भोपाल।
यू तो भेल प्रबंधन विजिलेंस की जांच के दायरे में फंसे अफसरों को महत्वपूर्ण कामों से दरकिनार करने की कोशिश करती रही यही कारण है कि कई अफसर जांच के चलते प्रमोशन में भी पिछड़ते रहे । चर्चा है कि इनमें से कुछ अफसर जांच खत्म होने या फिर मामूली सजा पाने के बाद प्रमोशन तो पा गये साथ ही मलाईदार विभाग भी पाने में सफल हो गये । गोल-माल के इन मामलों में लंबी जांच चलने के बाद एक अपर महाप्रबंधक को महाप्रबंधक बनाकर एक नहीं चार विभाग का मालिक बना दिया जबकि एक अपर महाप्रबंधक गोल-माल के मामले में आज महाप्रबंधक नहीं बन पाये फिर भी उन्हें मलाईदार विभाग दे डाला। अब तो खबर यह भी है कि अपनी सिफारिश व अप्रोच के चलते यह जल्द ही महाप्रबंधक बन सकते हैं । ऐसे एक नहीं कई मामले बीएचईएल भोपाल यूनिट में देखने को मिल सकते हैं लेकिन समझने की कोशिश कोई वरिष्ठ अधिकारी व खुद विजिलेंस विभाग नहीं कर रहा है । चर्चा है कि यदि एक बार गलत किया तो कई बार गलत क्यों नहीं कर सकते यह अफसर । अब इस मामले को या तो दिल्ली कॉरर्पोरेट समझे या फिर भोपाल यूनिट के मुखिया । खबर तो यह आ रही है कि कुछ अफसर मलाईदार विभाग में बैठकर भेल को फिर चूना लगाने से नहीं चूक रहे हैं ।