काबुल
रूस-यूक्रेन युद्ध में पूर्व अफगान सैनिकों के शामिल होने पर तालिबान ने बड़ा खुलासा किया है। तालिबान सरकार में शरणार्थी मामलों के मंत्री खलील रहमान हक्कानी ने दावा किया है कि ईरान पूर्व अफगान सैनिकों को एक ताकत के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। वह अपने फायदे के लिए अफगान सैनिकों को जंग के लिए यूक्रेन भेज रहा है। हक्कानी ने परवान की अपनी यात्रा के दौरान कहा कि इन सैनिकों को यूक्रेन में युद्ध के अलावा सीरिया और इराक में भी लड़ने के लिए भेजा गया है। कई पश्चिमी देशों ने दावा किया था कि रूस इन लड़ाकों को पैसे देकर अपने देश की तरफ से लड़ने के लिए बुला रहा है। इन अफगान सैनिकों को अमेरिकी और ब्रिटिश सेना ने ट्रेनिंग दी है।
तालिबान बोला- हमने ईरान के सामने उठाया मुद्दा
हक्कानी ने कहा कि मैंने इस मुद्दे को ईरानी अधिकारियों के साथ साझा किया है। अफगानिस्तान के पूर्व सैनिकों को पहले इराक और सीरिया में लड़ाई में इस्तेमाल किया गया है, और यह यूक्रेन में युद्ध में भी हो सकता है। इस बीच, कुछ सैन्य विश्लेषकों ने भी दावा किया है कि ईरान उन पूर्व अफगान सैनिकों का इस्तेमाल कर रहा है, जिन्होंने तालिबान के डर से भागकर उनके देश में शरण ली है। ये सैनिक पैसे कमाने के लिए ईरान के इशारे पर हिंसक गतिविधियों में लिप्त हैं। अभी तक ऐसे सैनिकों की संख्या को लेकर कोई खुलासा नहीं हुआ है।
पूर्व सैनिक का खुलासा- पैसे कमाने के लिए मजबूर हैं
अफगानिस्तान के एक पूर्व सैनिक सरवर नियाजी ने कहा कि उन्हें न केवल इराक और सीरिया में बल्कि यूक्रेन युद्ध में भी इस्तेमाल किया गया। इसके लिए उन्हें रूस ने पैसे दिए थे। उन्होंने कहा कि परिवार का खर्च चलाने के लिए उन्हें ऐसे समूहों के साथ संपर्क करने के लिए मजबूर होना पड़ा था। सैन्य विशेषज्ञ सादिक शिनवारी ने कहा कि ईरान सहित मेजबान देशों को सैन्य बल के रूप में अफगान प्रवासियों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
ईरान ने तालिबान के आरोपों को खारिज किया
हालांकि, काबुल में ईरानी दूतावास ने इस दावे का खंडन किया कि ईरान पूर्व अफगान सैनिकों को यूक्रेन में युद्ध में लड़ने के लिए भेज रहा है। काबुल में ईरानी दूतावास के मीडिया डायरेक्टर सैयद अब्बास बद्री ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध में पूर्व अफगान सैनिकों के इस्तेमाल के बारे में अफवाहें हो सकती हैं, जिससे ईरान इनकार करता है। लगभग एक महीने पहले, फॉरेन पॉलिसी मैगजीन ने दावा किया था कि ईरान ने यूक्रेन में युद्ध के लिए कई पूर्व अफगान सैनिकों को भेजा था।