चेहरे पर तेजाब, प्राइवेट पार्ट्स में शराब की बोतल… मौत से पहले उसे दी गईं यातनाएं आपको हिला देंगी

‘पापा आपकी बेटी आपकी सारी मुश्किलें दूर कर देगी’… हर रोज की तरह उस रोज भी 19 साल की सीमा (बदला हुआ नाम) घर से अपने ऑफिस के लिए निकली। लेकिन किसी को भला क्या पता था कि उसके साथ आज क्या होने वाला है। सीमा उस रोज घर से तो ऑफिस के लिए निकली, लेकिन फिर कभी घर नहीं लौटी। सीमा अपने परिवार के साथ दिल्ली के छावला इलाके में रहती थी और गुरुग्राम नौकरी करने जाती थी। वो अपने पापा का हाथ बटाना चाहती थी। वो चाहती थी अपनी मां के सपनों को पूरा करना, वो चाहती थी अपने भाई-बहन को अच्छी ज़िंदगी देना, लेकिन ये सपने उस दिन चकानचूर हो गए।

सीमा की कहानी रुला देगी
शाम के सात बच चुके थे, लेकिन सीमा का कोई पता नहीं था। वो वक्त पर घर नहीं लौटी थी। ‘रोज तो टाइम पर आ जाती थी, आज लेट क्यों हो गई होगी सीमा (बदला हुआ नाम), मुझे चिंता हो रही है’… घर में इधर-उधर घूमती सीमा की मां परेशान हो रही थीं। कुछ देर तक उसके परिवारवाले अपनी लाडली की राह देखते रहे थे। सीमा नहीं आई तो पिता ने आसपास जाकर उसने तलाशने की कोशिश की। रात दस बजे तक भी जब सीमा घर नहीं पहुंची तो उसके पिता नजफगढ़ थाना पहुंचे अपनी बेटी की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करवाने।

दिल्ली से सीमा को अगवा किया
13 फरवरी 2012 की वो रात सीमा के परिवार के लिए ना खत्म होने वाली रात थी। किसी की आंखों में नींद नहीं थी। उनकी लाडली बेटी का कोई पता नहीं था। मां का रो-रोकर बुरा हाल था। पिता भी अपने आंसू नहीं छुपा पा रहे थे। भाई-बहन परेशान थे। जैसे-तैसे रात कटी तो सुबह उठते ही वो लोग फिर थाने पहुंचे। ‘ सीमा का कुछ पता चला?’ घबराते हुए सीमा के पिता ने पुलिस से पूछा। नहीं, अब तक कुछ पता नहीं है। तीन दिन तक रोज़ सीमा का परिवार यही सुनता रहा। उसका कोई सुराग नहीं।

प्राइवेट पार्ट्स में डाली शराब की बोतल
चौथे दिन हरियाणा के रेवाड़ी के एक गांव में एक लड़की का शव बेहद खराब हालत में मिला। लड़की के शरीर को बुरी तरह से घायल किया गया था। पूरे शरीर में चोट के निशान थे। जगह-जगह पर उसके शरीर को सिगरेट से दागा गया था। उसके प्राइवेट पार्ट्स में शराब की बोतल और मेटल की कुछ चीज़ें डाल दी गईं थीं। उसकी आंखों को तेजाब से जला दिया गया था। शव देखकर ऐसा लगता था कि जैसे किसी राक्षस ने हमला किया हो।

गैंगरेप के बाद तड़पा-तड़पा कर मारा
सीमा के माता-पिता टूट चुके थे। अपनी बेटी को इस हालत में देखकर उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि किया किया जाए। सीमा का पोस्टमार्टम हुआ सामने आई उस दिन हुए अत्याचार की पूरी कहानी। सामने आईं वो यातानाएं जो मौत से पहले उसे दी गई। सीमा के साथ पहले गैंगरेप हुआ और फिर उसको बेरहमी से तड़पा-तड़पाकर मार दिया गया।

हरियाणा के रेवाड़ी ले गए आरोपी
उस शाम जब सीमा अपने ऑफिस से लौट रही थी, तब उसके घर के पास ही एक इंडिका कार में बैठे तीन लड़कों ने उसको जबरन कार के अंदर खींच लिया। वो लड़के उसे उठाकर हरियाणा में रेवाड़ी के पास एक गांव ले गए। उसी रात सरसों के खेत में ले जाकर तीनों लड़कों ने उसके साथ गैंगरेप किया। वो रोती-चिल्लाती रही और तीनों लड़के उसके साथ क्रूरता की हदें पार करते रहे। सीमा को अधमरा कर ये तीनों आरोपी वहां से फरार हो गए। बेबस सीमा तीन दिन तक वहां दर्द से कराहती रही और आखिरकार उसकी मौत हो गई।

पहले आरोपियों को मिली सजा-ए-मौत
तफ्तीश शुरू हुई और सीमा के तीनों गुनहगार गिरफ्तार हुए। दिल्ली की अदालत में उत्तराखंड की इस बेटी को न्याय दिलाने के लिए केस शुरू हुआ। निचली अदालत ने दो आरोपियों को मौत की सजा सुनाई। एक आरोपी नाबालिग था इसलिए उसे बाल सुधार गृह भेजा गया। सजा के खिलाफ आरोपियों ने दिल्ली हाइकोर्ट में अपील की। हाइकोर्ट ने भी निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा। हाइकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए आरोपियों को जानवर की संज्ञा दी। कोर्ट ने कहा – ‘ऐसे जानवर सड़कों पर शिकार के लिए निकलते हैं।’

सुप्रीम कोर्ट ने किया बरी
हाइकोर्ट के सजा-ए-मौत के खिलाफ आरोपी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। सुप्रीम कोर्ट में सालों तक मामला चला और चंद दिन पहले पर्याप्त सबूतों के अभाव में सीमा नेगी के आरोपी बरी हो गए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पुलिस इस मामले में पर्याप्त सबूत पेश करने में नाकाम हुई है। सुप्रीम के आदेश के बाद सीमा नेगी के आरोपी अब बाहर आ चुके हैं, लेकिन सीमा के परिवार समेत पूरे देश में आक्रोश है। सीमा की मां के तो आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सीमा के पिता टूट चुके हैं, लेकिन उन्होंने अभी भी हार नहीं मानी। उनका कहना है कि वो रिव्यू पेटिशन डालेंगे। बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए वो राष्ट्रपति से मिलेंगे।

वो काली रात नहीं भूलती
उत्तराखंड की इस बेटी के साथ 11 साल पहले जो हुआ, वो दरिंदगी की सारी सीमाओं से परे था। सीमा उस वक्त सेकंड ईयर की छात्रा थी, साथ ही अपने माता-पिता का हाथ बटाने के लिए गुरुग्राम में डाटा एंट्री ऑपरेटर का जॉब भी कर रही थी। अपनी ज़िंदगी को लेकर हज़ारों सपने उसकी आंखों में थे, लेकिन किसी की हवस ने उससे हमेशा के लिए उसकी ज़िंदगी छीन ली और एक परिवार से उनकी बेटी।

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