’10 लाख’ का नोट देखा है! ये मौका बिल्कुल मत छोड़ना, नारंगी नोटों का राज भी जान लें

लखनऊ

क्या आपने कभी 10 लाख रुपए का नोट देखा है? अगर नहीं तो आज हम आपको वो दिखाएंगे और बताएंगे भी कि आखिर ये नोट कैसा है। वैसे यह सुनकर आप हैरान तो जरूर हो रहें होंगे। लेकिन, ऐसा है अब भले ही आपने उसपर कभी गौर न किया हो। दरअसल, हम बात कर रहें हैं उस एक रुपए की नोट की जिसकी वर्तमान समय कीमत 10 लाख रुपए के बराबर है। इसके अलावा ब्रिटिश काल के दौरान की कई नोट और सिक्के ऐसे हैं, जिनकी कीमत लाखों में हैं। गोमतीनगर के अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान में मेला लगा है। इस भारतीय मुद्रा परिषद के 104वें वार्षिक सम्मेलन में तमाम ऐसी मुद्राएं मिलेंगी जिसे देखकर आप दंग रह जाएंगे।

आज के युग में भी पुरानी मुद्रा के शौकीन लोग आपको जगह- जगह पर मिलेंगे। ऐसे लोगों में पुरानी नोट और सिक्के देखने और रखने की ख्वाहिश आज भी बनी रहती है। इसीलिए मेले का आयोजन किया जाता है। जहां पर देश के अलग- अलग राज्यों से आकर लोगों के द्वारा कई स्टॉल लगाए गए हैं। वहां पर भारी संख्या में लोग पहुंचकर उन मुद्राओं को निहारते नजर आते हैं। इस मेले में ब्रिटिश काल, हज पर मिलने वाला नोट, अरब सागर के आसपास के देशों की पुरानी करेंसी भी मिलेंगी, जिनकी कीमत लाखों में है। अब भले ही उसे खरीदे न लेकिन उनके पास वो मुद्रा हो ऐसी उत्सुकता रखती हैं।

एक रुपये के नोट की कीमत 10 लाख
लखनऊ निवासी अशोक कुमार के स्टाल पर ब्रिटिश जमाने का एक रुपये का नोट है, जिसकी कीमत दस लाख रुपये है। ब्रिटिश काल के समय की 50 रुपये का नोट आठ लाख रुपये का है। वहीं हज पर जाने वालों को मिलने वाला 10 रुपये का नोट छह लाख और अरब सागर के आसपास के देशों के लिए नारंगी रंग के एक, पांच और दस के नोट डेढ़-डेढ़ लाख रुपये के हैं। उन्होंने दो, पांच और 20 रुपये के शुरुआती भारतीय नोट भी संजो रखे हैं। वहीं दिल्ली के राहुल कौशिक के स्टॉल पर 1922 का पांच रुपये का नोट है, जिसकी कीमत करीब 35 हजार रुपये है। इसके साथ ही जॉर्ज पंचम, जॉर्ज षष्टम से लेकर अब तक के हर तरह के नोट प्रदर्शित किए हैं। इसी तरह 10, 350, 500, 550 और 1000 रुपये के सिक्के भी यहां लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करने का काम रहें हैं।

1 पैसे से लेकर 1 रुपये के 35 सिक्के
विजय नगर निवासी साम्राज्य ने भी इस मेले में हिस्सा लिया है, उनके स्टॉल पर 49 मिलीग्राम का सोने का सिक्का है। इसी के बगल में 10 लाख मिलीग्राम यानी एक किलोग्राम का चांदी का सिक्का भी है। अशोक ने 1950 में एक पैसा से लेकर एक रुपये तक के 35 सिक्के लगा रखे हैं। इसके अलावा कई दुर्लभ नंबर वाले नोटों की गड्डियां भी हैं। वहीं मऊ जिले के श्रीराम जायसवाल भी इस प्रदर्शनी में चार चांद लगाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने जीवों पर दया करो स्लोगन के तहत विविध देशों के सिक्के लगा रखे हैं, जिन पर हाथी, घोड़ा और अन्य जीव जंतुओं के चिह्न बने हैं। इसके साथ ही देश की 81 रियासतों के भी सिक्के उनकी स्टॉल पर सजे हैं।

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