सपा के अधिवेशन में फिर होगी अखिलेश की ताजपोशी, 2024 को लेकर बनेगी रणनीति

दिल्ली/लखनऊ,

उत्तर प्रदेश की सियासत में समाजवादी पार्टी को एक के बाद एक चुनावी हार मिल रही है. दूसरी तरफ कई सहयोगी दल साथ छोड़ चुके हैं. 2024 का लोकसभा चुनाव सिर पर पर है, जिसके चलते सपा दोबारा से अपने खोए हुए सियासी जनाधार को वापस पाने की कवायद में है. सपा बुधवार से लखनऊ में दो दिन का अधिवेशन कर रही है, जिसमें 2024 के लिए नई सियासी रणनीति तैयार की जाएगी. पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के साथ दलित समीकरण बनाने के लिए सम्मेलन में इनसे जुड़े हुए मुद्दे पर गहन मंथन किया जाएगा.

सपा का दो दिवसीय सम्मेलन
सपा का दो दिवसीय सम्मेलन लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर मैदान में हो रहा है. बुधवार को प्रदेश सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के सपा अध्यक्ष का चुनाव होगा जबकि गुरुवार को राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा. साथ ही दो दिनों में सपा भविष्य में किस रणनीति के साथ आगे बढ़ेगी, उसकी रूपरेखा खींचेगी. आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक प्रस्ताव भी पास किए जाएंगे.

2024 के लिए रणनीति बनेगी
सपा दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति बनाएगी. सपा कैसे और किन मुद्दों को लेकर चुनावी रण में उतरेगी, उसके लिए प्रस्ताव पास किए जा जाएंगे. यूपी में जातिगत जनगणना कराने और आरक्षण की सिफारिशों को उत्तर प्रदेश में लागू करने के मुद्दे को आक्रामक तरीके से उठाने के लिए सपा सम्मलेन में प्रस्ताव पास कर सकती है. माना जा रहा है कि सपा नेताओं के खिलाफ होने वाली सरकार के खिलाफ कार्रवाई के विरोध में भी एक प्रस्ताव पास कर सकती है. खासकर विधायक आजम खान जैसे नेताओं पर हुई कार्रवाई को लेकर सपा विधानसभा के अंदर आवाज उठा चुकी है तो राज्यपाल से भी गुहार लगाई गई है.

प्रदेश-राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव
सपा दो दिन के अधिवेशन के दौरान संगठन का चुनाव कर अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को एकजुट करेगी. सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया कि अधिवेशन में पार्टी के प्रदेश और राष्ट्रीय अध्यक्षों का चुनाव होगा. दो दिवसीय सम्मेलन में करीब 50 हजार सपा के डेलिगेट्स मौजूद रहेंगे, जो अध्यक्ष के लिए प्रस्ताव आएगा, उसे हाथ उठाकर अपनी स्वीकृति देंगे. सपा के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम हैं तो राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव हैं.

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं होना है, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष के बदले जाने की संभावना है. ऐसे में नरेश उत्तम के साथ-साथ अन्य दूसरे नेताओं के नाम की भी चर्चा है. बसपा से सपा में आए कुछ नेताओं के नाम भी प्रदेश अध्यक्ष के दावेदार के रूप में लिए जा रहे हैं, जिसमें स्वामी प्रसाद मौर्य से लेकर रामअचल राजभर और इंद्रजीत सरोज तक शामिल हैं. हालांकि, अंतिम मुहर बुधवार दोपहर ही लगेगी जबकि राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में अखिलेश यादव के नाम फाइनल है. इसके बाद अखिलेश यादव अपनी टीम का ऐलान करेंगे, जिसके जरिए सियासी समीकरण बनाने की कवायद करेंगे.

सपा के सम्मेलन का कार्यक्रम
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव बुधवार को सुबह राष्ट्रीय ध्वज फहरा कर पार्टी के अधिवेशन का आगाज करेंगे. राजेंद्र चौधरी ने बताया कि झंडारोहण की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद संगठन के चुनाव अधिकारी प्रो. रामगोपाल यादव उत्तर प्रदेश समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया सम्पन्न कराएंगे. इसके बाद अखिलेश यादव का उद्घाटन भाषण होगा और फिर अधिवेशन में राजनैतिक और आर्थिक प्रस्ताव पर चर्चा और उसे पारित किया जाएगा. सपा के अब तक हुए सम्मेलनों से इस दो दिवसीय सम्मेलन को कई मायने में अलग बनाने की रणनीति तैयार की गई है.

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