ओटावा
कनाडा में भगवद गीता के नाम पर एक पार्क के प्रतीक चिन्ह तोड़ने की भारत ने निंदा की थी। अब कनाडा की पुलिस ने किसी भी तरह की तोड़फोड़ से इनकार किया है। पुलिस ने यह कहते हुए इनकार किया है कि पार्क की किसी भी संरचना या स्थायी चिन्ह के साथ तोड़फोड़ का कोई सबूत नहीं है। जांच में पता चला है कि एक कनफ्यूजन के चलते ऐसा हुआ है। पील रीजन पुलिस ने ट्विटर पर कहा, ‘स्थाई बोर्ड पर अभी भी शब्द लिखना बाकी है। दूसरा बोर्ड सिर्फ पार्क के नामकरण में इस्तेमाल किया गया था और यह अस्थाई है।’ दरअसल दो तस्वीरें आईं, जिसे देख कर माना जा रहा था कि पार्क के बोर्ड पर लिखे शब्दों को मिटा दिया गया है।
कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में हाल ही में श्री भगवद गीता पार्क का अनावरण हुआ था। रविवार को ऐसी रिपोर्ट्स आई, जिसमें कहा गया कि पार्क में तोड़फोड़ की गई है। इस घटना की सूचना मिलते ही कनाडा में भारतीय उच्चायोग ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे हेट क्राइम बताया और कार्रवाई की मांग की। उच्चायोग ने ट्वीट किया, ‘हम ब्रैम्पटन में भगवद गीता पार्क में घृणा अपराध की निंदा करते हैं। हम कनाडा के अधिकारियों और पील पुलिस से जांच करने और कार्रवाई का आग्रह करते हैं।’
मेयर ने बताई सच्चाई
ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन ने रविवार को पार्क के साइन के साथ तोड़फोड़ की घटना की निंदा की थी। उन्होंने कहा, ‘इस तरह की घटनाओं पर हमारी जीरो टॉलरेंस की नीति है।’ बाद में उन्होंने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया और शहर के पार्क डिपार्टमेंट के स्पष्टीकरण को शेयर किया। पुलिस के ट्वीट पर उन्होंने कहा, ‘हमें पता चला है कि साइन बोर्ड लगाने के दौरान ही टूट गया था। शहर का एक कर्मचारी इसे ठीक करने के लिए बिना बताए ले गया था। मरम्मत के दौरान वहां खाली साइन बोर्ड लगा दिया गया। यह सामान्य प्रक्रिया नहीं है, क्योंकि हम किसी बोर्ड को तब तक नहीं हटाते जब तक वह टूटा न हो या उसका नाम न बदला गया हो।’
दोनों देशों में एडवायजरी को लेकर ठनी
यह घटना एक ऐसे समय में देखने को मिली जब भारत और कनाडा के बीच एडवाइजरी की जंग देखने को मिली थी। 23 सितंबर को भारत ने लोगों को कनाडा की यात्रा करने से बचने की सलाह दी थी। एडवाइजरी में कहा गया था कि अपराधों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए कनाडा जाने की प्लानिंग करने वाले छात्रों और नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वह सावधानी बरतें और सतर्क रहें। एडवायरी में भारतीयों के खिलाफ हेट क्राइम और भारत विरोधी गतिविधियों का जिक्र किया गया था। इसके बाद कनाडा ने 27 सितंबर को एक एडवायजरी जारी कर गुजरात, राजस्थान और पंजाब के क्षेत्रों में बॉर्डर से 10 किमी की दूरी पर यात्रा से बचने की बात कही।