देहरादून,
अंकिता भंडारी मर्डर केस में एसआईटी की जांच कई पहलुओं पर जारी है। टीम कभी क्राइम स्पाट तो कभी रिजॉर्ट में जांच करने को पहुंचती है। वनंतरा रिजॉर्ट में किसे एक्ट्रा ‘वीआईपी’ सर्विस मिलती थी? इस बात की भी एसआईटी गहनता से जांच करेगी। पुलिस सूत्रों की मानें तो एसआईटी कुछ सफेदपोशों से भी पूछताछ कर सकती है।
एसआईटी जांच अब अंकिता हत्याकांड से ठीक पहले की तहकीकात पर जा टिकी है। पड़ताल की जा रही है कि हत्या को अंजाम देने से पहले क्या आरोपी मौका-ए-वारदात पर गए थे? जरूरत पड़ने पर एसआईटी मौके पर क्राइम सीन को भी दोहरा सकती है। अब पुलिस ये पता लगा रही है कि घटना से ठीक पहले या कुछ समय पहले भी आरोपी चीला नहर के आसपास तो नहीं गए थे।
अगर ऐसा सामने आता है तो इसे प्री प्लांड मर्डर साबित करने में पुलिस को काफी आसानी होगी। सूत्रों ने बताया कि पुलिस घटना के रोज दिन में या एक-दो दिन पहले आरोपियों के घटनास्थल पर जाने के सबूत तलाश रही है। इसके लिए वहां रास्ते भर में लगे सीसीटीवी कैमरों की 17 सितंबर और उससे पहले की सारी फुटेज देखी जा रही है।
हालांकि घटना के वक्त यानी 17 सितंबर की रात आठ बजे से करीब 11 बजे तक की पूरी फुटेज पुलिस देख चुकी है। लेकिन अब 17 सितंबर की दिन भर की व उससे पहले या 15 से 16 की फुटेज भी खंगाली जा रही ताकि पता चल सके कि हत्या से पूर्व आरोपियों ने घटनास्थल की रैकी कर मर्डर की प्री प्लानिंग तो नहीं की, ताकि रात को अंकिता को वहां लाकर आसानी से हत्याकांड को अंजाम दिया जा सके।
पुलिस के बड़े अफसरों का कहना है कि इसके अलावा आरोपियों की 17 सितंबर से एक सप्ताह पहले की कॉल डिटेल भी निकली जा रही है, ताकि ये आरोपियों के मर्डर से ठीक पहले घटनास्थल पर जाने की बात का पता चल सके। क्योंकि अगर ऐसा पाया जाता है तो इसे प्री प्लांड मर्डर साबित करना पुलिस के लिए बेहद आसान होगा। इससे आरोपियों की सजा भी ज्यादा से ज्यादा हो दिलवाई जा सकेगी।
एसआईटी ने मांगी आरोपियों की रिमांड
अंकिता हत्याकांड में आखिरकार एसआईटी ने तीनों आरोपियों की रिमांड के लिए कोटद्वार कोर्ट में याचिका दायर कर दी। एसआईटी सूत्रों ने बताया कि रिमांड मिलने के बाद पुलिस सभी आरोपियों से विस्तार से पूछताछ करेगी। रिमांड में पूछताछ के दौरान आरोपियों को रिजार्ट और चीला नहर ले जाना पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी।
क्योंकि रिमांड में अभी अंकिता व पुलकित के मोबाइल सहित कई चीजें बरामद की जानी भी बाकी हैं। इसके अलावा उनसे पूछताछ कर घटना का पूरा सच भी पुलिस को उगलवाना है। रिमांड के बाद उन्हें पौड़ी जेल से निकालना भी चुनौती होगी, क्योंकि उनके खिलाफ बेहद जनाक्रोश पैदा हो गया है।
ऐसे में पुलिस रिमांड के बाद पूछताछ के लिए कोई विशेष रणनीति बना सकती है। जनाक्रोश को देखते हुए आरोपियों की सुरक्षा भी बड़ी चुनौती होगी। उधर, पुलिस ने जम्मू से अंकिता के दोस्त को भी पूछताछ के लिए बुलाया है। इस दौरान उसका आरोपियों से भी आमना-सामना कराया जा सकता है।