किसकी गोली, किसको लगी? काशीपुर फायरिंग केस में आमने-सामने UP और उत्तराखंड पुलिस

मुरादाबाद/काशीपुर,

उत्तराखंड के काशीपुर में खनन माफिया और मुरादाबाद पुलिस के बीच क्या हुआ था? इस सवाल का जवाब मिल नहीं रहा और मामला अधिक उलझता जा रहा है. मुरादाबाद पुलिस का दावा है कि खनन माफिया और उसके साथियों ने पुलिसकर्मियों पर फायरिंग की, जबकि उत्तराखंड पुलिस का कहना है कि फायरिंग सिर्फ यूपी पुलिस की ओर से की गई है.

आजतक से बात करते हुए उत्तराखंड पुलिस के फोरेंसिक डायरेक्टर का कहना है कि क्रॉस फायरिंग नहीं हुई है. एकतरफा फायरिंग हुई है और गोली सरकारी पिस्टल से निकली हुई पाई गई है. उत्तराखंड के फोरेंसिक डायरेक्टर का कहना है कि यूपी पुलिस के SHO की गोली से गुरप्रीत सिंह की मौत हुई. गुरप्रीत सिंह, ब्लॉक प्रमुख गुरताज सिंह की पत्नी हैं.

उत्तराखंड पुलिस ने यूपी पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कुमाऊं रेंज के डीआईजी निलेश आनंद का कहना है कि यूपी पुलिस हमें बिना सूचना दिए यहां आई और घर में घुसकर फायरिंग की जिससे एक महिला की मौत हुई है. उन्होंने कहा कि यह एक संगीन अपराध है इसलिए हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है. कुमाऊं रेंज के डीआईजी ने कहा कि हमने असलहा, गाड़ी और खाली खोखा बरामद किया है.

मुरादाबाद पुलिस ने दिया आरोप का जवाब
उत्तराखंड पुलिस के आरोप का मुरादाबाद पुलिस ने सिलसिलेवार तरीके से जवाब दिया है. मुरादाबाद के एसएसपी हेमंत कुटियाल ने कहा है कि जब पुलिस के असलहे लूट लिए गए तो वह फायरिंग कैसे कर सकती है. पुलिस के असलहे तो उनके पास थे. हमारे पास तो असलहे थे ही नहीं. पुलिसकर्मियों के असलहे काशीपुर पुलिस ने उसी घर से बरामद किए हैं.

मुरादाबाद के एसएसपी ने ये भी कहा कि हमारी तरफ से गोली चली ही नहीं है. उन्होंने कहा कि हमने लोकल पुलिस को सूचना दी थी और हमारे पास इसके पुख्ता सबूत हैं. उन्होंने कुछ नहीं किया तो ये उनकी गलती है. एसएसपी ने ये भी कहा कि हमारी टीम को बंधक बनाया गया, हमला किया गया और अपराधी को भगा दिया गया.मुरादाबाद के एसएसपी हेमंत कुटियाल ने सख्त लहजे में कहा, ‘जिन्होंने हमारे पुलिस वालों के साथ ये किया है उनपर कड़ा एक्शन लेंगे और NBW करवाकर अरेस्टिंग भी होंगी. हमारे 6 लोग घायल हुए हैं, इंस्पेक्टर ठाकुरद्वारा को फायर आर्म इंजरी है.

क्या है पूरा मामला
खनन इंस्पेक्टर और एसडीएम के साथ 13 सितंबर को बदसलूकी की घटना हुई थी. इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ी नाराजगी जताई थी. इसके बाद मुरादाबाद पुलिस ने खनन माफिया जफर और कई लोगों के साथ मुकदमा दर्ज किया था. मुकदमे में नामजद जफर तभी से फरार चल रहा था.

मुरादाबाद पुलिस ने जफर पर 50 हजार का इनाम भी घोषित कर रखा था. बुधवार की शाम को जफर की लोकेशन ठाकुरद्वारा तहसील में मिली तो स्थानीय पुलिस और एसओजी की टीम जफर को पकड़ने ठाकुरद्वारा पहुंच गई. खनन माफिया जफर वहां से उत्तराखंड की ओर निकल लिया. इसके बाद उसने एक घर में शरण ले ली.

मुरादाबाद के डीआइजी के अनुसार, खनन माफिया जफर पुलिस से बचकर जब उत्तराखंड पहुंच गया तो उसने वहीं के एक घर में शरण ले ली, जब पुलिस ने जफर को घर से बाहर निकालने और उसे गिरफ्तार करने की बात कही तो वहां के लोगों ने पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट शुरू कर दी और बंधक बनाकर पीटा गया, 6 पुलिसकर्मी बुरी तरह घायल हो गए.

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