देहरादून
वनंत्रा रेजॉर्ट में अंकिता की हत्या से 10 दिन पहले ठहर चुके और हत्या के दिन से आगे बुकिंग कराने वाले 76 मेहमानों से भी एसआईटी ने पूछताछ की है। उनमें से कुछ के बयान मैजिस्ट्रेट के सामने दर्ज किए गए हैं। एडीजी (कानून-व्यवस्था) वी. मुरुगेसन ने बताया कि उनमें बहुत से वे लोग हैं, जो पहले ठहर चुके हैं। कई लोगों ने आगे की बुकिंग कराई थी। दिल्ली के कुछ लोग भी यहां अक्टूबर के पहले सप्ताह में जन्मदिन की पार्टी करने आने वाले थे। उनसे भी पूछताछ की गई है।
एडीजी का कहना है कि हत्या का मकसद सिद्ध करने के लिए एसआईटी ने पर्याप्त साक्ष्य जुटा लिए हैं। पूछताछ और साक्ष्यों के मिलान के बाद यह साफ है कि अंकिता की हत्या एक सोची-समझी साजिश थी। अंकिता रेजॉर्ट का राजफाश करना चाहती थी। यही वजह है कि उसे पुलकित और उसके दोस्त समझाने के बहाने नहर के पास लेकर गए। उसके नहीं मानने पर नहर में धक्का देकर उसकी हत्या कर दी गई। पुलकित ने झूठ बोला कि अंकिता ने उसका मोबाइल नहर में फेंक दिया था। पुलकित ने हत्या के अगले दिन अपना मोबाइल नहर में फेंका था। मोबाइल की तलाश अब भी जारी है।
अंकिता भंडारी के आई कार्ड ने भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इसमें अंकिता को फार्मेसी का कर्मचारी बताया गया है। पुलकित ने अंकिता को फार्मेसी में नौकरी दिलाने के बहाने उसको रेजॉर्ट में रखा था। अंकिता की हत्या के आरोपी पुलकित आर्य के पिता विनोद आर्य की हरिद्वार में स्वदेशी आयुर्वेद फार्मेसी है।