क्या मंदी की दहलीज पर पहुंच गए हम? ये 3 आंकड़े दे रहे हैं इस बात के सबूत

नई दिल्ली,

दुनिया भर में मंदी का खतरा मंडरा रहा है. अमेरिका समेत कई देश इसकी जद में दिखाई दे रहे हैं. अब लगता है कि भारत भी इससे अछूता नहीं है. हालांकि, सरकार की ओर से लगातार यह दावा किया जा रहा है कि देश में मंदी का कोई खतरा नहीं है. इसके बावजूद जो आंकड़े सामने आ रहे हैं उन्हें देखकर यह सवाल जेहन में उठ जाता है कि क्या हम भी मंदी की दहलीज पर पहुंच गए हैं?. इन तीन आंकड़ों को देखकर शायद इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.

1- रुपये में लगातार जारी गिरावट का दौर
सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय करेंसी रुपया एक नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया. यह 89 पैसे कमजोर होकर 80.87 पर बंद हुआ. रुपये में गिरावट का दौर लगातार जारी है. रुपये में यह गिरावट बीते 7 महीनों में सबसे बड़ी गिरावट है. वैसे देखा जाए तो साल 2022 भारतीय करेंसी के लिए अच्छा साबित नहीं हो रहा है. इस साल अब तक रुपये में करीब 10 फीसदी की गिरावट दर्ज की जा चुकी है. यही नहीं महज दो हफ्ते में में ही रुपया लगभग 1.35 पैसे तक टूट चुका है. गौरतलब है कि रुपये में गिरावट का सीधा असर आम आदमी पर पड़ता है और महंगाई बढ़ने का खतरा भी बढ़ जाता है.

रुपये में गिरावट जारी
हालांकि, डॉलर की दहाड़ के आगे भारतीय करेंसी रुपया ही नहीं बल्कि कई अन्य देशों की करेंसी भी पस्त नजर आ रही है. डॉलर के मुकाबले ब्रिटिश पाउंड सोमवार को शुरुआती कारोबार में गिरकर 1.0349 प्रति डॉलर के निचले स्तर तक गिर गया. यह इसके 40 साल का निचला स्तर है. पौंड में भारी गिरावट से ब्रिटेन में मंदी की संभावना की चर्चाएं तेज हो चुकी हैं. अन्य करेंसियों की बात करें तो साउथ कोरिया की करेंसी won में 1 फीसदी, फिलीपींस की करेंसी पेसो (peso) में 0.73 फीसदी , जापानी करेंसी येन (yen ) में 0.57 फीसदी की गिरावट आ चुकी है.

2- शेयर बाजार में मचा हाहाकार
अमेरिका में फेडरल रिजर्व द्वारा एक के बाद एक ब्याज दरों में बढ़ोतरी के फैसले का असर शेयर बाजारों पर दिखाई दे रहा है. भारतीय शेयर बाजार में भी हाहाकार मचा हुआ है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लगातार चार दिन से बाजार बुरी तरह टूटकर बंद हो रहा है. सोमवार को दिन भर के कारोबार के अंत में बीएसई (BSE) का सेंसेक्स 953.70 अंक लुढ़ककर 57,145.22 के स्तर पर बंद हुआ. मंदी की बढ़ती आशंका के चलते विदेशी निवेशकों की बिकवाली ने घरेलू बाजारों में यह हलचल पैदा की है.

शेयर बाजार में कोहराम
शेयर बाजार के बीते चार दिनों के आंकड़ों पर नजर डालें तो बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स इंडेक्स करीब 2500 अंक टूट गया। 20 सितंबर को सेंसेक्स 59,719.74 अंक पर बंद हुआ था और 26 सितंबर को यह 57,145.22 पर बंद हुआ. इस गिरावट के चलते शेयर बाजार के निवेशकों के इन चार दिनों में करीब 13 लाख करोड़ रुपये डूब गए. बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 26 सितंबर को 270 लाख करोड़ रुपये रह गया, जो चार दिन पहले 20 सितंबर को 283 लाख करोड़ रुपये था। सेंसेक्स के साथ ही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी इंडेक्स भी 311.05 अंक की जोरदार गिरावट के साथ 17,016.30 अंक पर बंद हुआ।

3- भारत समेत दुनिया भर में छंटनी
जब से दुनिया में मंदी के बढ़ते खतरे की चर्चाएं शुरू हुई हैं. तभी से बड़ी-बड़ कंपनियों में छंटनी की खबरें भी सुर्खियां बन रही हैं. बीते कुछ समय से कई बड़ी कंपनियों में हजारों लोगों की छंटनी के मामले सामने आए हैं. मंदी के बढ़ते खतरे के बीच लागत कम करने का हवाला देते हुए धड़ाधड़ कर्मचारी निकाले जा रहे हैं. चीन की अलीबाबा ने एक झटके में 10,000 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया. इससे पहले रिटेल दिग्गज वॉलमार्ट ने 200 लोगों को नौकरी ने निकाल दिया था. भारत भी इससे अछूता नहीं है. हाल ही में टेक सेक्टर में भारत की तीसरी सबसे बड़ी सॉप्टवेयर कंपनी एचसीएल टेक्नोलॉजिस ) ने वैश्विक स्तर पर बड़ी छंटनी की है. इसके तहत 350 कर्मचारियों की छंटनी की गई है.

कई और कंपनियों में छंटनी की तलवार कर्मचारियों पर लटक रही है. रिपोर्टों की मानें तो स्नैपचैट की मूल कंपनी Snap Inc में फिलहाल, करीब 6,400 कर्मचारी कार्यरत हैं और कंपनी ने 20 फीसदी कर्मचारियों यानी करीब 1,280 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की तैयारी कर ली है. दूसरी ओर अब खबर है कि ओला (OLA) ने भी अपनी सॉफ्टवेयर टीम के कर्मचारियों को गुलाबी पर्ची देने की शुरुआत कर दी है. कंपनी ANI टेक्नोलॉजी के अलग-अलग सॉफ्टवेयर वर्टिकल में से कम से कम 200 कर्मचारियों की छंटनी करने वाली है. कहा जा रहा है कि इनमें से कई कर्मचारी ऐसे हैं, जो ओला ऐप (OLA App) के अलग-अलग सेगमेंट में काम कर रहे थे.

सरकार के दावे पर एक नजर
डॉलर के मुकाबले रुपये (Dollar Vs Rupee) में लगातार कमजोरी पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सफाई देते हुए कहा है कि दुनिया की बाकी मुद्राओं की तुलना में भारतीय करेंसी रुपया अधिक मजबूती से खड़ा रहा है. उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं. कुछ दिन पहले वित्त मंत्री से जब सवाल किया गया था कि दुनिया पर मंदी (Recession) के खतरे के बीच क्या भारत में मंदी आने का खतरा है, तो इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा था कि ‘देश में मंदी आने का जीरो चांस है’.

 

 

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