इंदौर
मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने लव जिहाद को लेकर बड़ा बयान दिया है। सीएम शिवराज ने कहा कि हम अपने राज्य में लव जिहाद को किसी भी हालत में बढ़ावा नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि कोई भी हमारी बेटियों से प्यार के नाम पर शादी कर 35 टुकड़े कर दे तो हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। टंट्या मामा के बलिदान दिवस पर इंदौर में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए सीएम शिवराज ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो हम राज्य में लव जिहाद को लेकर और कड़ा कानून बनाएंगे। लेकिन राज्य में किसी भी तरह से हम लव जिहाद के खेल को बढ़ावा नहीं देने देंगे।
सीएम ने कहा- मैं मध्यप्रदेश की धरती में लव जिहाद का खेल बिल्कुल नहीं चलने दूंगा। यदि कोई छल से हमारी बेटियों से शादी करके उसके 35 टुकड़े कर दे तो हम इसे सहन नहीं कर पाएंगे। जरूरत पड़ने पर लव जिहाद के खिलाफ कड़ा कानून बनाएंगे।
प्रदेश में कमेटी बना रहा हूं
उन्होंने ऐलान किया, “मध्य प्रदेश में भी मैं कमेटी बना रहा हूं. समान नागरिक संहिता में एक पत्नी रखने का अधिकार है तो एक ही पत्नी सबके लिए होनी चाहिए”.
पेसा एक्ट की दी जानकारी
सीएम शिवराज ने पेसा एक्ट के बारे में जनकारी देते हुए कहा कि अगर कोई भी आदिवासियों की जमीन हथियाने के लिए आदिवासी महिला से शादी करेगा तो हम ऐसा नहीं होने देंगे। सीएम शिवराज ने कहा कि पेसा एक्ट राज्य में मास्टर स्ट्रोक है।
पातालपानी रेलवे स्टेशन का बदला नाम
सीएम शिवराज सिंह चौहान टंट्या मामा के बलिदान दिवस पर मौके पर पातालपानी भी पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने बड़ी घोषणा करते हुए कहा- पातालपानी रेलवे स्टेशन का नाम बदल दिया। सीएम ने कहा- इस रेलवे स्टेशन को अब टंट्या मामा के नाम से जाना जाएंगा। बता दें कि सीएम शिवराज सिंह चौहान ने टंट्या मामा के बलिदान दिवस पर इंदौर पहुंचे थे। सीएम शिवराज ने इस दौरान भंवरकुआं चौराहा स्थित टंट्या मामा की प्रतिमा का अनावरण किया।
एमपी में 2023 में होने हैं चुनाव
बता दें कि मध्यप्रदेश में 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं। विधानसभा चुनाव में आदिवासी वोटर्स को साधन के लिए सीएम शिवराज ने राज्य में पेसा एक्ट लागू किया है। इस एक्ट के लागू होने से राज्य में ग्रामसभा को ताकतें दी गई हैं।
गुजरात और उत्तराखंड में हो चुकी है घोषणा
बता दें कि इससे पहले गुजरात में भी अक्टूबर में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए कमेटी के गठन का ऐलान किया गया था. इसे गुजरात चुनाव से जोड़कर भी देखा गया था. वहीं उत्तराखंड में भी चुनाव से समान नागरिक संहिता करने की घोषणा की गई थी. सरकार बनने के बाद इसे लागू किया गया था.