खेरसॉन से रूसी सैनिकों की वापसी, अब अमेरिका का बड़ा दावा… क्या खत्म होगा युद्ध?

नई दिल्ली,

पिछले 9 महीने से यूक्रेन युद्ध की आग में जल रहा है. और युद्ध की इस अग्नि की तपिश पूरी दुनिया को प्रभावित कर रही है. रूस-यूक्रेन युद्ध से कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया है. दुनिया भर में ऊर्जा संकट बढ़ गया है और कई देशों की अर्थव्यवस्था स्लो डाउन से गुजर रही है. अब युद्ध को लेकर ऐसे संकेत मिल रहे हैं, जिससे उम्मीद जगी है कि शायद शांति वार्ता के जरिए युद्ध विराम का रास्ता साफ हो जाए.

इसी साल फरवरी महीने की 24 तारीख का वो मनहूस दिन था जब रूसी सैनिकों ने यूक्रेन पर हमला बोल दिया था. युद्ध से पहले राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने यूक्रेन की सीमा पर रूसी सैनिकों का जमावड़ा कर दिया था. तब दुनिया को आशंका होने लगी थी कि शायद रूस यूक्रेन पर हमला कर देगा. लेकिन पुतिन लगातार भरोसा दे रहे थे कि उनकी सेना युद्धाभ्यास करने के लिए जुटी है. लेकिन यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की आशंका सही साबित हुई और युद्ध छिड़ गया.

रूस-यूक्रेन के जारी युद्ध में भीषण तबाही हुई. यूक्रेन पर रूसी सैनिकों ने ताबड़तोड़ हमले किए. कई शहरों पर रिहायशी इलाकों में भी मिसाइल अटैक हुए और भारी तबाही हुई. यूक्रेन में हमले के बाद हजारों की संख्या में लोगों की मौत हुई. जेलेंस्की की जिद्द थी कि यूक्रेन को NATO में शामिल करेंगे. जबकि पुतिन का कहना था कि यूक्रेन को नाटो में शामिल नहीं होना चाहिए. बस दोनों राष्ट्राध्यक्षों के इसी हठ के कारण मासूम जनता युद्ध के आगोश में समा गई.

खेरसॉन से रूसी सेना की वापसी
यूक्रेन के खेरसान इलाके से रूस ने अपने सैनिकों को निकलने का आदेश दे दिया है. बुधवार को रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने अपने सैनिकों को खेरसान के पास निप्रो नदी के पश्चिमी तट से हट जाने को कहा है. इस पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि ये दिखाता है कि रूस की सेना किसी ‘समस्या’ से जूझ रही है. बता दें कि खेरसॉन वही इलाका है, जिसे दो महीने पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजाद देश घोषित किया था. अब रूस ने अपनी सेना को वहां से लौटने का आदेश दे दिया है. ऐसे में इसे रूस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.

अमेरिकी अधिकारी ने शांति वार्ता के लिए अनुकूल बताया
न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल मार्क मिले ने कहा है कि खेरसॉन से रूसी सैनिकों की वापसी दोनों देशों के लिए शांति वार्ता के लिए रास्ता खोलने वाला है. मिले ने दावा किया है कि इस युद्ध में रूस के कम से कम एक लाख सैनिक मारे गए हैं जबकि 40 हजार यूक्रेन के लोग मारे गए हैं. उन्होंने कहा कि ये युद्ध मानवता के लिए काफी नुकसानदेह साबित हुआ है.

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रखी ये शर्तें
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने दो दिन पहले कहा था कि वो रूस से वार्ता के लिए तैयार है लेकिन उन्होंने इसके लिए शर्तें भी रख दीं. जेलेंस्की ने कहा कि अगर रूस यूक्रेन की कब्जा की गई जमीन वापस करता है और युद्ध में हुए नुकसान की भरपाई के लिए तैयार होता है तो वो वार्ता के लिए तैयार है. साथ ही रूस भी कई बार कर चुका है कि वो वार्ता के लिए तैयार है.

ऐसे में खेरसॉन से रूसी सैनिकों को हटाने के फैसले से ये भी संकेत निकाला जा रहा है कि शायद दोनों देश शांति वार्ता के लिए तैयार हो जाएं. जब दोनों देश बातचीत के टेबल पर बैठेंगे तो शायद युद्ध पर भी विराम लग जाए और भविष्य में युद्ध खत्म होने पर सहमति भी बन जाए

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