जेल से छूटते ही राजीव गांधी के हत्यारों नलिनी और रविचंद्रन ने बदल दिया रंग

नई दिल्ली

सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी हत्या मामले में नलिनी श्रीहरन और आर पी रविचंद्रन समेत 6 दोषियों की समय पूर्व रिहाई का शुक्रवार को निर्देश दिया। जेल से रिहा होते ही रविचंद्रन और नलिनी ने ‘विक्टिम कार्ड’ खेलना शुरू कर दिया है। जेल से रिहा होने के बाद रविचंद्रन ने कहा कि उत्तर भारत के लोगों को हमें आतंकी या हत्यारे के तौर पर देखने की बजाय पीड़ित के रूप में देखना चाहिए। वहीं नलिनी ने दावा किया कि उसके इस दृढ़ विश्वास ने उसे इतने वर्षों तक जीवित रखा कि वह निर्दोष है। नहीं तो मैं अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेती। क्या आपको लगता है कि मैंने पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या की है। मेरे ऊपर हत्या के 17 मामले दर्ज किए गए हैं।

उत्तर भारत के लोगों को हमें आतंकवादी की तरह नहीं पीड़ित के रूप में देखना चाहिए
रिहाई के बाद रविचंद्रन ने कहा कि समय और सत्ता यह तय करती है कि कौन आतंकवादी है और स्वतंत्रता सेनानी है। समय बताएगा कि हम निर्दोष हैं चाहे हम आतंकवादी होने का ही आरोप क्यों न हो। 3 दशक बाद जेल से बाहर आने के बाद रविचंद्रन ने कहा कि समय हमें निर्दोष के रूप में आंकेगा। रविचंद्रन ने कहा कि उत्तर भारत के लोगों को हमें आतंकवादियों या हत्यारों की तरह नहीं बल्कि पीड़ित के रूप में देखना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी हत्याकांड में करीब तीन दशक से उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी और पांच अन्य शेष दोषियों को समय से पहले रिहा करने का शुक्रवार को निर्देश दिया था।

नहीं तो मैं अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेती
महिलाओं की विशेष जेल से रिहा होने के बाद 55 वर्षीय नलिनी श्रीहरन वेल्लोर की जेल से रिहा होने के तुरंत बाद नलिनी वेल्लोर केंद्रीय जेल गई, जहां से उसके पति वी. श्रीहरन उर्फ मुरुगन को रिहा किया गया। नलिनी ने वेल्लोर में कहा कि 32 वर्षों के दौरान जेल में यह साल एक नारकीय अनुभव था। मेरे इस विश्वास ने मुझे इतने साल तक जीवित रखा कि मैं निर्दोष हूं। नलिनी ने लंदन में अपनी बेटी के पास जाने और भविष्य में अपने पति और बेटी की देखभाल की इच्छा जताई। नलिनी श्रीहरन ने कहा कि प्रियंका गांधी ने उनसे वर्ष 2008 में जेल में मुलाकात के दौरान अपने पिता राजीव गांधी की हत्या के बारे में पूछा।

नलिनी ने मुलाकात के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए यहां संवाददाताओं से कहा कि प्रियंका गांधी जब एक दशक पहले वेल्लोर केंद्रीय कारागार में उनसे मिलीं तो वे भावुक हो गईं और रो पड़ीं। फिलहाल कांग्रेस पार्टी की नेता गांधी ने नलिनी से मुलाकात के दौरान अपने पिता की हत्या के बारे में जानना चाहा था। नलिनी ने कहा कि वह जो कुछ भी जानती थी, उसके बारे में उन्हें बता दिया। उसने कहा कि मुलाकात में हुई अन्य बातों का खुलासा नहीं किया जा सकता क्योंकि यह प्रियंका के निजी विचारों से संबंधित है। नलिनी को 12 नवंबर को उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद रिहा कर दिया गया था।

राजीव गांधी हत्या मामले का घटनाक्रम
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राजीव गांधी हत्या मामले में नलिनी श्रीहरन और आर पी रविचंद्रन सहित शेष छह दोषियों की समय पूर्व रिहाई का शुक्रवार को निर्देश दिया। मामले का घटनाक्रम इस प्रकार है:-

21 मई 1991: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तमिलनाडु के श्रीपेरम्बुदूर में एक महिला आत्मघाती हमलावर ने हत्या कर दी, जिसकी पहचान धनु के रूप में की गई।

24 मई 1991: मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष जांच दल(एसआईटी) को सौंपी गई।

11 जून 1991: सीबीआई ने ए जी पेरारिवलन को गिरफ्तार किया, उसके खिलाफ आतंकवाद एवं विध्वंसकारी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (टाडा) के तहत मामला दर्ज किया।
28 जनवरी 1998: टाडा अदालत ने पेरारिवलन सहित 26 आरोपियों को मौत की सजा सुनाई।

11 मई 1999: सुप्रीम कोर्ट ने पेरारिवलन की दोषसिद्धि और सजा को बरकरार रखा।

आठ अक्टूबर 1999: सुप्रीम कोर्ट ने पेरारिवलन की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी।

अप्रैल 2020: तमिलनाडु के राज्यपाल ने राज्य सरकार की सिफारिश और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष एवं राजीव गांधी की पत्नी सोनिया गांधी की अपील पर मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया।

12 अगस्त 2011: पेरारिवलन ने संविधान के अनुच्छेद 72 के तहत राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की, जिसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद, पेरारिवलन ने मद्रास उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की।

एक मई 2012: हाई कोर्ट ने मामला उच्चतम न्यायालय को स्थानांतरित कर दिया।

18 फरवरी 2014: सुप्रीम कोर्ट ने पेरारिवलन के साथ-साथ दो अन्य कैदियों–संथन और मुरूगन–की मौत की सजा को इस आधार पर उम्रकैद में तब्दील कर दिया कि केंद्र ने उनकी दया याचिका पर विचार करने में 11 वर्षों की देरी की।

30 दिसंबर 2015: पेरारिवलन ने अपनी सजा घटाने के लिए संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत याचिका दायर की।

9 सितंबर 2018: तमिलनाडु मंत्रिमंडल ने पेरारिवलन की रिहाई की सिफारिश करते हुए प्रस्ताव पारित किया, जिसे राज्यपाल को भेजा गया।

25 जनवरी 2021: उच्चतम न्यायालय ने पेरारिवलन के 31 साल से अधिक समय जेल में बिताने पर गौर करते हुए उसे जमानत पर रिहा कर दिया।

18 मई 2022: उच्चतम न्यायालय ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत मिली शक्तियों का उपयोग करते हुए पेरारिवलन की रिहाई का आदेश दिया।

12 अगस्त 2022: नलिनी श्रीहरन और रविचंद्रन ने उच्चतम न्यायालय का रुख कर समय से पहले रिहाई का अनुरोध किया।

26 सितंबर 2022: उच्चतम न्यायालय नलिनी और रविचंद्रन की समय पूर्व रिहाई की अर्जी पर केंद्र, तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी किया।

11 नवंबर 2022: उच्चतम न्यायालय ने मामले में नलिनी श्रीहरन और रविचंद्रन सहित शेष छह दोषियों की समय पूर्व रिहाई का निर्देश देते हुए कहा कि तमिलनाडु सरकार ने उनकी कैद की अवधि घटाने की सिफारिश की है।

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