नई दिल्ली
तिहाड़ जेल में पैसे और अपने असर के बूते कुछ कैदियों को खास तरह की सुविधाएं मिलना कोई नई बात नहीं है। लंबे वक्त से ऐसे आरोप लगते रहे हैं और कई मामलों में तो खुद पुलिस और जेल प्रशासन ने अपनी जांच में इन आरोपों को सही भी पाया है। इसमें पैसे के बूते जेल में ही पंखा-टीवी, बेड, गद्दा, लजीज भोजन और मोबाइल फोन की सुविधा के मामले शामिल हैं। हाल ही में सुकेश चंद्रशेखर के केस में तो जेल प्रशासन के ही कई कर्मचारी और अधिकारियों पर एक्शन भी हुआ है और दिल्ली पुलिस ने मामला भी दर्ज किया है। जेल प्रशासन का ये भी दावा है कि इस तरह की शिकायत मिलने के बाद जिम्मेदार लोगों के खिलाफ एक्शन भी लिया जाता रहा है।
स्टाइल से रहता था सुकेश चंद्रशेखर
तिहाड़ जेल में लंबे समय तक काम कर चुके एक रिटायर्ड अधिकारी ने बताया कि असल में यहां दो तरह के कैदियों को सुविधाएं मिलती हैं। एक सुविधा दबंग और खतरनाक कैदी खुद हासिल करते हैं और दूसरी तरह की सुविधा वीआईपी और पैसे वाले कैदियों के लिए होती है, जिसे रूतबा या फिर पैसे के जोर पर हासिल किया जा सकता है। एक उदाहरण 200 करोड़ रुपये की ठगी के आरोपी सुकेश चंद्रशेखर का है, जो हर महीने रिश्वत देकर तिहाड़ और रोहिणी जेल में राजशाही अंदाज में रहता था। मामले का खुलासा होने पर अब इसे यमुनापार की मंडोली जेल के एक सेल में एकांतवास में रखा गया है।
VIP की तरह रहते हैं दबंग कैदी
दबंग कैदियों की जेल में अलग तरह से सेवा होती है। इनके डर से या इनके गैंग में शामिल होने के लिए छोटा-मोटा अपराध करने वाले कैदी इनकी चाकरी करना शुरू कर देते हैं। इसमें ‘उस्ताद’ के पैर दबाना, उन्हें बैरक में ही सबसे पहले खाना खिलाना, इनका टॉयलेट साफ करना, मोबाइल फोन मुहैया कराने समेत ऐसी अन्य सुविधाएं कैदी स्वेच्छा से देते हैं। जबकि पैसों और रुतबे वाले कैदियों को उनके ओहदे और पैसा खर्च करने के हिसाब से वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जाता है। सूत्रों का कहना है कि तिहाड़ में वीआईपी सुविधाएं लेने वाला सुकेश चंद्रशेखर अकेला नहीं है, बल्कि इसकी लंबी फेहरिस्त है। जिसमें दबंग बदमाशों से लेकर चंद्रा बंधुओं और अन्य ने जेल में रहते हुए ‘हर तरह’ का सुख भोगा है।