तेहरान
ईरान में दो महीने से चल रहे हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों को बड़ी जीत मिली है। ईरान के प्रॉसिक्यूटर जनरल ने कहा है कि नैतिकता पुलिस को सस्पेंड कर दिया गया है। ईरान में महिलाओं को एक ड्रेस कोड का पालन करना पड़ता है। इस ड्रेस कोड का पालन न करने के आरोप में राजधानी तेहरान में नैतिकता पुलिस की एक यूनिट ने 22 साल की महसा अमीनी को गिरफ्तार किया था। बाद में उसकी मौत हो गई, जिसके बाद से प्रदर्शन देखने को मिल रहा था।
ईरान के अधिकारी देश में हुए इस प्रदर्शन के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ बताते रहे हैं। प्रॉसिक्यूटर जनरल मोहम्मद जाफर मोंटाजेरी शनिवार को एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि नैतिकता पुलिस का अभियान खत्म हो गया है। यह कार्यक्रम इसलिए आयोजित किया गया था, ताकि हाल के दंगों को हाइब्रिड युद्ध के रूप में रेखांकित किया जा सके। यह पूछे जाने पर कि आखिर पुलिस को स्पेंड क्यों किया गया, इस पर उन्होंने कहा, ‘नैतिकता पुलिस का न्यायपालिका से कोई संबंध नहीं है और इसे उसी जगह बंद कर दिया गया था, जहां इसकी शुरुआत हुई थी।’
इन सवालों के अभी भी नहीं मिले जवाब
अभी तक इस बात की कोई अन्य पुष्टि नहीं हुई है कि नैतिकता पुलिस का काम खत्म कर दिया गया है। इसके साथ ही मोंटेज़ेरी ने यह भी नहीं कहा है कि नैतिकता पुलिस को हमेशा के लिए खत्म कर दिया गया है। यह भी तय नहीं हुआ है कि क्या अनिवार्य ड्रेस कोड को खत्म किया जाएगा या नहीं। ईरान की नैतिकता पुलिस से जुड़े कर्मी सफेद और हरे रंग की वैन से चलते थे और कहीं भी उतर कर महिलाओं को अपने हिजाब ठीक करने को कहते थे। कई बार वह डंडों से पिटाई भी कर देते थे। अगर जरूरत पड़े तो महिलाओं को प्रशिक्षण केंद्र में भी ले जाया जाते थे। लेकिन हाल के दिनों में इसे तेहरान और अन्य शहरों में नहीं देखा गया है।
‘महसा को पीटा गया’
महसा अमीनी से जुड़ा एक सीसीटीवी फुटेज भी है, जिसमें दिख रहा है कि प्रशिक्षण केंद्र में उसे ले जाया जाता है, जहां उसे हार्ट अटैक आ जाता है। तीन दिन तक कोमा में रहने के बाद उसकी मौत हो जाती है। महसा के परिवार का आरोप है कि उसे नैतिकता पुलिस ने पीटा था। हिजाब से जुड़े इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुई थीं। वह महसा के पोस्टर लेकर चल रही थीं। महिलाओं ने इस दौरान अपने हिजाब को जलाकर और बालों को काट कर सांकेतिक रूप से विरोध भी जताया।