भोपाल
उज्जैन में ‘महाकाल लोक’ को अब कांग्रेस भी भुनाना चाहती है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के मध्यप्रदेश रूट में बदलाव की तैयारी है। इसके मुताबिक राहुल अब महाकाल मंदिर भी जाएंगे। उज्जैन में जनसभा भी होगी। नर्मदा पूजन के बाद राहुल, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जन्मस्थली महू भी जाएंगे। कांग्रेस का उज्जैन से हिंदू और महू से दलित-आदिवासी वोटर्स को आकर्षित करने का प्लान है। राहुल की यात्रा इंदौर से गुजरेगी। गुरुवार को 10 कांग्रेसी नेता रूट स्कैनिंग करेंगे। इसके बाद ही फाइनल प्लान बनाया जाएगा। बता दें, पहले ये रूट राहुल की यात्रा चार्ट में शामिल नहीं थे।
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा बुरहानपुर के रास्ते 20 नवंबर को मध्यप्रदेश में एंट्री करेगी। प्रदेश में यात्रा के प्रभारी पीसी शर्मा के साथ पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, जीतू पटवारी, मुकेश नायक, अरुण यादव, महेंद्र जोशी, बाला बच्चन, रवि जोशी समेत करीब 10 नेता पूरे रूट का दौरा करेंगे। जिन जगहों पर यात्रा विश्राम करेगी, कांग्रेस नेता उन स्पॉट्स का निरीक्षण करेंगे। यात्रा में स्थानीय धर्मगुरुओं को भी आमंत्रित किया जाएगा।
राहुल की टीम से इंदौर में होगी मुलाकात
यात्रा प्रभारी पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने बताया कि पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ ने प्रदेश में यात्रा के लिए हर नेता को अलग-जिम्मेदारी सौंपी है। 27 अक्टूबर को हम भी रूट का निरीक्षण करेंगे। 28 अक्टूबर को यात्रा की टीम इंदौर आएगी। यहां हम लोग दिल्ली की टीम के साथ बैठक करेंगे। निरीक्षण की रिपोर्ट और यात्रा के सुझावों को भी शामिल करते हुए रूट और मप्र की यात्रा में जरूरी बदलाव किए जाएंगे।
महू से ट्राइबल बेल्ट में मैसेज देने की कोशिश
मध्यप्रदेश में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। राहुल की यात्रा जिस रूट से गुजरेगी, उसमें करीब 6 जिलों की 8 विधानसभाएं कवर होंगी। यात्रा के जरिए राहुल गांधी उज्जैन से बड़ा संदेश देंगे। यहां बड़ी जनसभा होगी। इसके लिए कमलनाथ ने पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा को प्रभारी बनाया है।
निमाड़, मालवा से होते हुए यात्रा राजस्थान की तरफ जाएगी, लेकिन मप्र के जिस इलाके से यात्रा गुजरेगी, उसे आदिवासी बहुल माना जाता है। लिहाजा, यात्रा में भीमराव अंबेडकर की जन्मस्थली महू जाने और आदिवासी सेनानायकों से जुड़े स्थानों पर जाने का कार्यक्रम भी बनाया जा रहा है। उज्जैन से हिंदुत्व और महू से एससी, एसटी वोटर्स को साधने का संदेश दिया जाएगा।
इंदौर के बीचों-बीच से गुजरेगी यात्रा
यात्रा मप्र की धर्मनगरी उज्जैन और आर्थिक राजधानी इंदौर से गुजरेगी। राहुल गांधी की यात्रा इंदौर शहर के बीचों बीच से गुजरेगी। इंदौर कांग्रेस के नेताओं ने सुझाव दिया है कि यात्रा राजबाड़ा से गुजरे। यहां अहिल्या बाई होल्कर की प्रतिमा पर राहुल माल्यार्पण करें। यहां मराठी वोटर्स बड़ी संख्या में हैं। राजबाड़े पर राहुल की यात्रा गुजरने से शहरी वोटर्स से संवाद कराया जा सकता है। अलग-अलग श्रमिक वर्गों और व्यापारिक संगठनों के साथ राहुल मुलाकात कर सकते हैं।
कमलनाथ ने नेताओं को दिया जिम्मा
पीसीसी चीफ कमलनाथ ने यात्रा को लेकर कांग्रेस नेताओं को जिम्मेदारी दी है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह को प्रशासन से परमिशन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सज्जन सिंह वर्मा को आम सभाएं आयोजन की जिम्मेदारी दी गई है। विधायक संजय शुक्ला, नीरज दीक्षित खान-पान की व्यवस्था देखेंगे। विधायक विशाल पटेल, संजय शुक्ला यात्रियों की रुकने की व्यवस्था देखेंगे।
अजय सिंह मॉनिटरिंग करेंगे। निलय डागा परिवहन की जिम्मेदारी निभाएंगे। यात्रा को प्रभावी बनाने के लिए 70 विधायकों को भी लगाया गया है। यात्रा की तैयारियों की जिम्मेदारी कमलनाथ ने अपने हाथों में ली है। यात्रा के मध्यप्रदेश प्रभारी पीसी शर्मा रोज समीक्षा कर रहे हैं।
किसानों को मुआवजा देकर खाली कराएंगे खेत
इंदौर-इच्छापुर हाइवे पर जिन-जिन गांवों में यात्रा का रात्रि विश्राम रहेगा, उन गांवों में हाईवे से दूर डोम बनाएं जाएंगे, ताकि यात्रा के वाहनाें और आने वाले नेता व कार्यकर्ताओं को उचित स्थान मिल सके। इसलिए जिन खेतों को खाली कराया जाएगा, उन खेत मालिक किसानों को फसल का मुआवजा दिया जाएगा, जिससे वे रबी सीजन की फसल की बोवनी न कर दें। इधर, राजस्व व वन भूमि के लिए संबंधित विभागों से परमिशन ली जाएगी।
हैदराबाद जाकर देखेंगे एमपी कांग्रेस के नेता
गुरुवार से बुरहानपुर से आगर मालवा जिले के रूट का निरीक्षण किया जाएगा। 28 अक्टूबर को दिल्ली से भारत जोड़ो यात्रा का केंद्रीय दल इंदौर आएगा। इस ग्रुप की मप्र की टीम से मीटिंग होगी। 30 और 31 अक्टूबर को टीम की बैठकें होंगी। इसके बाद मप्र कांग्रेस के सीनियर लीडर्स डॉ. गोविन्द सिंह, सज्जन सिंह वर्मा, जीतू पटवारी, पीसी शर्मा हैदराबाद जाकर भारत जोड़ो यात्रा की तैयारियों का जायजा लेकर उसी तरह की तैयारियां मध्यप्रदेश में करेंगे। 3 नवंबर को कमलनाथ भोपाल में दिल्ली और मप्र के नेताओं के साथ बैठक कर फाइनल प्लान पर मुहर लगाएंगे।