हिमाचल की अकेली महिला विधायक रीना कश्यप बोलीं- कोई दबा नहीं सकता आवाज

नई दिल्ली

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में केवल एक महिला निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंची हैं। बीजेपी की रीना कश्यप ने पच्छाद से चुनाव जीता है। उन्होंने अपनी जीत का श्रेय भाजपा द्वारा महिला सशक्तिकरण नीतियों को दिया है। वह कहती हैं कि उनका काम अभी शुरू हुआ है। पच्छाद सीट प्रदेश का एकमात्र निर्वाचन क्षेत्र था, जहां दो महिला उम्मीदवार मैदान में थीं। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर लड़ रही पूर्व भाजपा नेता दयाल प्यारी को 3,857 मतों से हराया।

मैं किसी से नहीं डरती- रीना कश्यप
रीना कश्यप ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “मेरा हमेशा से मानना ​​रहा है कि राजनीति में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। बीजेपी सरकार ने पिछले पांच वर्षों में महिलाओं से संबंधित कई योजनाओं की पेशकश की, जो जमीन पर दिखती है। यह न केवल मेरे लिए बल्कि मेरे निर्वाचन क्षेत्र के लिए भी एक महत्वपूर्ण जीत है।” बता दें कि राज्य में कुल 27.36 लाख महिला मतदाताओं में से, 21.01 लाख ने अपने मतदान का प्रयोग किया, जो एक रिकॉर्ड है। हिमाचल ( में पुरुषों ने 20.20 लाख वोट डाले हैं। कुल 24 महिला प्रत्याशी मैदान में थीं।

पुरुषों की भरी विधानसभा में अपनी मौजूदगी का एहसास कराने की चुनौती के बारे में रीना कश्यप ने कहा, “मैं अपनी आवाज उठाऊंगी। सदन में और भी भाजपा सदस्य हैं और उनका समर्थन रहेगा। जैसा कि जमीन पर है। यह सदन में भी दिखाई देगा। मैं किसी चीज से नहीं डरती।” हिमाचल में केवल एक विधायक चुनकर विधानसभा पहुंची हैं।

प्रदेश अध्यक्ष इसी इलाके से आते हैं
पच्छाद को बीजेपी का गढ़ माना जाता है, जहां पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप इसी इलाके से आते हैं और पिछली दो बार से इस सीट से जीत हासिल कर चुके हैं। 2019 में उनके सांसद बनने के बाद जिला परिषद सदस्य दयाल प्यारी को 2019 में हुए पच्छाद उपचुनाव के लिए टिकट पाने की दौड़ में सबसे आगे देखा गया था। हालांकि उन्हें टिकट नहीं मिला।

बीजेपी ने उपचुनाव में भी रीना कश्यप पर जताया था भरोसा
जब भाजपा ने पच्छाद उपचुनाव के लिए जिला परिषद सदस्य रीना कश्यप को चुना, तो दयाल प्यारी ने निर्दलीय चुनाव लड़ा। लेकिन कश्यप जीत गईं। हाल के चुनावों में रीना कश्यप ने स्थानीय एससी समुदायों के साथ बातचीत की ताकि उन्हें यह विश्वास दिलाया जा सके कि भाजपा सरकार द्वारा हत्तियों को दिए गए एसटी दर्जे से उनके अधिकार प्रभावित नहीं होंगे।

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