दिल्ली में बगैर इजाजत हुई थी VHP की रैली, DCP बोले- अब लेंगे एक्शन

नई दिल्ली,

दिल्ली में विश्व हिंदू परिषद (VHP) की आक्रोश रैली के मंच से रविवार को जब नंदनगरी इलाके में हुए मनीष हत्याकांड का मुद्दा उठा, तो मंच से ‘एक समुदाय को सबक सिखाने की बात’ कही गई. इसे लेकर राजनीति शुरू हो गई और नफरत फैलाने को लेकर हंगामा खड़ा हो गया. अब इसे लेकर दिल्ली पुलिस के डीसीपी शाहदरा का कहना है कि इस रैली के लिए आयोजकों ने कोई अनुमति नहीं ली थी. पुलिस मामले की जांच कर रही है और अब इस सभा को लेकर एक्शन लिया जाएगा.

दरअसल वीएचपी की इस रैली में योगेश्वर आचार्य ने जो भाषण दिया उसी को लेकर सारा विवाद खड़ा हुआ. उन्होंने अपने संबोधन में एक समुदाय को निशाने पर लेते हुए कहा कि जो लोग उन पर हमला करें, उनका सर कलम कर देना चाहिए और हाथ काट देने चाहिए. ज्यादा से ज्यादा क्या होगा, आप लोग जेल जाओगे. लेकिन अब समय आ गया है कि इन लोगों को सबक सिखाया जाए. उन्होंने कहा कि इन लोगों को चुन-चुन के मारो.

दिल्ली पुलिस ने दी सफाई
जब इस रैली के आयोजन को लेकर सवाल खड़े हुए, तो दिल्ली पुलिस ने जानकारी दी कि VHP ने ये रैली बिना इजाजत की. शाहदरा इलाके के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और अब रैली के आयोजकों के खिलाफ अनिवार्य एक्शन लिया जाएगा.

हुई कानून हाथ में लेने की बात
VHP की इसी रैली में महंत नवल किशोर ने कहा कि अगर हम सभी साथ आ जाएं तो दिल्ली पुलिस के कमिश्नर भी हमें चाय पिलाएंगे और हम जो चाहें, हमें वो करने देंगे. वीएचपी के सदस्य सुरेंद्र जैन ने कहा कि अगर पुलिस मनीष के हत्यारों को छोड़ देती है तो हम इनका स्वागत करेंगे. कानून हाथ में लेना पड़े तो ले लेंगे.

क्या है मनीष हत्याकांड?
गौरतलब है कि अक्टूबर की शुरुआत में नॉर्थ ईस्ट दिल्ली इलाके में रहने वाले मनीष (25 साल) की तीन आरोपियों ने सरेआम चाकू गोदकर हत्या कर दी थी. इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था. आरोप है कि मनीष की हत्या करने के बाद आरोपियों ने गली में चीखते हुए कहा था कि मार दिया है. लाश उठा लो. हैरान कर देने वाली बात यह रही कि मौके पर आसपास के लोग भी मौजूद थे, मगर किसी ने मनीष को बचाने की हिम्मत नहीं दिखाई.

बचाव में आई विश्व हिंदू परिषद
रैली में दिए गए भड़काऊ भाषणों को लेकर VHP बचाव में उतर आई. वीएचपी के प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि ये एक जन आक्रोश रैली थी. इसमें जो संदेश दिया गया, वो किसी समुदाय को टारगेट करके नहीं, बल्कि जिहादी तत्वों के खिलाफ दिया गया. लोगों में गुस्सा है. इस पूरे भाषण का मतलब ये था कि अगर जिहादी तत्वों के खिलाफ आत्मरक्षा के लिए उन्हें बाहर आने की जरूरत पड़ी, तो वो आ सकते हैं.

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