आईफोन की सबसे बड़ी फैक्ट्री में कोरोना का कहर, चीन ने रिटायर फौजियों को बुलाया

नई दिल्ली

चीन ने कोरोना के प्रकोप से बचने के लिए देश के कई इलाकों में सख्त लॉकडाउन लगा रखा है। इससे देश में आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इसमें आईफोन का प्रॉडक्शन भी शामिल है। चीन के झेंगझू में आईफोन बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी फैक्ट्री है। दुनिया के 70 फीसदी आईफोन इसी फैक्ट्री में काम करते हैं। लेकिन कोरोना लॉकडाउन के कारण इस फैक्ट्री में कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुआ है। अब चीन के सरकार ने इस फैक्ट्री में प्रॉडक्शन बढ़ाने के लिए पूर्व फौजियों को बुलाया है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के वेटरन अफेयर्स ब्यूरो ने रिटायर हो चुके सैनिकों से इस काम में मदद करने को कहा है।

बीबीसी के एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्यूरो ने मैसेजिंग एप WeChat पर एक ओपन लेटर पोस्ट किया है। इसमें कहना है कि पूर्व फौजी हमेशा से कम्युनिस्ट पार्ट की कमान में रहे हैं। अब देश को उनकी एक बार फिर जरूरत है। संकट की इस घड़ी में उन्हें देश की मदद करनी चाहिए। एपल (Apple) के लिए ठेके पर आईफोन बनाने वाली ताइवान की कंपनी फॉक्सकॉन (Foxconn) की चीन में कई कंपनियां हैं। एक करोड़ की आबादी वाले झेंगझू में आईफोन बनाने वाली फैक्ट्री में 200,000 से अधिक वर्कर्स काम करते हैं। यहां रोजाना 500,000 से अधिक फोन बनते हैं। यह संख्या पूरी दुनिया में बनने वाले आईफोन का 70 फीसदी है।

कोरोना का कहर
चीन में इस साल की शुरुआत में आई कोरोना की एक लहर के कारण फॉक्सकॉन की कुछ फैक्ट्रियों को बंद कर दिया गया था। उनमें अब भी कामकाज पूरी तरह पटरी पर नहीं लौट पाया है। प्रॉडक्शन बनाए रखने के लिए झेंगझू की फैक्ट्री को इस साल की शुरुआत से ही कोविड बबल में रखा गया है। स्टाफ में किसी को भी कोरोना होने पर उसके फैक्ट्री में ही बने क्वारंटाइन सेंटर भेज दिया जाता है। लेकिन इसके बावजूद वर्कर्स में कोरोना का प्रकोप बंद नहीं हुआ है। अक्टूबर में फैक्ट्री में कोरोना के कुछ मामले पाए गए थे। तब झेंगझू के कुछ डिस्ट्रिक्ट्स में लॉकडाउन की घोषणा की गई थी।

हालांकि यह साफ नहीं है कि फॉक्सकॉन की फैक्ट्री में कुल कितने वर्कर्स कोरोना से संक्रमित हैं। फैक्ट्री में कोरोना फैलने से वहां अफरातफरी मच गई थी। सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो आए थे जिनमें देखा जा रहा था कि कई वर्कर्स फैक्ट्री की दीवारों को फांदकर वहां से भागने की कोशिश कर रहे हैं। कई वर्कर्स को सड़कों पर पैदल चलते देखा गया था क्योंकि वहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट उपलब्ध नहीं था। इससे फैक्ट्री में कामकाज प्रभावित हुआ है। रिसर्च ग्रुप ट्रेंडफोर्स के मुताबिक फैक्ट्री में केवल दो-तिहाई उत्पादन हो रहा है।

10 हजार वर्कर्स की जरूरत
चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक फैक्ट्री में 10 हजार अतिरिक्त वर्कर्स की जरूरत है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि फॉक्सकॉन ने स्थानीय सरकार से कहा है कि हर गांव से कम से कम एक आदमी को फैक्ट्री में काम करने के लिए भेजा जाए। झेंगझू में फॉक्सकॉन सबसे बड़ा एम्प्लॉयर है। सितंबर 2022 तक कंपनी ने वहां से 261 अरब युआन से अधिक के प्रॉडक्ट्स एक्सपोर्ट किए थे।

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