पिता की मौत का कारण जानने के लिए बेटे को लगानी पड़ी RTI, MP में चौंकाने वाला मामला

छतरपुर

मध्यप्रदेश के छतरपुर में एक बेटा अपने पिता की मौत का कारण जानने के लिए पिछले दो महीने से परेशान है। इसके लिए उसने अब आरटीआई का सहारा लिया है। हालांकि, लगाई गई आरटीआई से भी पिता की मौत का रहस्य नहीं खुल सका है। ऐसी स्थिति में एक बेटे को अभी भी अपने पिता की मौत का कारण जानने के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। युवक का नाम संदीप यादव है। उन्होंने बताया कि 10 सितंबर को पिता चार्ली राजा यादव को एक प्राइवेट नर्सिंग होम में कंधे पर उभरी एक गांठ का ऑपरेशन करने के लिए भर्ती किया गया था। चार्ली राजा यादव स्वास्थ्य विभाग के रिटायर्ड कर्मचारी थे। आरोप है कि 11 सितंबर को डॉक्टरों की लापरवाही से उनके पिता की जान चली गई।

डॉक्टरों की लापरवाही से गई जान
11 सितंबर को चार्ली राजा का प्राइवेट नर्सिंग होम में ऑपरेशन होना था। यह ऑपरेशन जिला अस्पताल में तैनात डॉक्टर मनोज चौधरी और विशाल श्रीवास्तव कर रहे थे। इसी दौरान ऑपरेशन थियेटर में उनकी मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया। सूचना के बाद मौके पर थाना कोतवाली पुलिस पहुंची। परिजनों का आरोप है की ऑपरेशन करने से पहले उनके पिता को एनेस्थीसिया का ओवर डोज दे दिया गया जिससे उनकी मौत गई।

दो महीने बाद भी नहीं आई पोस्टमार्टम और बिसरा रिपोर्ट
मामले में थाना कोतवाली पुलिस ने परिजनों के बयान लेकर मामले की जांच शुरू कर दी। वहीं परिजनों के कहने पर डॉक्टरों की एक टीम ने मृतक का पोस्टमार्टम किया। हालांकि, घटना के दो महीने बीत जाने के बाद भी जिला अस्पताल से न तो बिसरा रिपोर्ट आई और ना ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट। पीड़ित परिवार के लोग कई बार जिला अस्पताल के चक्कर लगा चुके हैं लेकिन अस्पताल में कोई भी जिम्मेदार अधिकारी जवाब नहीं दे रहा है। जिस वजह से पुलिस संबंधित मामले में किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं कर पा रही।

पिता की मौत का कारण जानने के लिए लगाई आरटीआई
कई दिनों तक पोस्टमार्टम और बिसरा रिपोर्ट न आने के बाद परिजनों ने जिला अस्पताल पहुंच डॉक्टरों से मामले देरी होने की जानकारी मांगी। किसी भी डॉक्टर ने कोई जवाब नहीं दिया। आखिरकार मृतक के बेटे संदीप यादव को थाना कोतवाली में एक आरटीआई लगानी पड़ी जिसमें उसने पोस्टमार्टम रिपोर्ट और बिसरा की जानकारी मांगी। आरटीआई के जवाब में थाना कोतवाली पुलिस ने यह जानकारी दी कि संबंधित मामले में कार्रवाई इसलिए हो सकी क्योंकि जिला अस्पताल से अभी तक पोस्टमार्टम और बिसरा रिपोर्ट नहीं आई है।

जिला अस्पताल पर लगाया लापरवाही का आरोप
इस मामले में जिला अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है। दो महीने बीत जाने के बाद भी जिला अस्पताल प्रबंधन पोस्टमार्टम और बिसरा की रिपोर्ट पेश नहीं कर पाए हैं। संदीप यादव की मानें तो अस्पताल प्रशासन डॉक्टरों को बचा रहा। जिन डॉक्टरों ने मृतक चार्ली राजा का ऑपरेशन किया था वह दोनों डॉक्टर जिला अस्पताल में तैनात हैं। यही वजह की पोस्टमार्टम और बिसरा रिपोर्ट में देरी की जा रही है।

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