राजकोट
शाम को सूरज ढल रहा था। गुलाबी रोशनी थी और मोरबी में मच्छू नदी पर बने हैंगिग पुल पर भारी भीड़ जमा थी। लोग दिवाली के बाद वीकंड मनाने आए थे। अधिकांश लोग अपने पूरे परिवार के साथ एंजॉय करने यहां पहुंचे थे। लोग तस्वीरें ले रहे थे तो की सेल्फी क्लिक कर रहा था। हर कोई खुश नजर आ रहा था। अचानक पुल झूला और टूटकर नदी में जा गिरा। महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग और युवा पुल पर मौजूद सभी नदी में जा गिरे। कई माओं से बच्चे बिछड़ गए तो कई बच्चे अपनी मां को ढूंढते नजर आए। किसी का तो पूरा परिवार ही खत्म हो गया और उन्हें खोजने वाला कोई नहीं था। कई के परिवार हादसे की सूचना के बाद अपनों को ढूंढने के लिए नदी के किनारे, अस्पतालों और पोस्टमॉकर्टम हाउस के चक्कर काटते नजर आए। रातभर चीखें कानों और दिल को चीरती रहीं। तलाशी अभियान में लगातार एक के बाद एक लाशें निकलती रहीं। सीन इतना भयावह था कि मासूम बच्चों की लाशें देखकर राहत कार्य में लगे लोग भी अपने आंसू नहीं रोक पाए। अपनों की लाशों को सीने से लपेटकर लोग रोते-बिलखते नजर आए।
मोरबी हादसे में सबसे ज्यादा मरने वालों में महिलाएं और बच्चे ही हैं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कैसे वे नदी से लोगों को खींचने में लग गए। बच्चे आंखों के सामने डूबते चले गए। कई को बचाने की उम्मीद से बाहर निकाला तो उन्होंने गोद में ही दम तोड़ दिया।
गोद में ही बच्चे ने तोड़ा दम
घटना स्थल के पास ही चाय बेचने वाले एक विक्रेता ने बताया कि एक बच्ची की उम्र लगभग 10 साल थी वह डूब रही थी। उन्होंने उसे जल्दी से बाहर निकाला। बच्ची ने उन्हें कस के पकड़ लिया। वह उसे जब तक बाहर लेकर आए, बच्ची के हाथ की पकड़ ढीली हो गई और पलक झपकते ही उसका हाथ जमीन पर लटकर झूलने लगा। ऐसा लगा मानों मेरा दिल फट गया हो। दिमाग सुन्न हो गया, बच्ची को किनारे रखा और और लोगों को बचाने में लग गया।
पकड़ ढीली पड़ती और नदी में गिरते
14 साल पुराने सस्पेंशन पुल को स्थानीय लोगों ने डरावनी तरह से लटकते देखा। नदी से लोगों का झुंड पुल के सहारे ऊपर चढ़ने की कोशिश कर रहा था। इस कोशिश में तमाम लोगों के हाथ की पकड़ ढीली पड़ी और वह सीधा नदी में जाकर डूब गए।
7 महीने की गर्भवती की भी मौत
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, ‘सब कुछ सेकंड में हो गया। मैंने देखा कि लोग पुल पर लटके हुए थे और बाद में पानी में गिर गए क्योंकि उनकी पकड़ ढीली हो गई और वे पानी में फिसल गए। यह वास्तव में दिल दहला देने वाला था। पुल गिरने से 7 महीने की गर्भवती महिला की भी डूबकर मौत हो गई। इस दृश्य ने मुझे अंदर तक हिलाकर रख दिया।’
असहाय होकर देखते रहे
चाय बेचने वाले ने कहा, ‘हर जगह बस लोग मर रहे थे। मैंने जितना हो सके मदद करने की कोशिश की। लोगों को अस्पताल ले गया। मैंने कभी ऐसा कुछ नहीं देखा। यह छोटा बच्चा था। हमने उसे बचाने की कोशिश की। उसने पेट में बहुत पानी भरा था। हम वास्तव में खुश थे कि वह बच जाएगा लेकिन अस्पताल ले जाते समय उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।’
रातभर पीड़ितों की पहुंचाया अस्पताल
हसीना भेन नाम की एक स्थानीय महिला ने इस भयानक घटना के बारे में बताया, ‘मुझे कभी एहसास नहीं हुआ कि सुबह कब हुई। मैं और मेरा परिवार पूरी रात लोगों को अस्पताल ले जाने में लगे रहे। मैंने अपनी दोनों गाड़ियां घायलों को अस्पतालों तक पहुंचाने के लिए लगा दीं। मेरे दो बेटे और एक बेटी तीनों रातभर राहत कार्य में लगे रहे।’ दूसरों ने बताया कि कैसे उन्होंने उन बच्चों को बचाने का प्रयास किया, जिनमें बच्चे भी शामिल थे, जिन्हें पुल से चिपके हुए देखा गया था, लेकिन उन्हें असहाय होकर देखना पड़ा क्योंकि वे नदी के बीच नहीं जा सकते थे। उनकी आंखों के सामने बच्चे मर रहे थे।