‘भारत को महाशक्ति बनने की जरूरत नहीं, क्योंकि…’ बोले मोहन भागवत

सारण ,

आरएसएस के सर संघ चालक मोहन भागवत रविवार को बिहार में सारण जिले के दिघवारा प्रखंड के मलखाचक गांव पहुंचे. उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया. साथ ही ‘स्वाधीनता आंदोलन की बिखरी कड़ियां’ पुस्तक का विमोचन किया. इस किताब के लेखक वरिष्ठ पत्रकार रविंद्र कुमार हैं.

स्वतंत्रता आंदोलन में मलखाचक की बड़ी भूमिका
इस मौके पर मोहन भागवत ने कहा कि मलखाचक गांव की स्वतंत्रता आंदोलन में बहुत बड़ी भूमिका रही है. इस जगह पर नरम दल और गरम दल दोनों विचारों के स्वतंत्रता सेनानियों ने रणनीति बनाने का काम किया है. भगत सिंह और महात्मा गांधी भी इस भूमि पर आ चुके हैं.

इस धरती पर आना मेरा सौभाग्य
कहा कि दोनों विचार धाराओं के लोगों का यहां सम्मान होता था. यहां के युवकों ने दोनों दलों से जुड़कर स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ने का काम किया था. मोहन भागवत ने इस धरती पर आने को अपना सौभाग्य बताया.

भारत को महाशक्ति बनने की जरूरत नहीं
मोहन भागवत ने कहा कि दुनिया के लोग कह रहे हैं कि भारत महाशक्ति बनने वाला है. मैं कह रहा हूं कि भारत को महाशक्ति बनने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि जो भी देश महाशक्ति बने, उन्होंने दूसरे देशों पर डंडा चलाया है. उन्होंने कोई पराक्रम नहीं किया है.

यूक्रेन की भूमि पर अमेरिका और रूस की लड़ाई
भागवत ने कहा कि पहले रूस डंडा चलाता था. अब अमेरिका चला रहा है. चीन भी ऐसा करना चाहता है. इतना ही नहीं आज यूक्रेन की भूमि पर अमेरिका और रूस की लड़ाई चल रही है. बता दें कि भागवत का कार्यक्रम 300 से अधिक स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को सम्मानित करने का था. लेकिन समय की कमी और दरभंगा में कार्यक्रम होने के चलते उन्होंने कुछ ही स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को सम्मानित किया. बाकी सेनानियों के परिजनों को गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय और बिहार विधानसभा के नेता विपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सम्मानित किया.

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