नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के उच्च सदन राज्यसभा में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का स्वागत किया। शीतकालीन सत्र की शुरुआत में स्वागत भाषण के दौरान पीएम मोदी ने राजस्थान के झुंझुनू के किसान परिवार से निकलकर देश के उपराष्ट्रपति के पद तक का सफर तय करने वाले धनखड़ के संघर्षों की दास्तान सुनाई। इस दौरान पीएम ने सीनियर वकील रहे धनखड़ से चुटकी लेते हुए कहा कि आपको सदन में अदालत वाला मूड और मिजाज मिलेगा क्योंकि यहां कई ऐसे लोग हैं, जिनसे आप सुप्रीम कोर्ट में मिला करते थे।
पीएम मोदी ने कहा, ‘संघर्षों के बीच स्थान बनाते हुए आज जहां तक पहुंचे हैं, वो अपने आप में कई लोगों के लिए प्रेरणा का कारण है। किठाना के लाल की उपलब्धियों को देश देख रहा है। उसकी खुशी का ठिकाना नहीं है। झुंझुनू का शायद ही कोई ऐसा परिवार होगा, जिसने देश की सेवा में भूमिका ना निभाई हो। आप स्वयं सैनिक स्कूल के विद्यार्थी रहे हैं। आपमें किसान और जवान दोनों समाहित हैं। आज सभी देशवासियों को आर्म्ड फोर्सेज फ्लैग डे की बधाई देता हूं। मैं सेना को सैल्यूट करता हूं।’
उन्होंने कहा, ‘संसद का उच्च सदन ऐसे समय में आपका स्वागत कर रहा है, जब दुनिया ने भारत को जी-20 समिट की मेजबानी का दायित्व सौंपा है। साथ ही यह समय अमृतकाल के आरंभ का समय है। नए विकसित भारत के साथ ही दुनिया की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस महत्वपूर्ण कालखंड में सदन को आपके जैसा प्रभावी मार्गदर्शन मिला है। यह सदन देश के संकल्पों को पूरा करने का प्रभावी मंच बनेगा।’
द्रौपदी मुर्मू और रामनाथ कोविंद का भी जिक्र
पीएम ने कहा, ‘आदरणीय सभापति महोदय आज आप संसद के उच्च सदन के मुखिया के रूप में अपनी नई जिम्मेदारी तक औपचारिक आरंभ कर रहे हैं। इस उच्च सदन के कंधों पर भी जो जिम्मेदारी है, उसका भी सबसे पहला सरोकार देश के सबसे निचले पायदान पर खड़े सामान्य मानवी के हितों से ही जुड़ा हुआ है। देश अपने दायित्व को समझ रहा है और उसका पूरा जिम्मेदारी से पालन कर रहा है। आज पहली बार महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के रूप में देश की गौरवशाली आदिवासी विरासत हमारा मार्गदर्शन कर रही है। इसके पहले रामनाथ कोविंद जी भी वंचित समाज से निकलकर देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचे थे। और आज आप किसान के बेटे के रूप में करोड़ों देशवासियों के गांव, गरीब और ऊर्जा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।’
… जब पीएम ने किया अदालत का जिक्र
धनखड़ के जीवन के बारे में पीएम मोदी ने कहा, ‘आपका जीवन इस बात का प्रमाण है कि सिद्धि सिर्फ साधनों से ही नहीं, बल्कि साधना से मिलती है। आप कई किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल जाया करते थे। गांव, गरीब और किसान के लिए आपने जो भी किया, वह सामान्य व्यक्ति के लिए एक उदाहरण है। आपके पास सीनियर एडवोकेट के रूप में 3 दशक से ज्यादा का अनुभव है। मैं विश्वास से कह सकता हूं कि इस सदन में आप कोर्ट की कमी को महसूस नहीं करेंगे। राज्यसभा में बड़ी संख्या में ऐसे लोग ज्यादा हैं जो आपको सुप्रीम कोर्ट में मिला करते थे। इसलिए आपको मूड और मिजाज भी आपको अदालत की याद दिलाता रहेगा। आपको दोनों तरफ से दलीलें सुनने को मिलेंगी।’
पीएम मोदी ने बताया क्या होता है नायक
उन्होंने आगे कहा, ‘अपने सांसद, विधायक से लेकर मंत्री और गवर्नर तक की भूमिका में काम किया है। देश के विकास के लिए आपकी निष्ठा इन सभी भूमिकाओं में कॉमन रहीं। आपके यह सारे अनुभव देश और लोकतंत्र के लिए जरूरी हैं। आप राजनीति में भी दलगत सीमाओं से ऊपर उठकर सबको साथ जोड़कर काम करते रहे हैं। उपराष्ट्रपति के चुनाव में आपका वो अपनापन हम सबने देखा परंतु 75 प्रतिशत वोट पाकर जीत हासिल करना अपने आप में अहम रहा है। हमारे यहां कहा जाता है कि नयति इति नायकः, मतलब जो हमें आगे लेकर जाए, वही नायक होता है। यही नेतृत्व की परिभाषा है।’
पीएम मोदी बोले, ‘जब आपके जैसा जमीन से जुड़ा हुआ नेतृत्व सदन को मिला है, तो मैं यह मानता हूं कि यह सदन के सभी सदस्यों के लिए सौभाग्य है। राज्यसभा देश की महान लोकतंत्र विरासत की संवाहक और शक्ति है। हमारे कई प्रधानमंत्री ऐसे भी हुए हैं, जिन्होंने कभी ना कभी राज्यसभा सदस्य के रूप में कार्य किया। अलग-अलग भूमिकाओं का निर्वाहन किया।’