जम्मू
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार शाम को जम्मू कश्मीर के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे। अगले दो दिनें में वह राजौरी और बारामूला में रैली को संबोधित करेंगे। इस दौरान प्रदेश वासियों को कई सौगात देकर जा सकते हैं। शाह का यह दौरा विधानसभा चुनावों को लेकर भी काफी अहम माना जा रहा है। क्योंकि आने वाले दिनों में प्रदेश में विधानसभा चुनाव करवाने पर बात चल रही है।
जानकारी के अनुसार अमित शाह तीन दिनों के दौरे पर आए हैं। शाम 7:55 पर वह टेक्निकल एयरपोर्ट पर पहुंचे। वहा से सीधे राजभवन गए। मंगलवार सुबह वह माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए जाएंगे। उसके बाद वह राजौरी में रैली को संबोधत करने के लिए जाएंगे। फिर अगले दिन बुधवार को बारामूला में रैली को संबोधत करने के बाद वह शाम को वापस दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे। उनके दौरे को लेकर पूरे प्रदेश में सुरक्षा को कड़ा किया गया है। ताकि किसी प्रकार की कोई घटना ना हो सके।
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जम्मू कन्वेंशन कॉम्प्लेक्स समेत कई विकास कार्यों की रखेंगे नींव
जम्मू-कश्मीर के राजौरी, पुंछ, बारामूला और हंदवाड़ा जिलों में पहाड़ी समुदाय की बड़ी आबादी है। जम्मू लौटने पर वह श्रीनगर में शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन कॉम्प्लेक्स (एसकेआईसीसी) की तर्ज पर जम्मू कन्वेंशन कॉम्प्लेक्स समेत कई विकास कार्यों की नींव रखेंगे। बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल उनसे जम्मू में मुलाकात करेगा, जहां केंद्र शासित प्रदेश की राजनीतिक स्थिति और पार्टी मामलों पर चर्चा की जाएगी।
5 अक्टूबर को गृह मंत्री की बारामूला में जनसभा
अमित शाह 4 अक्टूबर को शाम करीब 5 बजे श्रीनगर के लिए उड़ान भरेंगे। वहीं 5 अक्टूबर को गृह मंत्री बारामूला में एक जनसभा को संबोधित करेंगे और घाटी में कई विकास कार्यों की नींव रखेंगे। श्रीनगर में शाह दोपहर में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ एक उच्चस्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की भी अध्यक्षता करेंगे। बैठक में नागरिक प्रशासन, पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और जम्मू-कश्मीर और केंद्र की खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।
राजनीतिक रूप से अहम है शाह का दौरा
अमित शाह 5 अक्टूबर को शाम को नई दिल्ली लौटेंगे। फिर राजौरी और बारामूला में जनसभाओं को शाह का संबोधन बीजेपी के लिए राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। हालांकि, जम्मू-कश्मीर में 2022 में विधानसभा चुनाव की कोई संभावना नहीं है। अपनी ओर से, बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर के अंतिम डोगरा राजा महाराजा हरि सिंह के जन्म के उपलक्ष्य में 23 सितंबर को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा के साथ दो महत्वपूर्ण प्रतिबद्धताओं को पहले ही पूरा कर लिया है। बीजेपी ने भी पहली बार एक गुर्जर गुलाम अली खटाना को राज्यसभा के लिए नामित किया और संसद में गुर्जर और बकरवाल समुदाय को प्रतिनिधित्व दिया।
जम्मू कश्मीर में कब हो सकते हैं चुनाव
चुनाव आयोग 25 नवंबर को जम्मू-कश्मीर की अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित करेगा। इसके बाद अन्य समयबद्ध चुनावी प्रक्रियाएं, जैसे नामांकनपत्र दाखिल करना, उनकी जांच, उम्मीदवारी वापस लेने का समय और चुनाव अभियान की अवधि का पालन करना होगा। दिसंबर के मध्य तक जम्मू-कश्मीर में कड़ाके की सर्दी शुरू हो जाती है, जिससे महीने के उत्तरार्ध में चुनाव कराना असंभव हो जाता है। पहले जम्मू-कश्मीर में अप्रैल-मई 2023 में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं और धारा 370 और 35ए के निरस्त होने के बाद लोकतांत्रिक प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर लोगों की भागीदारी होने की उम्मीद है।