशास्त्री

About bheldn

Check Also

कलियुग में स्त्री-पुरुष कैसे होंगे? कलियुग के बारे में श्रीकृष्ण की 6 भविष्यवाणियां जो आज हर दिन हो रही हैं सच

श्रीमद्‍भगवद्‍ गीता में श्रीकृष्ण ने कहा है ‘परिवर्तन ही सृष्टि का नियम है।’ मनुष्य को …