मुंबई
महाराष्ट्र के पुणे जिले के पिंपरी चिंचवड शहर में कैबिनेट मंत्री चंद्रकांत पाटिल पर स्याही फेंकी गई। डॉ. बीआर अंबेडकर और महात्मा ज्योतिबा फुले पर मंत्री की टिप्पणी को लेकर उन पर अज्ञात व्यक्तियों ने स्याही फेंकी। इस घटना के बाद महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर में कहा, “यह बहुत ही दुखद घटना है। चंद्रकांत पाटिल ने जो बात कही थी उसका अर्थ समझना चाहिए था। उसका अर्थ ये था कि डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर या कर्मवीर भाऊराव पाटिल ने कभी भी सरकार से अनुदान मांगकर संस्थाएं नहीं चलाई। उन्होंने लोगों के शिक्षा की व्यवस्था समाज से पैसा खड़ा कर और दानवीर लोगों को साथ में लेकर किया। मगर उनके शब्दों को पकड़कर इस तरह की घटना करना बहुत गलत बात है।”
बीआर अंबेडकर और ज्योतिबा फुले पर की थी टिप्पणी: इस दौरान कैबिनेट मंत्री के विरोध में नारेबाजी भी की गयी। इस घटना के दौरान मौके पर हड़कंप मच गया। भाजपा नेता और महाराष्ट्र के उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल पर शनिवार शाम को तीन अज्ञात लोगों ने तब स्याही फेंकी, जब वह पिंपरी-चिंचवाड़ में पार्टी के एक नेता के घर से बाहर निकल रहे थे। पुलिस ने तुरंत मंत्री पर स्याही फेंकने वालों को पकड़ लिया है। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है। आरोपियों ने कहा कि वह पाटिल के एक बयान से भड़क गए थे।
गौरतलब है कि शुक्रवार को औरंगाबाद शहर में महात्मा फुले, डॉ. भीमराव अंबेडकर और कर्मवीर भाऊराव पाटिल को लेकर चंद्रकांत पाटिल ने विवादास्पद बयान दे दिया था। एक कार्यक्रम में बोलते हुए पाटिल ने शुक्रवार को कहा, “जिन्होंने स्कूल शुरू किए, अंबेडकर, फुले वो सरकारी सहायता पर निर्भर नहीं थे। उन्होंने लोगों के पास जाकर भीख मांगकर स्कूल शुरू किया, मैं एक स्कूल शुरू कर रहा हूं, कृपया मुझे पैसे दें।”
चंद्रकांत पाटिल ने दी सफाई: उनके शब्दों को इन नेताओं के अपमान के रूप में लिए जाने के बाद चंद्रकांत पाटिल ने स्पष्ट किया कि उनका मतलब था कि इन नेताओं ने दान से मिले सार्वजनिक धन से स्कूलों की स्थापना की गई थी। मेरा मतलब था चंदा मांगना कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी, दान या क्राउडफंडिंग की वर्तमान अवधारणा के समान है।”