नई दिल्ली
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी इन दिनों ऑस्ट्रेलिया में हैं। शुक्रवार को वह सिडनी की यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स (UNSW) में मौजूद थे। यहां उन्होंने करीब 25 साल पहले का किस्सा सुनाया। बात 1998-99 की होगी। उस वक्त गडकरी महाराष्ट्र की सरकार में मंत्री हुआ करते थे। गडकरी ने बताया, ‘1998-99 के आसपास मैं यहां था। यहीं पर ट्रेबल स्ट्रीट ब्रिज भी था। मैंने ये पुल देखा और उसी के आधार पर हमने डिजाइंस अप्रूव किए। मुझे मुंबई में 55 फ्लाईओवर बनवाने का मौका मिला और इसी प्रोजेक्ट की तरह बांद्रा-वर्ली सी लिंक प्रोजेक्ट… सेम डिजाइन… पुल की लंबाई ज्यादा है। उस वक्त मुझे मौका मिला कि मुंबई-पुणे के बीच पहला एक्सप्रेस हाइवे बनवाऊं। आज 25 साल बाद मैं फिर यहां हूं। यह बेहद खुशी और गर्व की बात है।’ गडकरी ने गिनाया कि भारत का रोड नेटवर्क दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा है।
गडकरी ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ. केनेडी के एक कथन का भी जिक्र किया। केनेडी ने कहा था, ‘अमेरिका की सड़कें इस वजह से अच्छी नहीं हैं कि अमेरिका रईस हैं, बल्कि अमेरिका इसलिए रईस है क्योंकि यहां की सड़कें अच्छी हैं।’
गडकरी के पास हैं खेती में तीन-तीन डॉक्टरेट
UNSW में गडकरी ने कहा, ‘2014 में सत्ता के आने के बाद हमने देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी है।’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ‘मेरा पैशन ये है कि मैं खेती से जुड़ा हूं लेकिन दुर्भाग्य से मैं महाराष्ट्र में PWD मंत्री रहा। फ्लाईओवर्स, टनल्स, सड़कें बनवाता रहा। फिर (नरेंद्र) मोदी जी ने भी वही जिम्मेदारी दे दी। लेकिन मैं खेती के क्षेत्र में करता हूं। मुझे अलग-अलग यूनिवर्सिटीज से कृषि विज्ञान में तीन-तीन डॉक्टरेट मिली है।’
गडकरी ने कहा कि मेरा सपना है कि देश से पेट्रोल को रीप्लेस कर दिया जाए। उन्होंने पिछले दिनों फ्लेक्स-फ्यूल कार लॉन्च करने का जिक्र किया और कहा कि यह 100% बायो एथेनॉल से चलती है। गडकरी ने कहा कि अब टोयोटा, मर्सिडीज, हुंडई… सब कंपनियां कह रही हैं कि वे भारत में फ्लेक्सी-फ्यूल कारें लॉन्च करेंगी।