नई दिल्ली
भारत सरकार की ओर से चलाई जा रही मुफ्त राशन की स्कीम दिसंबर के बाद भी चलेगी या नहीं यह एक बड़ा सवाल है। सरकार ने इस साल अक्टूबर में इस स्कीम को अगले तीन महीने के लिए बढ़ाते हुए दिसंबर तक कर दिया है। सरकार के फैसले के बाद अब व्यापारियों का कहना है कि सरकार इस स्कीम को ज्यादा समय तक आगे नहीं बढ़ा सकती है क्योंकि देश के खाद्य भंडार पर लोड बढ़ रहा है और स्टॉक में कमी हो रही है। सरकार के पास के गेहूं का स्टॉक 1 अक्टबर को 22.7 मिलिटन टन पहुंच गया है। जबकि एक साल पहले इसी समय पर भारत के पास गेहूं का 46.9 मिलियन टन का स्टॉक था।
हालांकि सरकारी अधिकारियों का कहना है कि स्टॉक पर्याप्त है। सीमित आपूर्ति ने गेहूं की कीमतों को रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। यूक्रेन युद्ध की वजह से बाहर से गेंहू लाना भी सरकार को काफी महंगा पड़ेगा और मुश्किल भी। ऐसे में सरकार के पास केवल एक रास्ते बचते हैं कि वो मुफ्त राशन की स्कीम को दिसंबर के बाद समाप्त करे दे।
बारिश की वजह से पाम तेल का उत्पादन प्रभावित
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने कहा कि हाल ही में खाद्य तेल की कीमतों में भी उछाल देने को मिली है क्योंकि प्रमुख उत्पादक देशों में भारी बारिश से पाम तेल उत्पादन बाधित हो रहा है, जबकि काला सागर क्षेत्र से सूरजमुखी तेल की आपूर्ति पर चिंता बढ़ रही है।
दूध उत्पादकों के पास के भी कम हो रहे स्टॉक
डेयरी कंपनी नैचुरल शुगर एंड एलाइड इंडस्ट्रीज के चेयरमैन बी बी थोम्बरे ने कहा कि इस बीच, प्रमुख दूध उत्पादक कीमतें बढ़ा रहे हैं क्योंकि दूध पाउडर और मक्खन के मजबूत निर्यात के कारण दूध उत्पादों के पास स्टॉक कम हो रहे हैं। उन्होंने कहा, दूध उत्पादन बढ़ रहा है लेकिन दूध उत्पादों के कम स्टॉक के कारण कीमतों में कमी आने की संभावना नहीं है।
30 सितंबर को समाप्त होने वाली थी स्कीम
मुफ्त राशन की स्कीम 30 सितंबर को समाप्त होने वाली थी। इससे पहले सरकार ने स्कीम को तीन महीने यानी इस साल के अंत तक के लिए बढ़ाने का फैसला ले लिया। वित्त मंत्रालय के मुताबिक तीन महीने तक मुफ्त राशन की स्कीम को आगे बढ़ाने से खजाने पर 45,000 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा।