गले और घुटने का भी कर डाला सीटी स्कैन, भोपाल में गजब का घोटाला, माथा चकरा जाएगा

भोपाल

सीटी स्कैन के नाम पर भोपाल के जेपी अस्पताल में घोटाले का खुलासा हुआ है। यहां पर एक मरीज के दो से तीन सीटी स्कैन किए जाने का मामला सामने आया है। अगर कोई मरीज सीने में दर्ज की शिकायत लेकर जाता है तो उसके घुटने और गले का भी सिटी स्कैन कर दिया जा रहा है। जबकि उसकी कोई जरूरत ही नहीं है। सीटी स्कैन का बिल दो लाख से बढ़कर सात लाख के पार चला गया तो जेपी अस्पताल प्रबंधन ने इसका नोटिस लिया। डॉक्टरों के पर्चे और बिल से इसका मिलान किया गया तो घोटाले का खुलासा हुआ।

डॉक्टरों ने लिखे 240, कंपनी ने कर दिए 720 सीटी स्कैन
भास्कर डॉट कॉम के मुताबिक डॉक्टरों ने पूरे महीने में 240 सीटी स्कैन लिखे थे, मगर जांच करने वाली फर्म की ओर से 720 सीटी स्कैन का बिल दिया गया। भोपाल के जेपी अस्पताल में 2017 से सीटी स्कैन यूनिट को जयपुर की फर्म सिद्धार्थ डायग्नोस्टिक सेंटर चलाती है। कंपनी को ये जिम्मेवारी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड पर दिया गया है। इसके तहत बीपीएल कार्ड धारकों को फ्री और एपीएल कार्ड वालों को 933 रुपए में सीटी स्कैन की सुविधा अस्पताल की ओर से दी जाती है। रिपोर्ट में बताया गया कि दस्तावेजों में हेरफेर करके फर्जी सीटी स्कैन पिछले कुछ दिनों से किए जा रहे थे। सिद्धार्थ डायग्नोस्टिक सेंटर देवास, सागर, होशंगाबाद, कटनी, बालाघाट, सतना, रतलाम, मुरैना और धार समेत 16 जिलों में सीटी स्कैन की सुविधा देती है।

MP में 6 साल से PPP मोड में चल रहा सीटी स्कैन यूनिट
रिपोर्ट में बताया गया कि जेपी अस्पताल के डॉक्टरों ने मरीज की एक सीटी स्कैन लिखा, लेकिन लिस्ट में एक-दो और टिक लगा दिया गया। बीपीएल कार्ड धारक मरीजों के पिछले डॉक्यूमेंट के आधार पर फर्जी बिल तैयार कराए गए। एपीएल के लिए सीटी स्कैन की फी 933 रुपए और एक्स्ट्रा फिल्म के लिए 200 रुपए फिक्स है, लेकिन 1200-1500 रुपए तक लेने के कम्प्लेन किए गए। आमतौर पर सिद्धार्थ डायग्नोस्टिक सेंटर की ओर से दो से तीन लाख रुपए महीने का बिल भेजा जाता था। पिछले कुछ दिनों से महीने का बिल लागातार बढ़ रहा था। पिछला बिल सात लाख रुपए से ज्यादा का दिया गया। प्रबंधन को गड़बड़ी का अंदेशा हुआ। रेकॉर्ड की जांच की गई तो गड़बड़ी पकड़ में आई। फिर अस्पताल प्रबंधन ने उन सभी डॉक्टरों को बुलाया जो मरीजों को सीटी स्कैन लिखते हैं। दोनों रेकॉर्ड का मिलान किया गया। तब पता चला कि डॉक्टर ने जिस मरीज को एक ही सीटी स्कैन लिखा था उसकी दो से तीन किए गए थे। पूरे मामले की जानकारी बड़े अधिकारियों को दी गई।

सिद्धार्थ डायग्नोस्टिक सेंटर का गड़बड़ी से इंकार
जय प्रकाश अस्पताल में गड़बड़ी करने को लेकर सिद्धार्थ डायग्नोस्टिक सेंटर के मैनेजर मुकेश कुमार से मीडिया ने बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि कोई गड़बड़ी नहीं की गई है। जांच अभी चल रही है, अभी उनकी ओर से हमें कुछ भी बताया नहीं गया है। जो भी रिपोर्ट सामने आएगी उसके आधार पर ही आगे बात कर पाएंगे

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