भोपाल,
स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण अभियान में भोपाल ने बाजी मारी है और जिले को वेस्ट जोन में पहला स्थान अर्जित हुआ है. राज्यों की श्रेणी में भी मध्यप्रदेश पहले पायदान पर है. प्रदेश के ही इंदौर जिले को तीसरा स्थान अर्जित हुआ है. कलेक्टर अविनाश लवानिया ने इस शानदार उपलब्धि के लिए जिले के नागरिकों खासकर ग्रामीणजनों का धन्यवाद ज्ञापित किया है, जिनकी स्वच्छता की आदत की वजह से यह उपलब्धियां अर्जित हुई है.
स्वच्छता अभियान के अंतर्गत सूखा कचरा, गीला कचरा और गांव से निकलने वाला गंदा पानी (ग्रेवाटर) के निष्पादन के लिए अलग-अलग तीन चरणों में सर्वे किया गया, जिसमें भोपाल ग्रामीण को वेस्ट जोन में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है.
भोपाल जिले में 222 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत आने वाले 466 गांवों में से 300 से अधिक गांव ओडीएफ प्लस घोषित किए जा चुके हैं. सभी ग्राम पंचायतों में ई-रिक्शा के माध्यम से कचरा कलेक्शन किया जा रहा है और यह जिम्मेदारी सम्हाली है, महिलाओं के स्व-सहायता समूहों ने. कचरे की छटाई का कार्य ग्राम ईटखेड़ी और एमआरएफ सेंटर में संचालित किया जा रहा है. सभी कचरा गाड़ियों में जीपीएस सिस्टम लगा हुआ है. कंट्रोल रूम मॉनीटरिंग जिला पंचायत की तरफ से की जा रही है. ग्रेवाटर के निष्पादन के लिए सोकपिट, नाडेप, पाइप लाइन और नालियां बनाई गई हैं. साथ ही जिले में DEWATS और WSP संरचनाओं का निर्माण कर नवाचार किए जा रहे हैं.
आपको बता दें कि भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय द्वारा पूरे देश में संचालित स्वच्छ भारत ग्रामीण अभियान के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत देश के सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को 4 जोन ईस्ट, वेस्ट, नार्थ और साउथ में बांटा गया है. मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान राज्यों के जिलों को वेस्ट जोन में शामिल किया गया है.